Interesting But Troublesome-Same Name Candidates: दमोह से 4 जयंत, कुछ और मंत्रियों के लिए मिलते जुलते नाम वाले प्रत्याशी बने मुसीबत
Interesting But Troublesome
भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री और दमोह से भाजपा उम्मीदवार जयंत मलैया के अलावा तीन और जयंत चुनाव मैदान में है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया सहित कई भाजपा कांग्रेस विधायकों के सामने खड़े उनके नाम से मिलते जुलते उम्मीदवार इन प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
विधानसभा चुनाव में जहां राजनीतिक दलों से टिकट न मिलने पर बागी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार जीत हार के समीकरण बिगाड़ते हैं तो वहीं जीत की संभावना वाले उम्मीदवारों के वोट काटने के लिए विपक्षी दल के प्रत्याशी इन उम्मीदवारों के नाम से मिलते जुलते नाम वाले डमी उम्मीदवारों को मैदान में उतार देते हैं, ताकि मतदाता दिगभ्रमित हो और वोट किसी और को मिल जाए।
दमोह विधानसभा क्षेत्र की ही बात करें तो यहां पूर्व मंत्री और बीजेपी की सीट से चुनाव लड़ रहे जयंत मलैया के सामने तीन जयंत मैदान में है। इनमें एक जयंत, दूसरे जयंत कुमार और तीसरे जयंत भैया मैदान में है चौथे जयंत कुमार भी मैदान में थे लेकिन उनका नामांकन निरस्त हो गया।
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अटेर से चुनाव लड़ रहे सहकारिता मंत्री और भाजपा उम्मीदवार अरविंद भदौरिया के सामने एक निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद त्यागी चुनाव मैदान में है। वही प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जो बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं उनके सामने भूपेंद्र सिंह लोधी और भूपेंद्र भैया दो निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। रहली से कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह के सामने राष्ट्रीय समानता दल ने रविंद्र सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतार दिया है।
सुरखी विधानसभा क्षेत्र से जहां कांग्रेस ने नीरज शर्मा को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं उनके सामने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नीरज शर्मा मैदान में डटे हुए हैं। रीवा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र शर्मा मैदान में है तो वहीं उनके सामने भाजपा से भी राजेंद्र शुक्ला चुनाव मैदान में है।
नरेला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने मनोज शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है तो उनके सामने एक निर्दलीय उम्मीदवार मनोज मैदान में है। यह मिलते जुलते नाम वाले उम्मीदवार मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए मैदान में है और जीतने की संभावना वाले उम्मीदवार के वोट काटने और उनकी जीत का समीकरण बिगड़ने के लिए यह मैदान में है।