Jal Ganga Conservation Campaign : जल स्त्रोतों को संरक्षण की जरूरत नहीं, उन्हें प्रदुषित करना बंद करें तो संरक्षित!

आनंद विभाग के साथ विभिन्न सामाजिक संस्थाएं हुईं जल गंगा संवर्धन अभियान में सम्मिलित!

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Jal Ganga Conservation Campaign : जल स्त्रोतों को संरक्षण की जरूरत नहीं, उन्हें प्रदुषित करना बंद करें तो संरक्षित!

Ratlam : आनंद विभाग ने जल स्त्रोतों को बचाने के लिए शहर के हनुमान ताल पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने कहा कि जनता को जागरूक होने कि आवश्यकता है, निगम की कचरा गाड़ी के बजाय लोग खाली प्लाट पर कचरा डाल देते हैं जिससे शहर की स्वच्छता और सुंदरता समाप्त हो रहीं हैं। आनन्द विभाग की जिला समन्वयक सीमा अग्निहोत्री ने बताया कि कि शहर में कुल 65 जल स्त्रोत पंजीकृत हैं। आनन्द विभाग की टीम ने 21 जलस्रोतों का भ्रमण कर वहां का जल एकत्रित किया। पुष्पेन्द्र सिंह सिसौदिया द्वारा निर्मित पार्थिव शिवलिंग पर रूद्राभिषेक किया। अतिथियों ने कहा कि जल स्त्रोतों को संरक्षण की जरूरत नहीं सिर्फ उन्हें प्रदुषित करना बंद कर दें।कार्यक्रम में रतलाम शहर के इन जल स्रोतों के बारे में स्थानीय जनता से उनके इतिहास और वर्तमान स्थिति की जानकारी भी ली गई।

 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने कहा कि रतलाम की जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है। नगर निगम की कचरा गाड़ी के बजाय लोग खाली प्लाट पर कचरा डाल देते है, जिससे रतलाम शहर की स्वच्छता, सुंदरता तो समाप्त होती ही है, लेकिन जल स्रोत भी प्रदूषित हो रहें हैं।

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्वच्छता प्रभारी विशाल शर्मा ने कहा कि लोग पॉलीथिन सहित पूजन सामग्री को कुंए,बावड़ी, तालाब में डाल देते है, जल स्रोतों को संरक्षण की आवश्यकता नहीं है सिर्फ उन्हें प्रदूषित करना बंद कर दें। कार्यक्रम की अध्यक्ष वार्ड पार्षद निशा सोमानी ने बताया कि सभी लोग जल स्रोतों को स्वच्छ रखने और संरक्षण का संकल्प लें तो रतलाम में स्वच्छ जल की कोई कमी नहीं रहेगी और पूजन सामग्री को जल में प्रवाहित करने के बजाय पृथक कर खाद बनने योग्य सामग्री को बगीचे में डाल सकते हैं।

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जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने कहा कि यदि हम जागरूक नहीं रहें तो बावड़िया भी चोरी हो जाएगी, क्योंकि कई बावड़ी पर निर्माण हो चुके हैं और उसका कहीं अंश भी दिखाई नहीं देता। असामाजिक तत्व जमीन पर कब्जा करने के लिए बावड़ियों को कचरे से भरते चले जाते हैं और धीरे-धीरे वो विलुप्त हो जाती हैं। मधु परिहार ने आग्रह किया कि कोटा वाला बाग बावड़ी और हाकिम वाड़ा बावड़ी की स्थिति खराब है उनको खत्म होने से बचाने की आवश्यकता है। विभिन्न पर्यावरण प्रेमी द्वारा उनके निवास स्थल के करीब की बावड़ियों, कुओं के बारे में जानकारी दी। विभा राठौड़ ने भोयरा बावड़ी के इतिहास और उसके संरक्षण हेतु स्थानीय लोगों द्वारा किए गए प्रयास से अवगत कराया। जागरूकता कार्यक्रम में रतलाम के विभिन्न जलस्रोतों के रिकॉर्ड संधारित करने की योजना बनाई गई, जिसके दस्तावेजीकरण हेतु विनीता ओझा ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की।

कार्यक्रम को सफल बनाने में आनंद विभाग के सुरेंद्र अग्निहोत्री, संदीप नारले, पवन मकवाना, अशोक मेहता और धर्मा कोठारी द्वारा सहयोग किया गया। समस्त सामाजिक संस्थाओं ने उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम में शालीनता के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम के अंत में गंगा आरती हुई तथा लायंस क्लब रतलाम समर्पण ने कपड़े की थैलियां वितरित की। रतलाम के जल स्रोतों को संरक्षित करने के अभियान आनंद विभाग, जन अभियान परिषद, महिला पतंजलि योग समिति, भारतीय स्त्री शक्ति, लायंस क्लब रतलाम गोल्ड, रतलाम कला मंच, लायंस क्लब रतलाम समर्पण, अखिल भारतीय मैढ़ क्षत्रिय मारवाड़ी स्वर्णकार समाज की श्रीमती अरुणा सोनी, सहज योग संस्था, नमो ग्रुप फाउंडेशन, कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज, राष्ट्रीय गौ रक्षा विभाग, केसरिया जागृति मंच, श्रेष्ठ नवनिर्माण फाऊंडेशन के नरेन्द्र क्षेष्ठ, जिला पतंजलि योग समिति इस तरह कुल 15 संस्थाएं संयुक्त रूप से सम्मिलित हुईं!