New Delhi : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जनता की असहिष्णुता के कारण एक कंपनी को हाल ही में करवा चौथ का विज्ञापन वापस लेना पड़ा। उन्होंने जनता की असहिष्णुता की वजह से समलैंगिक जोड़े को प्रदर्शित करने वाले करवा चौथ के विज्ञापन वापस लेने पर नाराजगी जताई और कहा कि पुरुषों और महिलाओं को मानसिकता बदलने की जरूरत है।
नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) की और से आयोजित कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर महिलाओं के सशक्तिकरण विषय पर कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको मालूम ही होगा कि दो दिनों पहले एक कंपनी को करवा चौथ का विज्ञापन हटाना पड़ा। समलैंगिकों के करवा चौथ मनाने का विज्ञापन था। लेकिन, जनता के विरोध के कारण उस विज्ञापन को हटाना पड़ गया।
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के अधिकार के बारे में जागरूकता तभी सार्थक हो सकती है, जब हमारा यंग जेनरेशन इसके लिए जागरूक बने। महिलाओं के अधिकार और उनके सशक्तिकरण के लिए घरेलू हिंसा कानून और कार्यस्थल पर सेक्सुअल हैरेसमेंट (Sexual Harassment) को रोकने के लिए कानून बने हैं। महिलाओं के लिए कई कानून बने हैं। लेकिन, कानून और समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति में फर्क है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।
डाबर इंडिया लिमिटेड (Dabur India Limited) के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाए जाने को आपत्तिजनक बताया गया। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने भी कंपनी पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। डाबर ने पिछले दिनों उक्त विज्ञापन वापस ले लिया।