ISPORA : पद के दुरुपयोग का आरोप

इंदौर के वरिष्ठ खेल पत्रकारों और समीक्षकों की बैठक में तदर्थ समिति गठित

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ISPORA

Indore : बरसों पुरानी खेल पत्रकार और खेल समीक्षकों की संस्था ‘इंदौर स्पोर्ट्स राइटर एसोसिएशन (ISPORA) के सदस्यों ने एक बैठक करके संस्था के वर्तमान पदाधिकारियों पर पद के दुरुपयोग और मनमानी का आरोप लगाया है। रविवार को हुई इस बैठक में ISPORA के संस्थापक डॉ अशोक कुमट, पद्मश्री सुशील दोशी, संजय जगदाले सहित कई सदस्य उपस्थित हुए।

इंदौर स्पोर्ट्स रायटर्स एसोसिएशन (ISPORA) को वर्तमान पदाधिकारियों द्वारा जेबी संस्था बनाने और मनमानी के खिलाफ संस्था के संस्थापक डॉ अशोक कुमट, सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में रविवार को बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में बड़ी संख्या में ISPORA के सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान पदाधिकारी 15 साल से बिना चुनाव के पदों पर जमे हुए हैं और मनमाने तरीके से संस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं। संस्था का न तो कोई हिसाब-किताब रखा जाता है, और न संस्था का ऑडिट कराया गया है। जबकि, यह सब ISPORA के संविधान में लिखी हुई है।

ISPORA के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष डॉ अशोक कुमट ने कहा कि जब हमने संस्था नए पदाधिकारियों को दी थी, तब चार से पांच लाख रुपए संस्था के पास जमा थे। उसका भी कोई हिसाब-किताब नहीं है। डॉ कुमट ने कहा कि हमने बाला साहब जगदाले, जेडी मेहता आदि के साथ इस संस्था की शुरूआत की थी।

हम चाहते हैं कि अधिकृत और संगठन प्रक्रिया संविधान के तहत काम हों। लेकिन, जानकारी मिली है कि वर्तमान पदाधिकारियों ने बिना किसी प्रक्रिया के पूर्व के कई सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी, जो कि असंवैधानिक है।

वरिष्ठ खेल समीक्षक सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि हमने इस संस्था को सींचा है। हम संस्थापक और आजीवन सदस्य हैं, लेकिन हमें भूला दिया गया। हमें पद की कोई लालसा नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि ISPORA व्यवस्थित रूप से और निर्धारित संविधान के अनुसार चले।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने कहा कि पहले ISPORA में कार्यक्रम होते थे, खेल की हस्तियों को बुलाया जाता था, अब तो हमें याद भी नहीं किया जाता। ऐसे आयोजनों में सभी को बुलाया जाना चाहिए। अब तो संस्था के ताले भी नहीं खुलते।

इस बैठक में एक तदर्थ समिति बनाई गई, जिसका अध्यक्ष सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी और संयोजक गोविन्द मालू को बनाया गया। इसके अलावा अशोक कुमट, सुभाष सातालकर, धर्मेश यशलाह, रवि तिवारी एवं गौरीशंकर दुबे को सदस्य बनाया गया। ये 15 दिन में विधान के अनुसार बैठक बुलाने विधिवत व चुनाव कराने के लिए प्रक्रिया तय करवाएगी।

पद्मश्री सुशील दोशी ने कहा कि हम यहां किसी के खिलाफ नहीं है और न इसके लिए इकट्ठे हुए हैं। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में इस संस्था ने हमेशा ही बड़ा काम किया है। संस्था मान्य नियमों से चले और खेल संबंधी गतिविधियां सुचारु सम्पन्न हो, यही हम चाहते हैं।

पिछले दिनों मनमाने ढंग से ISPORA की कार्यकारिणी घोषित की गई। संस्था के पदाधिकारियों ने एक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम किया व उसी को साधारण सभा बताकर ISPORA की कार्यकारिणी घोषित कर दी। साधारण सभा में न तो आजीवन सदस्यों को बुलाया गया और न संस्थापक सदस्यों को बुलाया, जो निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत है।

बैठक में गौरीशंकर दुबे ने बताया कि संस्था के अध्यक्ष ने हमें एक दिन बताया कि तुम संस्था के सदस्य नहीं हो. जबकि अगले दिन फोन आया कि किसी को उपाध्यक्ष, किसी को कोषाध्यक्ष, किसी को कार्यकारिणी में रख दिया गया है।
प्रारम्भ में दिवंगत खेल पत्रकार सीमांत सुबीर, स्वरूप वाजपेयी और लोकेंद्र बायस को श्रद्धांजलि दी गई।

वरिष्ठ खेल पत्रकार सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, सुशील दोषी एवं अशोक कुमट का लम्बी पत्रकारिता की पारी के लिए गोविन्द मालू ने सम्मान किया। बैठक का संचालन सुशीम पगारे ने किया और आभार नरेन्द्र भाले ने माना।

इस बैठक में जो सदस्य शामिल हुए। बैठक में गोविन्द मालू, डा. अशोक कुमट, पद्मश्री सुशील दोशी, सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, संजय जगदाले, डा सुशीम पगारे, महेश कजोड़िया, विपिन नीमा, अन्तर्राष्ट्रीय एम्पायर सुधीर असनानी, राजीव रिसोड़कर, सुभाष सातालकर, नरेन्द्र भाले, मनोहर भाटी, रवि तिवारी, गौरीशंकर दुबे, धर्मेश यशलहा, प्रशांत रायचौधरी, राजेश मिश्रा, शैलेन्द्र सिरसाट, विकास मिश्रा, विभूति शर्मा एवं अन्य सदस्य मौजूद थे। सभी ने वर्तमान कार्यकारिणी के कामकाज की शैली का विरोध किया।