

Investigation of Fake B.Ed Colleges : फर्जी नर्सिंग कॉलेज के बाद अब बीएड कॉलेजों का फर्जीवाड़ा, EOW जांच शुरू!
Bhopal : फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के बाद अब फर्जी बीएड कॉलेजों के संचालन का भी मामला सामने आया है। जांच रिपोर्ट्स के अनुसार, कई कॉलेज बिना उचित मानकों के केवल एक किराए के कमरे में बोर्ड लगाकर विद्यार्थियों से कोर्स के नाम पर 1 लाख रुपए तक की फीस वसूल रहे हैं। ये कॉलेज अपने यहाँ से एमएड करने वाले छात्रों को फैकल्टी के रूप में पेश कर रहे हैं, जो सही नहीं है।
स्थानीय विश्वविद्यालयों ने भी ऐसे फर्जी कॉलेजों को मान्यता दे रखी है। लगभग 400 बीएड कॉलेजों में अधिकांश राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मानकों का पालन नहीं कर रहे। इस पर कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने जांच शुरू कर दी और बरकतउल्ला भोपाल, उज्जैन तथा इंदौर विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में 20 फरवरी तक कॉलेजों के भवन परिसर, फैकल्टी और भुगतान संबंधी बैंक खातों की जानकारी मांगी गई है।
इंदौर का कॉलेज समूह इस जांच में प्रमुखता से सामने आया , जहाँ एमएड छात्रों को फैकल्टी बताया गया। यह समूह इंदौर के अलावा सेंधवा, धार, खरगोन और राजगढ़ में भी बीएड कॉलेज संचालित कर रहा है। इससे पहले ग्वालियर में एसटीएफ ने तीन फर्जी बीएड कॉलेजों का पर्दाफाश किया था। आरोपी संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जांच में यह पाया गया था कि ये कॉलेज किराए के कमरे में चलाए जा रहे थे और स्थानीय विश्वविद्यालय से उनकी संबद्धता थी। ईओडब्ल्यू द्वारा नोटिस जारी होने के बाद संबंधित पक्षों से जानकारी एवं दस्तावेज जुटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई!