iPhone Loot : सागर के नजदीक कंटेनर से 1600 आईफोन लूटे, ऑनलाइन बेचे!

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iPhone Loot : सागर के नजदीक कंटेनर से 1600 आईफोन लूटे, ऑनलाइन बेचे!

लूटे गए आईफोन की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपए आंकी गई!

Sagar : सागर में लखनादौन-झांसी हाईवे पर एक कंटेनर से 1600 आईफोन लूट लिए गए से जुड़ी वारदात ने पुलिस को बड़ी चुनौती दे दी। इस मामले में हरियाणा के मेवाती गैंग का नाम सामने आया, जिन्होंने 14-15 अगस्त 2024 की दरमियानी रात यह लूट की। कंटेनर चेन्नई से दिल्ली जा रहा था, जिसमें 3980 आईफोन लोड थे। लूटे गए 1600 आईफोन की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपए आंकी गई।

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कंटेनर का ड्राइवर हरनाथ प्रसाद कानपुर का रहने वाला है, उसने लूट के दिन ही थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई। बाद में 30 अगस्त को मामला आईजी प्रमोद वर्मा तक पहुंचा, जिसके बाद जांच शुरू हुई। इस लूट में सिक्योरिटी गार्ड मोहम्मद वारिस और उसके कुछ साथियों का नाम सामने आया। वारिस हरियाणा के पलवल का रहने वाला है, सुरक्षा एजेंसी का गार्ड था और उसने अपने साथियों की मदद से लूट की योजना पूरी की।

वारदात की योजना ऐसे पूरी की

14 अगस्त की शाम को लखनादौन में वारिस ने एक लड़के को कंपनी का स्टाफ बताकर कंटेनर में बैठाया। बाद में ड्राइवर को नींद आने पर वारिस ने उसे सर्विस रोड पर रुकने और आराम करने के लिए कहा। जब ड्राइवर सो गया, तब बदमाशों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और कंटेनर को लूट लिया। सागर पुलिस की सात टीमें लगातार बदमाशों को पकड़ने के लिए हरियाणा और दिल्ली में दबिश दे रही हैं। नूंह, पलवल, और दिल्ली में आरोपियों के ठिकानों पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन लोकल पुलिस के सहयोग की कमी के चलते मुख्य आरोपी अब तक पकड़ में नहीं आया।

आईफोन की बिक्री

लूटे गए आईफोन देशभर में चोर बाजार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचे जा रहे हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि कुछ आईफोन पड़ोसी देशों तक भी पहुंच चुके हैं। पुलिस ने अलग-अलग लोकेशन से अब तक 200 से अधिक आईफोन बरामद किए हैं और कुछ खरीदारों तक भी पहुंच गए है।

मेवाती गैंग की संगीन गतिविधियां

मेवाती गैंग का नेटवर्क काफी व्यापक और संगठित है। ये लोग विभिन्न राज्यों में घूमकर अपने लक्ष्यों को चुनते हैं और पूरी प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम देते हैं। आईफोन लूट में भी उन्होंने यही तरीका अपनाया, जहां वारिस ने सुरक्षा गार्ड के रूप में नौकरी लेकर लूट की योजना बनाई। सुरक्षा एजेंसी ने वारिस की पृष्ठभूमि की जांच किए बिना उसे सिर्फ सरपंच के शपथ पत्र के आधार पर नौकरी पर रख लिया, जो एक बड़ी लापरवाही साबित हुई। पुलिस इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए जोर-शोर से काम कर रही है, लेकिन अब तक मुख्य आरोपी वारिस फरार है।