Investment Fraud : महिला की मीठी बातों में फंसकर डॉक्टर ने निवेश के नाम गंवाए ₹3 करोड़, दो गिरफ्तार!

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Investment Fraud : महिला की मीठी बातों में फंसकर डॉक्टर ने निवेश के नाम गंवाए ₹3 करोड़, दो गिरफ्तार!

कई बहाने और डर बताकर डॉक्टर से 64 बार ट्रांजेक्शन करवाया!

Indore : एक डॉक्टर के पास महिला का कॉल आया। महिला ने मीठे शब्दों में शेयर मार्केट में निवेश का झांसा दिया। अधिक पैसा कमाने की नीयत से डॉक्टर ने 3 करोड़ 8 लाख 36 हजार 293 रुपए गंवा दिए। जब पैसे वापस नहीं मिले तो बेटे को बताया। बेटे की समझाइश के बाद पुलिस को शिकायत की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो आरोपियों के पांच साथी पहले इस तरह के मामले में सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।

क्राइम ब्रांच को डॉक्टर ने बताया कि व्हाट्सअप कॉल से अज्ञात महिला ने संपर्क कर आनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल वीबुल के बारे में बताया। इसके बाद 8 अगस्त को लिंक भेजी। लिंक पर रजिस्टर करने के बाद निवेश शुरू किया। हर बार निवेश पर काफी फायदा पोर्टल वीबुल पर दिखा। पैसा वीबुल के वॉलेट अकाउंट आईडी-1086166 में यूएसडीटी में दिखता था। जब मैंने वीबुल पोर्टल के वॉलेट से पैसे निकलना चाहा तो 2 बार पैसा मेरे बैंक में आया। इससे मेरा विश्वास जीतकर विभिन्न दिनों में अज्ञात महिला द्वारा दिए बैंक खातों में रुपए जमा कराकर पैसा इंवेस्ट करते रहे।

मुझे ज्यादा पैसा कमाने का प्रलोभन दिया जाता रहा। एक करोड़ से ज्यादा निवेश कर लिया। जब मैंने दीपावली के पहले कुछ पैसा निकालने का आवेदन वीबुल कंपनी के व्हाट्सअप कस्टमर केयर नंबर पर किया, तो ठग आनाकानी करने लगे। पहले बोले की जितना प्रॉफिट हुए उसका इनकम टैक्स (30%) चुकाना पड़ेगा, जिसकी रसीद भी देंगे, जो भारत में कहीं भी मान्य होगी। उनकी बात पर भरोसा कर मैंने 55 लाख रुपए टैक्स के रुप में विभिन्न दिनांकों में उनके बताए खातों में जमा किए। टैक्स जमा करने के बाद जब कंपनी के वॉलेट से पैसा निकालना चाहा, तो वीबुल कंपनी पोर्टल ने नया व्यवधान डाला।

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पैसे जमा करने का बोला झूठ

अज्ञात महिला ने बताया कि मेरे बैंक में पैसे जमा कर दिए हैं और मेरे कंपनी के वालेट से इतनी रकम कम भी हुई थी। किन्तु वह रकम मेरे बैंक अकाउंट में जमा नहीं हुई। कस्टमर केयर व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क किया तो जवाब आया कि आपकी रकम को रिजर्व बैंक ने रोक दिया और उसको खोलने के लिए ग्रीन चैनल ओपन करना पड़ेगा, जिसकी फीस 30 लाख रुपए है। यदि नहीं दोगे तो आपका पूरा पैसा डूब जाएगा। परेशान होकर मैंने 30 लाख रुपए जमा किए, फिर भी मुझे राशि प्राप्त नहीं हुई।

ऐसे बहानों से 64 ट्रांजेक्शन के माध्यम से पैसे जमा कराए

इसके बाद कहा गया कि डिजीटल करेंसी एंड फंड एग्रीमेंट, डिजीटल करेंसी एंड फंड सिक्युरिटी एग्रीमेंट के संबंध में 17,81,600 रुपए की मांग कर कहा कि यदि रुपए नहीं दिए तो सारा पैसे डूब जाएगा। पैसे की उम्मीद में 17,81,600 रुपए जमा करा दिए। फिर से रुपए निकलना चाहा तो कंपनी ने पैसे ऐंठने का नया दांव खेला और कहा कि सारी रकम जो कंपनी के वालेट में है। उसकी सुरक्षा के लिए इंटरनेशनल ब्लाक चेन सर्वर सिक्युरिटी इंश्यूरेंस करना पड़ेगा, जो ग्लोबल डीसीए इंश्यूरेंस कंपनी द्वारा होगा। उसके लिए 25 लाख रुपए देना होंगे, वरना पैसे और अकाउंट दोनों खत्म कर देंगे। तब मैंने उनके बताए अनुसार अकाउंट में 25 लाख रुपए जमा कर दिए थे। समय-समय पर कंपनी के कस्टमर केयर व्हाट्सअप नंबर एवं अज्ञात महिला द्वारा बताए खाते में मैंने 64 ट्रांजेक्शन के माध्यम से 3 करोड़ 8 लाख 36 हजार 293 रुपए जमा करा दिए।

इस मामले में पुलिस ने पिछले दिनों आनंद पहाड़िया निवासी हवा बंगला, मोहित भावसार एरोड्रम, मोहम्मद रेहान निवासी उज्जैन, शाहरुख कुरैशी निवासी उज्जैन, एजाज खान निवासी उज्जैन को गिरफ्तार किया था।

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लालच में दिया था बैंक खाता

आनंद ने पूछताछ बताया कि उसने अपना बैंक खाता आरोपी मोहित के माध्यम से ठग गैंग को 50 हजार रुपए के लालच में दिया था। आरोपी मोहित ने बताया कि उसने आनंद का बैंक खाता आरोपी कुलदीप के माध्यम से आरोपी अमन नामदेव को दिया था। आरोपियों की निशानदेही पर आरोपी कुलदीप पगारे निवासी राजनगर तथा अमन नामदेव निवासी हाईलिंक सिटी एरोड्रम को गिरफ्तार किया।

इंजीनियर है आरोपी

कुलदीप ने बताया कि वह प्रॉपर्टी का कार्य करता है। उसने आनंद का बैंक खाता अमन को 10% कमीशन पर उपलब्ध कराया था। अमन ने बताया कि वह बीई इंजीनियर होकर प्रॉपर्टी का कार्य करता है। गैंग से जुड़े आरोपियों को बैंक खाते में उपलब्ध रुपए को विड्रॉल करने के लिए पहले खाताधारक बनकर बैंक से नेट बैंकिंग ब्लॉक कराना, खाता धारक के एटीएम से रुपए विड्रॉल कराने का कार्य एवं सिमकार्ड ब्लॉक कराना सहित समस्त तकनीकी कार्य किया जाता है।