
IPS Y Puran Kumar Suicide: मौत के 5 दिन बाद भी नहीं हुआ अंतिम संस्कार, परिवार ने नहीं दी पोस्टमार्टम की अनुमति,SIT गठित .
वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में मौत के पांच दिन बीत जाने के बाद भी अब तक उनका पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं हुआ है. IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार ने उनके शव के पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस ने चंडीगढ़ के पुलिस महानिरीक्षक पुष्पेन्द्र कुमार की देखरेख में जांच को तेज करने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। 9 पन्ने के सुसाइड नोट में IPS ने वरिष्ठों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव, उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया था।
7 अक्टूबर को आत्महत्या करने वाले दलित IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार ने उनके शव के पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है। अब जिससे हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन मुश्किल में पड़ गया है। 2001 बैच के इस अधिकारी के पास अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक का पद भी था। अपने सुसाइड नोट में, उन्होंने अपने वरिष्ठों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव, उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया था।

वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट को फाइनल नोट का नाम देते हुए उसमें अगस्त 2020 से अब तक चले आ रहे उत्पीड़न का सिलसिलेवार जिक्र किया और सरकारी स्तर पर अधिकारियों के साथ किये गये पत्र व्यवहार का पूरा ब्योरा दर्ज किया।
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि अगस्त 2020 से हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी जाति आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार का सिलसिला चला आ रहा है, जो अब असहनीय हो गया है।
वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट का मूल यही था कि उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर बैठके आइएएस और आइपीएस अधिकारियों ने बार-बार प्रताड़ित किया और सरकार के हस्तक्षेप के बाद भी यह उत्पीड़न बंद नहीं हो पाया।एडीजीपी ने सुसाइड नोट में प्रत्येक अधिकारी के नाम का अलग पैरा बनाया और उसमें विस्तार से पूरे प्रकरण का जिक्र करते हुए उन सभी पत्रों का हवाला दिया, जिनका उनके कार्यालय में पत्र व्यवहार हुआ है।
परिवार पोस्टमार्टम को राजी नहीं
आज सुबह ऐसी खबरें आईं कि परिवार पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गया है। बाद में, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सागर प्रीत हुड्डा ने संवाददाताओं को बताया कि पोस्टमार्टम केवल परिवार की सहमति से ही किया जाएगा।
परिवार का आरोप
चंडीगढ़ पुलिस ने आज सुबह करीब 8 बजे मृतक के पार्थिव शरीर को सेक्टर 16 स्थित सरकारी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल (GMSH) के शवगृह से सेक्टर 12 स्थित पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) ट्रांसफर कर दिया। हालांकि, परिवार ने कहा कि यह ट्रांसफर उनकी जानकारी के बिना हुआ था।
IAS पत्नी का कहना हैं
परिवार, जिसमें उनकी पत्नी IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार भी शामिल हैं। उन्होंने पोस्टमार्टम और दाह संस्कार के लिए सहमत होने से पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक और रोहतक के पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग कर रहे हैं। 8 अक्टूबर को चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गई अपनी शिकायत में अमनीत कुमार ने कहा था कि शत्रुजीत कपूर (हरियाणा डीजीपी) और नरेंद्र बिजारनिया (रोहतक एसपी) की साजिश के कारण उनके पति ने आत्महत्या कर ली।
हरियाणा के मंत्री कृष्ण लाल पंवार और वरिष्ठ अधिकारियों ने 10 अक्टूबर को परिवार से मुलाकात की और उनसे मृतक अधिकारी का पोस्टमार्टम करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कुमार के सुसाइड नोट में नामित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की परिवार की मांग पूरी हो गई है।





