इटारसी की सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती को 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर की चार लाख की ठगी,साइबर सेल ने बैंक से होल्ड कराए ठगों के एकाउंट
*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खबर*
नर्मदापुरम/इटारसी। इटारसी की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती को चार घंटे डिजिटल अरेस्ट रहना पड़ा और उसके बैंक खाते से ठगों ने चार लाख रुपए निकाल लिए। स्वयं को दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई के अधिकारी बताकर पहले तो ठगों ने उक्त युवती को धमकाया। फिर चार घंटे हाउस अरेस्ट कर उससे चार लाख की साइबर ठगी करने में सफल रहें। घटना 26 जुलाई दोपहर की बताई जा रही है। युवती को वाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आया था। अपने साथ हुई इस साइबर ठगी की शिकायत पीड़िता ने नर्मदापुरम में साइबर सेल पुलिस से की ।
पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांब में ठगी का पैसा उत्तरप्रदेश के सिरोही स्थित एक बैंक में ट्रांसफर होना पाया गया है। साइबर सेल द्वारा तत्परता पूर्वक एक्शन लेकर उक्त बैंक में ठगों के उस खाते में उक्त राशि को होल्ड/फ्रीज कराकर जांच की जा रही है। साइबर ठगों ने वीडियो कॉल कर खुद को सीबीआई अफसर बता युवती को ड्रग्स स्मगलिंग गतिविधि में उसके बैंक एकाउंट के दस्तावेज का उपयोग होने से उसे इस मामले में संदिग्ध बता उसके बैंक अकाउंट के वेरिफिकेशन करने के बहाने से उससे 4 लाख ट्रांसफर करा लिए। चार घंटे तक उस भोली भाली युवती को वीडियो कॉल पर बिजी रख प्रताड़ित किया गया। घर में अन्य किसी को इस विषय में बताने पर उनको भी आरोपी बना देने की धमकी दी जिससे उक्त युवती डर गई और उसने घर में रहते हुए भी इस दौरान किसी को कुछ नहीं बताया। ज्ञात रहे कि जिला पुलिस व स्थानीय पुलिस विगत दिनों में दो बार जनता से यह अपील कर चुकी है कि ऐसे किसी भी मोबाइल, वॉट्सऐप कॉल, मैसेज आने घबराएं नहीं। इसी प्रकार की साइबर ठगी हो रही है, इसलिए ऐसे नंबर, लिंक, मैसेज को ओपन न करें और न उन्हें रिस्पांस दें। बल्कि इसकी तुरंत शिकायत करें। ठगी का शिकार नहीं होने पर भी। होने पर तो तत्काल जिले के साइबर सेल में शिकायत दर्ज करानी ही चाहिए। इससे ठगी गई राशि के वापस मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है और ठगों पर भी कारगर अंकुश लगता है,उनकी पहचान और फिर गिरफ्तारी हो पाती है।
ज्ञात रहे कि करीब एक माह पूर्व हुई साइबर ठगी की एक घटना में बीमा कंपनी के अधिकारी से भी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर एक करोड़ 68 लाख रुपए की ठगी हुई थी। जिसकी खबर भी मीडियावाला ने तब प्रमुखता से लगाई थी। इसमें ठगों ने अलग अलग खातों में रुपए डलवाए थे। नर्मदापुरम पुलिस और साइबर सेल ने तब तत्परता पूर्वक कार्यवाही करते हुए साइबर ठगों के अलग-अलग खातों में गए 1.56 करोड़ में से करीब 90 लाख रुपए बैंक से फ्रीज करा लिए थे। शेष राशि की रिकवरी के लिए जांच पड़ताल जारी है। साइबर ठगी में एक बड़ी राशि इस तरह ठगों के खातों में होल्ड कराने में यह प्रथम सफ़लता थी जिसके बाद अब यह दूसरा प्रकरण है जिसमें साइबर पुलिस 4 लाख की ठगी की हुई राशि ठग के खाते में होल्ड कराने में सफल रहा है। स्पष्ट है कि पिछले प्रकरण में 90 लाख ओर इस प्रकरण में 4 लाख की यह राशि शिकायतकर्ताओं को अब वापस मिल जाएगी।