Noida : आयकर विभाग की टीम को सेक्टर-50 में रिटायर्ड IPS आरएन सिंह के घर पर चल रही ‘सिक्योरिटी वॉल्ट एजेंसी’ (Security Vault Agency) यानी लॉकर किराए पर देने की सुविधा पर छापेमारी में बड़ी कामयाबी मिली। IT के मुताबिक इस घर में 700 लॉकर मैनसम नोएडा वॉल्ट्स एजेंसी ने बनाए हुए हैं। इनमें कई लॉकर में बेनामी संपत्ति रखे होने के संकेत मिले। पिछले 3 दिन से इनकम टैक्स विभाग की टीम इस बंगले पर डेरा डाले हुए है। सेक्टर-50 के बंगला नंबर-A6 पर अधिकारियों की टीम लगातार लॉकर खंगाल रही है।
छापेमारी कर रही टीम ने मंगलवार तक करीब 10 लॉकर ऐसे चिह्नित कर काटे या खोले जिनके मालिक का नाम, पता स्पष्ट नहीं था। मंगलवार शाम तक निकली नकदी की गिनती 5 करोड़ 77 लाख रुपये तक पहुंच गई। नोट गिनने के लिए टीम ने तीन मशीन लगाई हैं। नकदी बरामदगी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लगातार गिनती के कारण मशीनें भी हैंग हो गई हैं। ये बंगला यूपी पुलिस में डीजी अभियोजन रह चुके 1983 बैच के रिटायर्ड आईपीएस रामनारायण सिंह का है. इस बंगले के बेसमेंट में रामनारायण सिंह की पत्नी और बेटा मानसम वॉलेट्स के नाम से लॉकर्स किराए पर देते हैं।
आम तौर पर ऐसी सिक्योरिटी वॉल्ट के लॉकर जूलरी रखने के लिए लोग बुक करवाते हैं। लेकिन, कई लॉकर में कैश भी निकल रहा है। वेरिफिकेशन के लिए पहुंचने वालों से आयकर की टीम यह भी सवाल अपने सर्वे के लिए कर रही है कि कैश बैंक में क्यों नहीं रखते। इसका जवाब दे पाना मुश्किल हो रहा है।
IT विभाग नोएडा की इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी जांच और इनपुट के आधार पर शनिवार शाम को छापेमारी की थी। टीम ने पूरे घर को अपने कब्जे में लेकर Volt की पड़ताल शुरू की। पहले दिन करीब 16 लॉकर सामने आए। इसमें 14 लॉकर की जांच पूरी हो गई और उसके मालिकों से पूछताछ भी हुई।
फिर IT Team की जांच इस घर के दूसरे हिस्से में इस Volt के लॉकर तक पहुंची। छापेमारी करने गई टीम भी लॉकर गिनते हुए हैरान हो गई। 700 लॉकर सामने आए हैं। टीम ने Volt चलाने वाली एजेंसी के कर्मचारियों को तलब करके सभी लॉकर का ब्यौरा अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद लॉकर के जो मालिक हैं उनको टीम ने बुलाकर एक-एक कर खुलवाना शुरू किए।
कई लॉकर मिलान में ऐसे मिले, जिनके मालिक का नाम पता ही साफ नहीं था। कुछ लॉकर के मालिक का नाम पता भी नहीं मिला। इस संदेह पर लॉकर कटवाए और खुलवाए गए। इनमें से निकले केश की गिनती शुरू हुई। आयकर विभाग की जांच पड़ताल मंगलवार देर रात तक जारी रही। करीब 80% लॉकर की जांच और मिलान हो चुका है। 100 से ज्यादा लॉकर की जांच होनी अभी बाकी है।
रिटायर्ड IPS के परिवार वालों के नाम पर एजेंसी
IT विभाग के मुताबिक रिटायर्ड IPS के घर में चल रही मैनसम नोएडा वॉल्ट्स एजेंसी शशि नाम की महिला के नाम पर है। वह महिला रिटायर्ड IPS के परिवार से हैं। इस नाम से एजेंसी का संचालन कई साल पहले शुरू हुआ था।
आयकर विभाग की टीम सिक्योरिटी वॉल्ट में मिले सभी लॉकर का मिलान कर उनके मालिकों को चाबी के साथ पूछताछ के लिए बुला रही है। इसमें कई रिटायर्ड और मौजूदा IAS, IPS, PCS, डॉक्टर और कारोबारियों के लॉकर हैं। अब छापेमारी के बाद ये अधिकारी खुद जाने से बच रहे हैं तो अपने प्रतिनिधियों के तौर पर किसी और को भेज रहे हैं। कुछ तो लखनऊ में भी रह रहे हैं।
‘साहब ने कहा था कि सुविधा शुरू हुई है, एक लॉकर बुक कराओ’
IT विभाग की टीम जिनको पूछताछ के लिए बुला रही है, उनसे यह भी पूछ रही है कि लॉकर यहां पर लेने, कैश या जूलरी रखने का मकसद क्या था! इस पर सभी के अलग-अलग जवाब सामने आ रहे है। ऐसे ही मंगलवार को एक व्यवसायी पहुंचा। उसने टीम को बताया कि ‘साहब’ तब सेवा में थे। एक कार्यक्रम में मिले थे। वहीं पर कहा था कि एजेंसी की सेवा शुरू की है। एक लॉकर तुम बुक करवाओ।