अशोक गहलोत के सात चुनावी वचन प्रदेश में क्या गुल खिलाएँगे, यह देखना भविष्य के गर्भ में छुपी हुई बात है?

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अशोक गहलोत के सात चुनावी वचन प्रदेश में क्या गुल खिलाएँगे, यह देखना भविष्य के गर्भ में छुपी हुई बात है?

 

 

गोपेंद्र नाथ भट्ट

 

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता के साथ चुनाव के सात वचन निभाने का वायदा कर उनके साथ अपने रिश्तों की चिर स्थाई बनाने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ायें हैं।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहलें ही झुंझुनूं के अरड़ावता में प्रियंका गांधी की सभा में जनता से दो चुनावी वायदे करते हुए प्रदेश में गृह लक्ष्मी योजना लागू करने तथा इस योजना के अन्तर्गत महिला मुखिया को हर साल 10 हजार रुपए की सम्मान राशि देने और खाद्य सुरक्षा में राशन लेने वाले हर परिवार (करीब में 1.5 करोड़ परिवारों ) को 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की गारंटी देने की घोषणा की थी ।

 

इसी क्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को पांच और गारंटी देने का ऐलान करते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव में विजयी होकर प्रदेश में फिर से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर हमारी सरकार छत्तीसगढ़ की तर्ज के पर पशुपालकों से 2 रु प्रति किलो के हिसाब से गोबर की खरीददारी करेंगी। इस योजना का नाम गोधन गारंटी होंगा।साथ ही कॉलेज में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को सरकार की ओर से लैपटॉप या टेबलेट दिया जायेगा। साथ ही प्रदेश में हर बच्चे को अंग्रेजी शिक्षा सुलभ कराई जायेंगी।

इसके अलावा प्राकृतिकआपदा की परिस्थितियों में नुकसान प्रभावित किसानों को 15 लाख का बीमा की गारण्टी दी जायेंगी और राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस) को लागू करने के लिए सरकार कानून भी बनाएगी।

 

राजनीतिक पण्डितों के अनुसार किसानों से दो रुपए किलो में गोबर खरीदने की गोधन गारंटी योजना को लागू करने की घोषणा को किसान मतदाताओं को लुभाने के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में यह योजना पहले से ही चल रही है। अब इस योजना को राजस्थान में भी लागू करने का वादा किया गया है।

इसके अलावा प्रदेश के हर छात्र को अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई कराने की गारंटी देने और हर कॉलेज स्टूडेंट को एडमिशन के साथ ही लैपटॉप देने की घोषणा को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है तथा इसे युवा मतदाताओं को आकर्षित करने का वादा माना जा रहा है।।

सबसे महत्वपूर्ण बात राज्य में कर्मचारियों से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) गारंटी एक्ट लाने का वादा करना है। प्रदेश में कर्मचारियों को ओपीएस देने की शुरुआत मुख्यमंत्री गहलोत ने इस वर्ष के बजट से ही की है। जिसकी चर्चा आज पूरे देश में है। केन्द्र सरकार को भी इसके दवाब में अपने केन्द्रीय कर्मचारियों को ओपीएस देने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर अपनी अनुशंसा देने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करना पड़ा है।इस प्रकार अब गहलोत द्वारा राजस्थान में ओपीएस गारंटी कानून लाने का वादा करने से राज्य कर्मचारियों को भी साधने का प्रयास किया गया है।

इसके साथ ही गहलोत ने किसानों से आपदा राहत बीमा गारंटी राशि देने का चुनावी वादा कर प्रदेश के किसानों को लुभाने का प्रयास किया है। इस गारंटी के अन्तर्गत प्राकृतिक आपदा में किसानों को खेती में होने वाले नुकसान में पीड़ित परिवार का 15 लाख तक का बीमा करवाने की गारंटी देने का वादा किया गया है।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन चुनावी वायदों की घोषणा करते समय कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा,विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी और मीडिया कैंपेनिंग समिति के मोहन प्रकाश आदि नेतागण भी मौजूद थे।मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम इन सातों वचनों को निभाते हुए पूरा करेंगे।

 

 

इस मौके पर सीएम गहलोत का एक और बयान चर्चा में रहा कि छत्तीसगढ़ के हमारे मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल कहते हैं कि ईडी और केन्द्र की अन्य ऐजेनसियाँ इन दिनों स्वॉन की तरह देश में तरह घूम रही है। इसके पहले गहलोत ने कहा था कि ईडी टिड्डी दलों की तरह आयें दिन विपक्षी दलों की सरकारों वाले प्रदेशों में हमला कर रही हैं।

 

चुनावी मौसम में हर दल अपनी और से तरह तरह के तरीक़ों से मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के उपक्रमों में लगी हुई हैं।जैसे भाजपा ने प्रदेश के बेहतर विकास के लिए जनता के सुझाव आमन्त्रित करने के लिए आकाँक्षा पेटी का अभिनव प्रयोग शुरू किया है।इसी तरह कांग्रेस मतदाताओं से विभिन्न प्रकार के वायदों की झड़ी लगा रही हैं।

 

देखना होंगा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान की जनता को सात चुनावी वचन देकर उनके साथ अपनी सरकार के सम्बन्धों को अटूट बनाने की दिशा में जो कदम आगे बढ़ायें है वे कितने सफल होंगे? राजनीतिक हलकों में यह च र्चाभी है कि शादी के सात वचनों की तरह की तरह किए गए यें चुनावी वचन प्रदेश में क्या गुल खिलाएँगे यह देखना भविष्य के गर्भ में छुपी हुई बात है?

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