
मां सीताजी के भव्य मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में आमंत्रण, बगलामुखी माता को प्रथम आमंत्रण देकर की विधिवत शुरूआत
नलखेड़ा (शाजापुर) से पत्रकार शिवपाल सिंह की रिपोर्ट
शाजापुर। रामायण रिसर्च काउंसिल सीतामढ़ी में राघोपुर बखरी स्थित श्रीराम जानकी मठ के जीर्णोद्धार एवं शक्ति-स्वरूप में मां सीताजी के मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में आमंत्रण देगी। काउंसिल के अध्यक्ष श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी सांदीपेंद्रजी महाराज ने रविवार को मध्यप्रदेश में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी माता को प्रथम आमंत्रण देकर इसकी विधिवत शुरूआत की। नलखेड़ा के दर्जनों पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच मंदिर प्रांगण स्थित कालभैरवजी को और श्रीहनुमानजी को भी उन्होंने आमंत्रण-पत्र दिया।
इस अवसर पर काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि हमने सीतामढ़ी में मां सीताजी को श्रीभगवती स्वरूप में स्थापित करने का संकल्प लिया था। उसके लिए रविवार से जनमानस को आमंत्रण देने की शुरूआत हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह अभियान इसलिए हैं ताकि इस विषय से आम जनमानस जुड़ सके। जिन्हें जिस स्वरूप में सहयोग देना हो, वह उसमें अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वह शुरू से कह रहे हैं कि उनका उद्देश्य केवल मंदिर निर्माण करना नहीं है, बल्कि मां सीताजी का जीवन-आदर्श विश्वभर में कैसे प्रसारित हो सके। इस पर काउंसिल कार्य कर रही हैं। उन्होंने विश्वभर की मातृशक्ति एवं सनातन प्रेमियों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि आमजन की सुगमता के लिए शीघ्र ही इस अभियान को ऑनलाइन भी किया जाएगा। काउंसिल अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही वह सीतामढ़ी में राघोपुर बखरी स्थित मां सीताजी के इस मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न समितियों का भी गठन करेंगे। इस अवसर पर दिलीप शर्मा, देशराज शर्मा, योगेश शर्मा, लालचंद शर्मा के नेतृत्व में दर्जनों पंडित उपस्थित रहे। वहीं संजीव सिंह, रोहित सकलेचा, राजेश सिंह, राजीव गुप्ता, रत्ना शुक्ला, दिलीप सकलेचा, दिनेश राठौर, पप्पू मकवाना, विजय सोनी, गोवर्धन वेदिया, दिलीप खंडेलवाल भी उपस्थित थे।
*साक्षी बने सीतामढ़ी के बब्बन सिंह-*
काउंसिल के बिहार प्रभारी तथा सीतामढ़ी के रहने वाले बब्बनसिंह इस अवसर पर नलखेड़ा में साक्षी बने। बब्बन सिंह ने बताया कि यह पूरे सीतामढ़ी (बिहार) के लिए गर्व की बात हैं। कि सीतामढ़ी में 833 वर्ष पुराने मठ का न केवल जीर्णोद्धार किया जाएगा, बल्कि 51 शक्तिपीठों से मिट्टी एवं ज्योत लाकर मां को श्रीभगवती स्वरूप में भी स्थापित किया जाना हैं।
*-मां सीताजी के अपने भाई-बहनों को दे रही हैं ‘हकार’-*
पूरे आमंत्रण को ‘हकार’ शब्द दिया गया है। इस अवसर पर नलखेड़ा में मौजूद काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत ने बताया कि माता सीताजी मिथिलापुत्री हैं, इसलिए इस आमंत्रण को मिथिला शब्द से जोड़ते हुए ‘हकार’ शब्द दिया गया हैं।

–काउंसिल को बिहार धार्मिक न्यास ने दी हैं लगभग 12 एकड़ ज़मीन-
बता दें कि हाल में बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने काउंसिल को राघोपुर बखरी स्थित श्रीरामजानकी स्थान में लगभग 12 एकड़ ज़मीन आवंटित की हैं काउंसिल ने मंदिर जीर्णोद्धार के साथ शक्ति-स्थल के रूप में स्थापना एवं श्री हनुमानजी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा तथा जटायुजी की 21 फीट ऊंची प्रतिमा-निर्माण का भी संकल्प लिया हैं।
*-काउंसिल ने सदस्यता शुल्क के बदले अनोखा अभियान प्रारंभ किया।*
आमंत्रण में इस विषय की चर्चा हैं कि अगर कोई काउंसिल की सदस्यता लेना चाहे तो वह काउंसिल का बैनर लगाकर एक हनुमंत कथा या श्रीराम कथा का आयोजन कर उसका वीडियो काउंसिल को साझा कर सकता हैं। जिससे वह काउंसिल का प्राथमिक सदस्य बन सकता हैं। काउंसिल ने इसके लिए एक ई-मेल भी जारी किया हैं, जहां कोई अपनी कथा के वीडियो को रिकॉर्ड कर भेज सकता हैं। काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि यह उनके संज्ञान में एक ऐसी पहली संस्था होगी जो हर एक सनातनी को इससे जुड़ने के लिए कोई सदस्यता-शुल्क नहीं, बल्कि भगवतनाम लेकर इसका सदस्य बनाने का अनोखा अभियान प्रारंभ करने जा रही हैं।





