इस्लामनगर हुआ जगदीशपुर और दिल्ली में बना नया मध्यप्रदेश भवन …

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इस्लामनगर हुआ जगदीशपुर और दिल्ली में बना नया मध्यप्रदेश भवन …

मध्यप्रदेश के लिए दो फरवरी 2023 की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई‌ है। एक तो देश की राजधानी दिल्ली में नया मध्यप्रदेश भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। 108 कमरों का यह अत्याधुनिक सुसज्जित भवन कई संदेश देने में सक्षम है। एक तो यह कि अब नया मध्यप्रदेश बीमारू नहीं रहा और नया मध्यप्रदेश भवन देश की राजधानी में इसका गवाह है। तो दो फरवरी के दिन दूसरी महत्वपूर्ण सूचना से प्रदेश के साढ़े आठ करोड़ रहवासी रूबरू हुए तो वह इससे कि इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर हो गया है। इसका नोटिफिकेशन तो एक दिन पहले ही जारी हो गया था, लेकिन सूचना सार्वजनिक दो फरवरी को ही हुई। इसका समसामयिक महत्व इसलिए भी है कि हाल ही में भोपाल में भोजपाल महोत्सव समिति द्वारा आयोजित रामकथा में जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने संकल्प लिया है कि अब वह भोपाल में तभी कथा करेंगे, जब भोपाल का नाम भोजपाल हो जाएगा। तो जगदीशपुर बने इस्लाम नगर ने अब इसकी उम्मीद जगा दी है।

नए मध्यप्रदेश भवन को लेकर यह बात उल्लेखनीय है कि इसके लिए सभी प्रयास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रहे। उनके व्यक्तिगत प्रयासों से वर्ष 2017 – 2018 में जीसस एण्ड मेरी मार्ग, चाणक्यपुरी क्षेत्र में नए मध्यप्रदेश भवन के निर्माण हेतु 1.477 एकड़ भूखण्ड  प्राप्त हुआ। प्रदेश सरकार और एनबीसीसी द्वारा प्रस्तुत परियोजना की परिकल्पना तथा अनुमानित लागत रुपये 149.87 करोड़ की स्वीकृति 2018 में प्रदान की गई थी। यह भवन की भव्यता है कि मध्यप्रदेश भवन में मुख्य रूप से माननीय राज्यपाल सूईट, माननीय मुख्यमंत्री सूईट, विभिन्न श्रेणी के 108 कक्ष, मल्टीपरपज हॉल, कान्फ्रेंस हॉल, वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष, एग्जीविशन हॉल, आवासीय आयुक्त कार्यालय, किचन एरिया, डाइनिंग हॉल, वीआईपी लाउंज के साथ 23 आवासीय फ्लैट की सुविधाएं उपलब्ध हैं। नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन के निर्माण का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र एवं पूर्णता योजना की स्वीकृति एनडीएमसी द्वारा दिनांक 30.01.2023 को जारी की गई है। यानि कि सब कुछ भाजपा सरकार और शिवराज के समय हुआ है। पंद्रह माह के इंटरवल काल का इसमें कोई योगदान नहीं है। दिनांक 02.02.2023 को मुख्यमंत्री शिवराज ने नई दिल्ली में नये मध्यप्रदेश का लोकार्पण किया।

तो शिवराज ने आंकड़ों सहित साबित किया कि मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं है। बताया कि इस साल 19.76% हमारी विकास दर है। हमारी जीएसडीपी 12 लाख करोड़ पार कर गई है। देश की जीडीपी में हमारा योगदान 4.3% है। हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह नया मध्यप्रदेश भवन भी यही दर्शाता है। ये केवल भवन नहीं, यहाँ मध्यप्रदेश की जनता की भावनाएँ और आकांक्षाएँ हैं।पुराने भवन में 1-2 कमरे जोड़कर बढ़ाने की कोशिश की गई थी, उसमें जो कक्ष भी थे, उनमें अत्यंत सीमित स्थान था। इस बात की आवश्यकता थी कि काम की दृष्टि से एक नया मध्यप्रदेश भवन बने। अब नया भवन तैयार है। उन्होंने लोकार्पण के समय खास तौर से सुषमा स्वराज को याद किया। कहा कि “मैं सुषमा दीदी को प्रणाम करना चाहूँगा, वो उस समय विदेश मंत्री थीं और यह भूखंड विदेश मंत्रालय के पास था। उनसे जब मैंने आग्रह किया, तो उन्होंने यह भूमि देने में देर नहीं की।”  इस नए भवन की विशेषता ये है कि इसके पास सारे कार्यालय हैं। 108 कमरों का राज बताया कि यह आध्यात्मिक परिपूर्णता का प्रतीक है और सृष्टि की संपूर्णता का भी प्रतीक है। यह भवन केंद्र और राज्य के सहअस्तित्व की भावना को पूर्ण करेगा।

तो अब बात करें इस बात की, कि भोपाल जिले के “इस्लाम नगर” गांव का नाम अब  “जगदीशपुर” हो गया है। इस्लाम नगर भोपाल जिले में स्थित एक ग्राम पंचायत है। यह तहसील हुजूर में फंदा ब्लॉक के अंतर्गत आता है।  पूर्व में इस्लाम नगर भोपाल रियासत की राजधानी हुआ करती थी। जहां भोपाल की स्थापना करने वाले नवाब दोस्त मोहम्मद खान द्वारा निर्मित महलों के खंडहर आज भी मौजूद है। इस्लाम नगर भोपाल-बैरसिया रोड के बीच में स्थित है एवं भोपाल से लगभग 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।इस्लामनगर पूर्व में जगदीशपुर नाम से जाना जाता था जिसे स्थानीय राजपूत सरदारों ने स्थापित किया था। 18 वीं सदी में यहां दोस्त मोहम्मद खान जो कि भोपाल रियासत के संस्थापक थे उन्होंने तब इसे ( इस्लाम का शहर अर्थात इस्लाम नगर) का नाम दिया। इस्लाम नगर दोस्त मोहम्मद खान के राज्य की राजधानी थी। सर 1923 में दोस्त मोहम्मद खान को इस्लाम नगर का किला निजाम-उल-मुल्क को देना पड़ा, हालांकि बाद में संधि शर्तों के बिना पर उन्हें पदावनत कर किलेदार नियुक्त किया गया। बाद में इस्लामनगर को सन् 1806 से 1817 तक सिंधिया घराने भोपाल के बहाल होने के बाद एक संधि के अंतर्गत अपने नियंत्रण में रखा। और अब इस्लाम नगर अतीत हो गया है और जगदीशपुर को उसका पुराना नाम और गौरव हासिल हो चुका है।

तो यह दोनों ही उपलब्धियां मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी को गौरवान्वित करने वाली हैं। जगदीशपुर अब भोपाल का नाम भोजपाल होने की दिशा में भोपालवासियों की उम्मीदों को बरकरार रखेगा। जाते-जाते व्यासपीठ से जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने शिवराज से इसका विशेष आग्रह किया है। तो नया मध्यप्रदेश भवन प्रदेश के वैभव में चार चांद लगाएगा।