IPS Cader Management:30 साल से ज्यादा की नौकरी लेकिन नहीं पहुंचेंगे DG रैंक तकo
भोपाल:भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अफसरों का कॉडर मैनेजमेंट सही नहीं होने से कई अफसरों का DG रैंक तक पहुंचने का सपना अधूरा रह जा रहा है। कई IPS अफसर तीस साल से ज्यादा की सेवा दे चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक डीजी रैंक में पदोन्नति नहीं मिल सकी। हालांकि कुछ सालों से राज्य शासन ने इन्हें दो पदों की राहत दी है, लेकिन यह राहत ऊंट में मुंह में जीरा ही साबित हुई।
*किस पद पर कितने साल बाद मिलती है पदोन्नति*
नौकरी के 14 साल बाद आईपीएस अफसरों को डीआईजी बनाया जाता है। इस पद पर उन्हें चार साल की सेवा देना होती है। इसके बाद इन्हें 6 साल पुलिस महानिरीक्षक यानि आईजी के पद पर अपनी सेवाएं देना होती है। 24 साल की सर्विस पूरी होने पर इन्हें एडीजी बनाया जाता है। इस पद पर 6 साल की सेवाएं पूरी होने के बाद इन्हें डीजी बनाया जा सकता है। यानि कुल नौकरी के 30 वर्ष के बाद इन्हें डीजी के पद पर पदोन्नति दी जा सकती है।
*6 साल से बढ़कर दायर पहुंचा नौ साल का*
प्रदेश का IPS Cader Management के कारण एडीजी के पद पर 6 साल की नौकरी करने के बाद भी डीजी के पद पर पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। अब यह दायर बढ़कर 9 साल तक का हो गया है। प्रदेश में वर्ष 1991 बैच से लेकर 2000 बैच तक के आईपीएस अफसर एडीजी के पद पर हैं। इनमें से 1991, 1992, 1993 और 1994 बैच के अफसर आईपीएस बनने के बाद तीस साल की सेवांए दे चुके हैं। इस पर अफसरों पदोन्नत हुए कई अफसरों को नौ साल हो गए हैं। जबकि अभी वर्ष 1991 बैच के 4 आईपीएस अफसरों को डीजी के पद पर पदोन्नति मिलना बाकी है।
*प्रदेश में डीजी के इतने पद*
प्रदेश में डीजी के 10 पद हैं। इसमें से पांच पद कॉडर के हैं, जबकि 5 पद एक्स कॉडर के हैं। करीब सवा साल पहले राज्य शासन ने डीजी के दो पद दो साल के लिए अस्थाई तौर पर मंजूर किए हैं। इन सभी को मिलाकर प्रदेश में 12 अफसर डीजी रेंक पर हैं। जबकि वर्ष 1991 से लेकर 1994 तक के 31 अफसर एडीजी के पद पर हैं। इनमें से तीन अफसर प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ हैं।
*अगले साल ये बिना डीजी बने होंगे रिटायर*
वर्ष 1991 बैच के सभी अफसर इस साल के अंत तक डीजी के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे। जिसमें एक जुलाई को उपेंद्र जैन, अगले साल वर्ष 1992 के अफसर इस पर पर पदोन्नत होना शुरू होंगे। इनके बाद अलोक रंजन, प्रज्ञा रिचा श्रीवास्वत और योगेश मुदगल इसी साल पदोन्नत होकर डीजी बन जाएंगे। जबकि वर्ष 1992 के दो अफसरों को एडीजी के पद से ही रिटायर होना पड़ेगा। जिसमें एडीजी अजाक राजेश गुप्ता और शहडोल आईजी डीसी सागर शामिल हैं। इस बैच के पांच अफसर डीजी रेंक तक पदोन्नत हो सकेंगे।