छतरपुर में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के मंत्रियों के सामने भड़के जैन मुनि..
राजेश चौरसिया (छतरपुर)
छतरपुर: संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के सानिध्य में अजितनाथ जैन मंदिर मेला ग्राउंड छतरपुर में 72 मंडलीय समोसरण विधान, वेदी प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के सातवें दिन आज कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद वीरेंद्र कुमार जी, चंदला विधायक राजेश प्रजापति, भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, अवधेश नायक जिला प्रभारी भाजपा शामिल हुए और मुनिश्री को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। विधान में पधारे सभी अतिथियों का जैन समाज द्वारा शाल श्रीफल पहनाकर सम्मानित किया गया।
●पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को लेकर मुनिश्री ने मंच से कही बड़ी बात..
जैन समाज के आस्था के केंद्र सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को झारखंड एवम केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के फैसले से पूरी देश की समाज में रोष व्याप्त है जिसको लेकर मुनिश्री विनम्र सागर जी महाराज ने कहा कि जैनो के सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र न बनाकर तीर्थ क्षेत्र ही बने रहने की मांग की।
●यह है पूरा मामला..
गौरतलब है कि झारखंड सरकार की अनुशंसा पर श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से पूरे देश मे जैन समाज द्वारा जगह जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है। जैन धर्मावलंबियों की माने तो श्री सम्मेद शिखर जी से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजो ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है जिससे यह जैनो का सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र माना जाता है।
●जैन मुनि ने कड़े शब्दों में किया विरोध की आलोचना..
जैनों के सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने और बनाने का महाराजजी ने मंच से विरोध किया और दोनों मंत्रियों से कड़े शब्दों में इस गलत निर्णय का विरोध करते हुए कार्य की निंदा की। तो वहीं इन मंत्रियों ने राज्य और केंद्र की सरकार में बात पहुंचने की बात करते हुए हर संभव प्रयास करने की बात कही।
●यह है मामला..
गौरतलब है कि झारखंड सरकार की अनुशंसा पर श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से पूरे देश मे जैन समाज द्वारा जगह जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है, जैन धर्मावलंबियों की माने तो श्री सम्मेद शिखर जी से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजो ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है जिससे यह जैनों का सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र माना जाता है।
जिसने भी इस कागज पर दस्तखत किया होगा वो हिंदू तो हो नहीं सकता वह राम का भक्त हो नहीं सकता, जो भी व्यक्ति है जिसने भी संवेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की है।
पर्यटन स्थल का मतलब है कि वहां पांच सितारा होटल खुलेंगीं वहां पर बीयर बार खुलेगा, वहां नानवेज रेस्टोरेंट खुलेगा, वहां पर पब बार खुलेगा। तब जाकर इंटरनेशनल लेवल पर हाई स्टैंडर्ड माना जाता है पर्यटन का उस हाई स्टेंडर्ड को एप्रूव्ड कराने के लिए उसके पीछे का लॉजिक क्या है। जिसने भी उस पेपर पर दस्तखत किए हैं उसकी एक बार कौम का जरूर पता कीजियेगा। वो भारत का रहने वाला तो हो सकता है लेकिन राम को मानने वाला हो नहीं सकता।
जब तक आदमी के पास पॉवर और पॉजिशन नहीं होती उसकी हैसियत ही नहीं होती कि इतने बड़े पेपर पर दस्तख़त/साइन कर दे। ये सारी ताकतें जब आदमी के पास मेन पॉवर या फिर किसी IAS, IPS, प्रशासन से पावर मिल जाता है रैंक मिल जाती है उसके बाद लोग मेढक की तरह उछल-कूद करने लगते हैं।
गुस्सा तो नहीं महाराज जी.. गुस्सा तो नहीं.. अच्छी बात बताता हूं राम का उदाहरण.. बैठे-बैठे याद आ गया.. विजय के बाद घटना घटी है..
जिस व्यक्ति ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया है वो कौम से, दूध से, जैन, और राम का भक्त हिंदु तो वो ही नहीं सकता। वह होगी कोई और कौम। लेकिन हिंदुस्तान है भगवान महावीर और भगवान राम के अनुयायी और वंशजों भक्तों की भूमि है। जिसने पर्यटन स्थल घोषित किया है। उसकी मति मारी गई होगी बेचारे की, वह चाहता तो उसको पवित्र नगरी भी घोषित कर सकता था। जैसे अमरकंटक.. चित्रकूट को आपने पवित्र नगरी घोषित कर दिया.. अमरकंटक को आपने पवित्र नगरी घोषित कर दिया.. और रेवेन्यू कमाने के लिए जहां पर आपको सम्मेद शिखरजी इस बात के लिए देख रहे है वहां पर नॉनवेज होटल और मांसाहार के साधन खोले जायेंगे। पता है कि जैन समाज जिस गली में बनता है उस गली से भी गुजरना पसंद नहीं करती, घुसने के बाद पता चल जाये कि वहां मांस की दुकाने हैं यो उसके बाद मां अपने कपड़े बदलती, नहाती, शुद्धिकरण करती है।
आप मेरी बात पहुंचा दीजियेगा संकेत पहुंचा दीजियेगा कि झारखंड सरकार संवेद शिखर जी के पूरे के पूरे एरिया से जितना रेवेन्यू जनरेट करना चाहती है हम अपने मंदिरों में एक दान पेटी रखवा देंगे उस दान पेटी में आपकी रेवेन्यू से 3 गुना रेवेन्यू आ जायेगा आप उसे ले लीजियेगा।
खुशी इस बात की है कि हम उस सनातन परंपरा के अनुयायी हैं भगवान शतीराम के भक्त हैं प्रभु श्रीराम को अपने माथे में हमने बैठाया है। दस्तखत करने वाले का एक बार जरूर पता कीजियेगा। पता करिए कि क्या वो हिन्दू है क्या वो राम का भक्त है। अगर वो राम का भक्त है तो उसने ऐसा दस्तखत कैसे कर दिया। उसके खून में मिलावट होगी तब जा के उसने संवेद शिखर जैसे तीर्थ को उसने पर्यटन स्थल घोषित करने की कोशिश करी है। क्यों कि राम का पवित्रतम अनुयायी अमरकंटक के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता, चित्रकूट के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता जब अयोध्या के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता यो वो संवेद शिखर जी के साथ कैसे खिलवाड़ कर सकता है।
आज की जो इंडियन गवर्मेंट है जिस भी शासन के प्रशासन के जिस भी अधिकारी ने उसको पर्यटन स्थल घोषित करने की घोषणा की है उसको वहां पर भगवान नहीं दिख रहे। उसको वहां पर रेवेन्यू दिख रहा है। उसको दिख रहा है कि इधर पर्यटन स्थल बनाने के बाद आवागमन बढ़ेगा तो झारखंड सरकार का हो सकता है कोष बढ़ जाये। वो मांगे गले तक खोल करके जैन समाज से अपेक्षा कर दे कि हमको इतना पैसा चाहिये है उसके गले में हम यहां तक ठूंस-ठूंस के नोटों की गड्डी भर देंगे इतनी ताकत रखते हैं हम लोग।
क्यों कि हमारे यहां साधुओं में एक साधु ऐसा भी निकला है कि जब उसके क्रोध का गुस्सा फूटा है तो 12 योजन की भूमि भी खाक हो गई। दरपायन ऋषि को देख लीजिएगा।
जब तक हम अपने आपे में रहते हैं तभी तक अपने आपे में रहते हैं। जिस दिन हम आह्वान करने में आ जायेंगे पूरी सत्त्ता को पलटने में बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
बाईट- मुनिश्री विनम्र सागर जी महाराज (मंच से बोलते हुए)
●केंद्र और राज्य के मंत्री पहुंचे..
जैन समाज के इस धार्मिक आयोजन में क्षेत्रीय संसाद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार सहित प्रदेश सरकार के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा पहुंचे जहां उन्होंने महाराज जी के प्रवचन सुने और उनके चरण वंदन कर आशीर्वाद लिया।
●मंत्री बोले..
तो वहीं इन मंत्रियों ने राज्य और केंद्र की सरकार में बात पहुंचने की बात करते हुए हर संभव प्रयास करने की बात कही।
बाईट- ओमप्रकाश सखलेचा (प्रदेश सरकार के मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री)