Jain Community’s Petition Rejected : भोजशाला पर जैन समाज के दावे की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की!
Indore : एएसआई के भोजशाला को लेकर हुए सर्वे में निकली जैन तीर्थंकर की मूर्तियों के आधार पर जैन समाज का भोजशाला पर दावे की याचिका मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दी। विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सकलचंद जैन ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस आशय की याचिका लगाई थी।
धार में एएसआई की सर्वे के दौरान जैन तीर्थंकर नेमीनाथ की 2 मूर्तियां मिली थी। इन मूर्तियों के आधार पर सकलचंद जैन ने भोजशाला पर जैन समाज का दावा जताया। भोजशाला को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ याचिका लगाई थी। इस याचिका में जैन समाज भी विवाद में अपनी एंट्री चाहता था। लेकिन, हाईकोर्ट का कहना है कि जैन समाज का कोई दावा नहीं बनता।
हिंदू-मुस्लिम पक्षों के बीच भोजशाला पर अधिकार को लेकर चल रहे विवाद में जैन समाज भी कूद पड़ा था। सर्वे के दौरान जैन समाज के तीर्थंकर नेमीनाथ की 2 मूर्तियां और कुछ चिन्ह मिले। इनके मिलने के बाद विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सलेक चंद जैन ने भोजशाला पर अपना दावा पेश करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन, इस याचिका के विरोध में धार का ही जैन समाज अपने संगठन के खिलाफ खड़ा हो गया। कुछ दिनों पहले जैन समाज ने इकट्ठा होकर भोजशाला को हिंदू समाज का बताया था।
कब से शुरू हुआ सर्वे
भोजशाला में एएसआई का सर्वे 22 मार्च से शुरू हुआ था। इस मामले पर कोर्ट में 4 जुलाई को सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एएसआई को रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 हफ्ते का समय और दिया। कोर्ट ने एएसआई को सर्वेक्षण रिपोर्ट 15 जुलाई तक पेश करने का आदेश दिया है। इस रिपोर्ट में तय होगा कि भोजशाला में मंदिर था या मस्जिद। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होना है।
क्या है भोजशाला विवाद
हिंदू समुदाय भोजशाला को देवी वाग्देवी माता सरस्वती का मंदिर मानता है। वहीं दूसरे समुदाय का कहना है कि मुस्लिमों की कमाल मौलाना मस्जिद यहां हैं। एचएफजे की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिया था। इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च को यहां सर्वे का काम शुरू किया।