Investigation Into Corporation’s Fraud Started : निगम घोटाले की हाई लेवल जांच कमेटी ने जांच शुरू की!

हाई लेवल जांच कमेटी ने भुगतान प्रक्रिया समझी और कई दस्तावेज मांगे!

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Investigation Into Corporation’s Fraud Started : निगम घोटाले की हाई लेवल जांच कमेटी ने जांच शुरू की!

Indore : नगर निगम हुए करोड़ो के फर्जी बिल घोटाले की जांच शासन की हाईलेवल जांच कमेटी शुरू कर दी। गुरुवार दोपहर कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव (वाणिज्यिक कर) अमित राठौर और सदस्य सचिव वित्त विभाग अजीत कुमार निगम मुख्यालय पहुंचे साथ में कलेक्टर आशीष सिंह और निगम आयुक्त शिवम वर्मा भी थे।

जांच समिति द्वारा लगभग सवा घंटे तक घोटाले के संबंध में बारीकी से जानकारी ली गई, इसके साथ नगर निगम में प्राइवेट ठेकेदारों को भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया समझी। किसी भी काम की डिमांड जनरेट होने से लेकर निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बिल भुगतान संबंधी जानकारी ली गई। जांच समिति ने 2010 से 2024 तक निगम द्वारा किए ड्रेनेज विभाग के भुगतान संबंधी दस्तावेज मांगे। इसके अलावा ई-पालिका पोर्टल पर 2018 से अपलोड बिलों की जानकारी मांगी।

इस दौरान ड्रेनेज विभाग के एई सुनील गुप्ता को भी बुलाया गया, लेकिन हाई लेवल कमेटी ने गुप्ता से बात नहीं की सदस्यों ने कहा अभी इसकी जरूरत नहीं है। गुप्ता पूरे समय आयुक्त पीए रूम के बाहर बैठे रहे। कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर ने बताया कि टीम ने फिलहाल जांच शुरू की है, भुगतान की प्रक्रिया समझी है, अभी यह पहला कदम है इसलिए हम ज्यादा कुछ नहीं बता सकते।

कमेटी ने पूछा कैसे होता बिल भुगतान
निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि भोपाल से आयी जांच कमेटी ने अपनी पड़ताल शुरू कर दी है, जिसके तहत कमेटी ने अपने पहले दौरे में निगम से अनेक दस्तावेज मांगे गए। पिछले 14 सालों में नगर निगम द्वारा कौन-कौनसी एजेंसी को किस काम के लिए कब कितने रूपए का भुगतान किया इसकी जानकारी मांगी। इसके अलावा जब से ई-नगर पालिका पोर्टल से बिलों का भुगतान होना आरंभ हुआ, तब से अब तक के बिल मांगे है।

कमेटी ने इंदौर नगर निगम में पेमेंट भुगतान की जानकारी मांगी। जिसमें यह बताया कि नगर निगम में ऑनलाइन भुगतान कैसे होता है? ठेकेदार एजेंसी के भुगतान को स्वीकृति का अधिकार किसको है? इस पर साइनिंग अथॉरिटी किस की होती है? जैसी जानकारी मांगी है। इसके अलावा निगम के सभी अपर आयुक्त से भी इस संबंध बात की। खासकर लेखा अपर आयुक्त देवधर धरवाई से भुगतान की प्रक्रिया समझी। आडिट विभाग के काम की जानकारी ली गई। निगम आयुक्त वर्मा ने बताया तीन से चार दिनों में दस्तावेज कमेटी सौंप दिए जाएंगे।