IPL Betting Money Transferer Caught : सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के बहाने करोड़ों की अफरा-तफरी,जानिए क्या है रतलाम कनेक्शन

पुलिस ने 2 करोड़ 72 लाख 96 हजार रुपए होल्ड करवाए

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IPL Betting Money Transferer Caught : सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के बहाने करोड़ों की अफरा-तफरी,जानिए क्या है रतलाम कनेक्शन

 

Pratapgarh : IPL में सट्टेबाजी करने वाले गिरोह का प्रतापगढ़ पुलिस ने खुलासा करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। गिरोह द्वारा सट्टे की राशि के लेन-देन के लिए सरकारी योजनाओं के लाभ का लालच देकर खाते खुलवाए गए थे। पुलिस ने देश भर में 80 खातों में ढाई करोड़ की राशि फ्रिज कराते हुए मामले की जानकारी ईडी को दी हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान बांसवाड़ा के IDBI बैंक में एक व्यक्ति के खाते से 43 लाख रुपए एक साथ निकालने और प्रतापगढ़ के बैंक खाते में इन रुपयों के जमा होने पर बैंक कर्मचारी को शक हुआ और उसने प्रतापगढ़ बैंक मैनेजर को इस बात की सूचना दी।प्रतापगढ़ बैंक के अधिकारियों ने इस बात से पुलिस को अवगत कराया और पुलिस की 15 दिनों की पड़ताल में एक के बाद एक परत खुलती चली गई।
इसी कड़ी में साइबर सेल ने करोड़ों रुपए की संदिग्ध राशि को फ्रिज करवाया है.बता दें कि पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भिजवाया हैं.इस तरह पिछले 20 दिनों से चल रही पुलिस की पड़ताल पर विराम लगा।

विगत 5 रोज पहले रतलाम के टाटानगर निवासी अमन पिता प्रवीण सोनी को राजस्थान के प्रतापगढ़ की पुलिस ने हिरासत में लिया था। पड़ताल के दौरान पुलिस उसे 2 बार रतलाम लेकर पंहुची थी।और आखिरकार पुलिस ने अमन से करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी करने के राज उगलवा ही लिए। इस तरह जो कहानी सामने आई वह IPL सट्टेबाजी की सामने आई जिसमें आरोपियों द्वारा भोले भाले लोगों को कमीशन के चक्कर में फांसकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर बैंक में खाते खुलवाए।इस गैंग का मुख्य सरगना मृगांक मिश्रा दुबई में हैं और अमन सोनी रतलाम की सरकारी बैंक का कर्मचारी रहा हैं,वहीं आरोपी संजय बैंक में गार्ड है।जिन्होंने मिलकर योजना को अंजाम दिया।पुलिस IPL और क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाले सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई करती रहती हैं। ऐसे मामलों में पुलिस के हाथ सिर्फ राशि का हिसाब किताब ही हाथ लगता हैं। लेकिन प्रतापगढ़ पुलिस ने ऐसी गैंग का खुलासा किया हैं जो भोले भाले लोगों को झांसे में लेकर उनके नाम से बैंक में खाते खुलवा कर लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन कर सट्टे के खेल को अंजाम देते थे।

मामले में प्रतापगढ़ SP अमित कुमार ने बताया कि साइबर सेल को सरकारी योजनाओं के अंतर्गत रुपए लेकर बैंक में रुपए डलवाने के नाम पर बैंक में खाता खुलवाने और उसमें ज्यादा ट्रांजैक्शन होने की रिपोर्ट एक परिवादी द्वारा दी गई थी।इस रिपोर्ट पर प्रतापगढ़ कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.मामले की गंभीरता को देखते हुए छोटी सादड़ी DSP मनीष गुर्जर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया.पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सरकारी योजना के तहत पैसों का लालच देकर कई लोगों के नाम से बैंक में खाते खुलवाएं और उनके नाम से सिम कार्ड भी जारी करवाएं. पुलिस की जांच में इस प्रकार के 80 से ज्यादा मामले सामने आए.इस पर साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन खातों को संदिग्ध मानते हुए फ्रीज करवा दिया।इसके साथ ही उन खातों को भी फ्रीज करवा दिया जिनमें इन खातों से राशि ट्रांसफर की गई थी।

SP अमित कुमार ने बताया कि इन खातों की जांच में सामने आया कि यह रकम IPL सट्टा और अन्य संदिग्ध कार्यों से जमा की गई थी.इन खातों पर पूर्व में अन्य राज्यों से भी फ्रॉड संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी.पुलिस ने इन सभी खातों को डेबिट फ्रीज करवा कर अभी तक दो करोड़ 72 लाख 96 हजार 622 रुपए की संदिग्ध रकम को होल्ड करवाया है.पुलिस ने इस मामले में खाता खुलवाने वाले 4 आरोपियों को
गिरफ्तार कर इस मामले की सूचना ईडी (ED) को भी दी है.बता दें कि इतनी बड़ी राशि के साथ सट्टे से जुड़ा यह संभवत राजस्थान का पहला मामला हैं।

SP अमित कुमार ने बताया कि इन 4 आरोपियों में से एक आरोपी रतलाम का रहने वाला हैं.जो मुख्य आरोपी सामने आया वह भी रतलाम का रहने वाला हैं जो अभी देश से बाहर रहकर इस गोरखधंधे को ऑपरेट कर रहा है।जो अकाउंट फ्रीज हुए हैं उसमें बहुत सारे अकाउंट दूसरे राज्यों के है.साथ ही अकाउंट का विश्लेषण किया गया तो यह तथ्य भी सामने आए कि बहुत सारे ऐसे अकाउंट भी हैं जिनकी कई अन्य राज्यों में बहुत सी साइबर कंप्लेंट हैं।