जल सहेलियों की जल यात्रा का जटाशंकर धाम में हुआ समापन, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हुए शामिल

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जल सहेलियों की जल यात्रा का जटाशंकर धाम में हुआ समापन, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हुए शामिल

 

छतरपुर: बुन्देलखण्ड में जल संरक्षण को लेकर क्षेत्र की जल सहेलियों ने 300 किमी की एक विशाल पदयात्रा की।जल सहेलियों की जल यात्रा का जटाशंकर धाम में आज समापन हुआ। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इसमें शामिल हुए।

इस अवसर पर चौहान ने कहा कि आज दिल्ली में सरकार बन रही है, मुझे भी आंमत्रण आया था लेकिन मैने कहा कि मैं अपनी जल सहेली बहनों के साथ संकल्पित हूं जो पिछले 19 दिनों से जलयात्रा करके पानी बचाने की मुहिम छेड़े हुये है। बहनों ने बुलाया तो भाई क्यों ना आता।

जल सहेलियों की जल यात्रा के समापन अवसर पर केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने यात्रा के दौरान चल रही सभी जल सहेलियों के पैर धोये और कहा कि जो जल सहेलियां ओरछा से चलकर जटाशंकर धाम आयी है सबसे पहले में उनका पैर धोकर स्वागत करूंगा। हमारी पीढी ने पानी का इतना दोहन कर लिया है, आज कही कही हजार फीट पर भी पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए आज हमें संकल्प लेना होगा अगर हमें अपना भविष्य बचाना है तो पानी बचाना होगा।

बुन्देलखण्ड में जल संरक्षण को लेकर क्षेत्र की जल सहेलियों ने 300 किमी की एक विशाल पदयात्रा निकाली थी जो कि ओरछा से शुरू होकर गुरूवार को जटाशंकर धाम पर पहुंचकर सम्पन्न हुई। यह यात्रा निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर, झांसी, ललितपुर सहित पांच सैकड़ों गांवों से गुजरते हुए जल संरक्षण की अलख जगाते हुए जटाशंकर धाम पहुंची जहां केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग दो किमी पहले से इस यात्रा में शामिल हुए। बिजावर विधायक राजेश शुक्ला बबलू के नेतृत्व में जगह-जगह शिवराज सिंह चौहान का भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा में उनके साथ विद्या अग्निहोत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, छतरपुर, ललिता यादव, विधायक, छतरपुर, अरविन्द्र पटेरिया, विधायक राजनगर, कामाख्या प्रताप सिंह, विधायक महाराजपुर, आरआर आंनद, संयुक्त सचिव भारत सरकार, प्रद्युम्र सिंह पूर्व विधायक, बडामलहरा, चंद्रभान सिंह गौतम जिलाध्यक्ष भाजपा, पूजा आशीष दुबे सहित आलाअधिकारी उपस्थित रहे।

●समापन कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने लगाए वृक्ष..

 

समापन कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज मुझे प्रत्येक दिन पेड़ लगाते हुए 4 वर्ष पूर्ण हो गये, चार सालों में ऐसा एक भी दिन नहीं रहा कि मैने पेड़ ना लगाये हो, क्योंकि पेड़ ही असल में हमारे जीवन के स्त्रोत है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई भी वॉटरशेड कार्यक्रम अच्छा प्रदर्शन करता है तो वहां की वाटरशेड कमेटी को 20 लाख का पुरूस्कार दिया जायेगा। जल सहेलियां अब देश भर में वाटरशेड कार्यक्रम के साथ काम करेंगी। अभी तो हमने बहनों को लाड़ली बहना बनाया था अब मैं उन्हीं सब बहनों को लखपति दीदी भी बनाने का कार्य करूंगा।

 

समापन समारोह मेें बिजावर के विधायक राजेश शुक्ला ने जल सहेलियों की जल यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि जल सहेलियों के माध्यम से आज हमारे क्षेत्र में कृषि मंत्री आये है, इसके लिए में जल सहेलियों का आभारी रहूंगा। उन्होंने बताया कि जटाशंकर धाम को धार्मिक पर्यटन के रूप में बढावा देने के लिए सबसे पहले शिवराज सिंह के द्वारा ही कार्य किया गया था, उनका स्वागत करने का अवसर मिला यही मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

 

जल सहेली संगठन के संस्थापक डॉ. संजय सिंह ने कहा कि जल सहेलियां कहीं भी यह बताती थी कि शिवराज भईया हमारी यात्रा के समापन में आयेगे तो लोग उनका मजाक बनाते थे, लेकिन उनको विश्वास था कि भईया अवश्य आयेंगे। इस 20 दिवसीय यात्रा के दौरान हम सभी ने देखा कि आज भी समाज में मानवता है बस हमें उसे पहचानने एवं पहल करने की आवश्यकता है। मैं सोचता था कि 300 किलोमीटर की यह यात्रा पैदल जल सहेलियां कैसे कर पायेगी, लेकिन उनका दृढ संकल्प और जल संरक्षण के लिए निष्ठा से आज वह ओरछा से चलकर 20 दिनों में जटाशंकर धाम में यात्रा का समापन कर रही है, लेकिन यह इस यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि जल संरक्षण के लिए जल सहेलियों के नेतृत्व मेें एक नया सामाजिक आंदोलन है। जल सहेलियों का लक्ष्य है कि वह अपने साथ 1 लाख बहनों को और जोड़ेगीं।

 

इस दौरान जल यात्रा से निकलकर आये अनुभवों के आधार पर कृषि मंत्री को मांग पत्र दिया गया कि अगर सरकार के द्वारा मांग पत्र के मुददों पर कार्य किया जाता है, तो ना केवल जल संरक्षण को बढावा मिलेगा अपितु किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। कृषि मंत्री के द्वारा समापन समारोह में उपस्थित हजारों जल सहेलियों एवं जल योद्धाओं को जल शपथ दिलाई कि वह अपने वॉटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण का कार्य करेगे। इस दौरान कृषि मंत्री के द्वारा जल सहेलियों को जल संरक्षण के कार्यो को लेकर सम्मानित किया गया।