
Jal Ganga Conservation Campaign : वागधारा संस्था द्वारा मृदा संरक्षण के लिए हलमा: 70 से अधिक ग्रामीणों ने निभाई सक्रिय भागीदारी!
जानिए क्या होता है हलमा?
Bajana : जिले के बाजना विकासखण्ड के ग्राम गड़ीकटाराखुर्द में मृदा और जल संरक्षण की दिशा में कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन के सहयोग से बुधवार को 70 से अधिक ग्रामीणों ने नाले के किनारे स्थित खेत की मेडबंदी के लिए हलमा किया। इस हलमा का उद्देश्य था बारिश के मौसम से पहले खेतों की मेडबंदी कर उपजाऊ मिट्टी और जल का बहाव रोकना ताकि फसल की उपज बढ़ाई जा सके और भूमि की गुणवत्ता बनी रहे। ग्राम स्वराज समूह की बैठक में वाग्धारा संस्था के सामुदायिक सहजकर्ता बालाराम चरपोटा ने मृदा और जल संरक्षण पर चर्चा की थी।

बैठक में ग्रामीणों ने नाले के पास खेतों से मिट्टी के बहाव की समस्या उठाई। जिस पर सभी सदस्यों ने बारिश पूर्व हलमा आयोजित कर मेडबंदी का सामूहिक निर्णय लिया था। ग्राम स्वराज समूह द्वारा पूर्व में लिए निर्णय अनुसार आज आयोजित हलमा में गांव के बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए सभी ने मिलकर नाले के किनारे की टूटी हुई मेड को नाले में से पत्थर निकलकर मेडबंदी की।

सामुदायिक सहजकर्ता मोहन भूरिया ने बताया कि “हलमा हमारी आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है। इससे न केवल समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि समुदाय में आपसी सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।” ब्लॉक सहजकर्ता रेणुका पोरवाल ने बताया कि “मेडबंदी से मिट्टी का कटाव नहीं होगा, मिट्टी की नमी बनी रहेंगी और फसल की पैदावार में सुधार होगा।जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक निर्मल अमलियार ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। माही मध्यप्रदेश इकाई के लीडर धर्मेन्द्र सिंह ने उपस्थित ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलवाई।
हलमा के बाद ग्राम स्वराज समूह के सदस्यों द्वारा गांव के मंदिर परिसर में नीम और करंज के पौधे रोपते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस हलमा में जनपद सदस्य अजीत कटारा सामुदायिक सहजकर्ता, आभा, लक्ष्मी, काली, कपिल, प्रवीण ग्राम स्वराज और सक्षम समूह से रामा डाबी, दिनेश डाबी, नर्सिंग नोएडा, कांतिलाल डाबी, माना डाबी, पवन खराड़ी (पूर्व सरपंच), दौलसिंह, कैलाश बाई, कलाबाई, धुली बाई, सविता बाई, सोहनलाल सहित कई ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी निभाई!





