International Tea Day 2025: तो हो जाए…एक कप अदरक इलायची वाली चाय!!

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International Tea Day 2025: तो हो जाए…एक कप अदरक इलायची वाली चाय!!

संजीव शर्मा 

गरमागरम चाय की चुस्की के साथ अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2025 (International Tea Day 2025) की शुभकामनाएँ..

हर साल आज के दिन यानि 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है, जो न केवल एक पेय की महिमा का उत्सव है, बल्कि इसके पीछे छिपी सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक कहानियों का भी सम्मान करता है।

चाय, जिसे भारत में “चाय” और दुनिया के कई हिस्सों में “टी” के नाम से जाना जाता है, सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक जीवनशैली, परंपरा और आत्मीयता का प्रतीक है। वैसे तो, चाय की कहानी हजारों साल पुरानी है, जो चीन से शुरू होकर विश्व के कोने-कोने तक फैली लेकिन भारत में चाय ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान लोकप्रिय हुई, और आज यह देश की आत्मा का हिस्सा है। असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी की चाय ने विश्व स्तर पर अपनी सुगंध और स्वाद से पहचान बनाई है।

चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि संस्कृतियों को जोड़ने का माध्यम है। भारत में सुबह की चाय परिवार के साथ बातचीत का बहाना है, तो दोस्तों के साथ “चाय पर चर्चा” विचारों का आदान-प्रदान। चाय उद्योग लाखों लोगों के लिए आजीविका का स्रोत है। भारत, चीन, श्रीलंका, और केन्या जैसे देशों में चाय की खेती और उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। विशेष रूप से भारत में, असम और दार्जिलिंग के चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों की मेहनत इस उद्योग को जीवंत रखती है।

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस टिकाऊ खेती, उचित मजदूरी और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को प्रोत्साहित करता है। चाय न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। ग्रीन टी, ब्लैक टी, और हर्बल टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो तनाव कम करने, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में भी चाय को विभिन्न औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है। हालांकि, चाय का सेवन संतुलित मात्रा में जरूरी है, क्योंकि अधिक चाय पीने से इसमें मौजूद कैफीन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक भावना है। यह वह पल है जब आप सुबह की ताजगी में एक घूंट लेते हैं, या शाम की थकान को दोस्तों के साथ चाय की चुस्कियों में भूल जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस हमें इस साधारण पेय के पीछे की असाधारण कहानियों को याद करने का अवसर देता है। यह हमें उन मेहनती हाथों का सम्मान करने का मौका देता है जो चाय की पत्तियों को हमारे कप तक पहुंचाते हैं।

आइए, इस अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर एक कप चाय के साथ नई शुरुआत करें। यह कप न केवल स्वाद से भरा हो, बल्कि परस्पर प्रेम, एकता, और सतत संवाद के संदेश से भी भरा हो। तो, उठाइए अपनी पसंदीदा चाय का कप..चियर्स!!

(लेखक समाचार संपादक आकाशवाणी भोपाल है)