‘मित्रता’ की दुहाई देते ‘जन सेवा मित्र’…

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‘मित्रता’ की दुहाई देते ‘जन सेवा मित्र’…

प्रदेश में भाजपा सरकार फिर से बनवाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय इंटर्नशिप योजना के तहत नियुक्त हुए ‘जन सेवा मित्र’ अब स्थायी रोजगार पाने के लिए ‘मित्रता’ की दुहाई दे रहे हैं। प्रदेश के सभी 52 जिलों में चुनाव से पहले नियुक्त 9300 जन सेवा मित्र 31 जनवरी 2024 के बाद बेदखल कर दिए गए हैं। अब इंटर्नशिप के लिए नियुक्ति हुई थी, तो यह हश्र तो होना ही था। पर जन सेवा मित्र दावा कर रहे हैं कि जन-जन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दायित्व निभाकर उन्होंने प्रदेश में भाजपा सरकार की वापसी में दिन-रात एक कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और उनकी सेवाओं से प्रसन्न होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें नई सरकार बनने पर स्थायी रोजगार देने का वादा किया था। अब 31 जनवरी 2024 के बाद ऐसे हालात बन गए हैं कि जन सेवा मित्र न घर के रहे न घाट के यानि स्थायी रोजगार मिलना तो दूर अब तो यह अस्थायी भी नहीं रह पाए। इनका मानना है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भले ही बदल गए हों, पर सरकार तो भाजपा की ही है। ऐसे में इन्हें दूध में से मक्खी की तरह निकालकर नहीं फेंका जाना चाहिए। इनकी मांग स्थायी रोजगार की है। और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इनकी अपेक्षाएं भी बेशुमार हैं। वादा भले ही शिवराज ने किया हो, पर अब यह ‘जन सेवा मित्र’ सुदामा बनकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मित्रता की गुहार लगा रहे हैं। और इन्हें उम्मीद भी है कि सुशासन की राह पर कदम बढ़ाते मोहन के मध्यप्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान उदारता बरतते हुए इन्हें स्थायी रोजगार की सौगात अवश्य देगा।
आखिर इन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए इंटर्नशिप के टैग में भी अपना खून-पसीना एक जो किया है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान में बैठे युवा स्थायी रोजगार के लिए संघर्ष की पराकाष्ठा तक जाने का मन बना चुके हैं।
जन सेवा मित्र आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपना वादा नहीं निभा रही है। इससे प्रदेश के 9 हजार 300 युवा जन सेवा मित्र बेरोजगार हो गए हैं। अब यह भोपाल में धरने पर बैठ गए हैं। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ प्रदेश के जन सेवा मित्र युवा हल्ला बोल कर अटल बिहारी सुशासन व नीति विश्लेषण संस्थान का घेराव कर अनशन पर बैठ गए। जानकारी देते हुए उज्जैन जिले के निवासी मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र रहे लोकेन्द्र तंवर ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चीफ मिनिस्टर यूथ इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत प्रदेश भर में 9 हजार 300 युवा जन सेवा मित्र को भर्ती किया था। यह प्रोग्राम अटल बिहारी सुशासन संस्था भोपाल द्वारा संचालित किया जाता था। जहाँ यह जन सेवा मित्र प्रदेश की हर पंचायत में नियुक्त होकर सरकार व जनता के बीच पुल बन योजना का लाभ दिलाने का काम करते थे। जनसेवा मित्र ने लाड़ली बहना योजना को प्रभावी बनाया तो शिवराज सिंह ने आश्वासन दे दिया कि जन सेवा मित्रों की सेवा अगली सरकार में भी जारी रहेगी।
जब मामले की पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि शिवराज ने इन्हें स्थाई रोजगार मिलने का आश्वासन भले ही न दिया हो, लेकिन योजना जारी रहने और इनके हाथों में रोजगार रहने की बात जरूर कही थी। लेकिन मुख्यमंत्री बदलने के बाद 31 जनवरी को जनसेवा मित्रों की सेवा समाप्त कर दी गई। और अभी तक विभाग द्वारा कोई अधिकारिक सूचना या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। जिसके एवज में जनसेवा मित्र ने ट्वीटर अभियान, विधायको को ज्ञापन, भोपाल में 3 बार धरना प्रदर्शन भी किया ,फिर भी कोई सुनवाई न होने पर 26 फरवरी 2024 को सैकड़ों जनसेवा मित्र अटल बिहारी सुशासन संस्थान भोपाल का घेराव कर धरने पर बैठ गए। हालांकि अधिकृत सूत्रों की मानें तो शिवराज की ऐसी कोई अधिकृत घोषणा नहीं है। फिर भी अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान यह प्रयास कर रहा है कि इन युवाओं को कहीं न कहीं कंपनियों में इनकी योग्यता के अनुसार प्लेसमेंट मिल जाए। इंटर्नशिप योजना में नौकरी की जो अवधि थी, वह पूरी हो चुकी है। अब शिवराज का नाम लेकर कुछ गिने-चुने युवा इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं। इनकी काउंसिलिंग कर बेहतर जगह प्लेसमेंट के लिए तैयारी करने की समझाइश दी जा रही है। इसके लिए सुशासन संस्थान इनके सहयोगी की भूमिका का निर्वहन कर रहा है। दावा है कि बहुत सारे युवाओं को प्लेसमेंट मिल भी चुका है।
हालांकि यह बात भी सच है कि छह महीने पहले मुख्यमंत्री जनसेवा मित्रों से संवाद करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें जनता और सरकारी तंत्र के बीच पुल बताया था। जनसेवक के रूप में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते इन्हें 8 हजार की जगह 10 हजार देने की बात कही थी। और आश्वासन दिया था कि इनकी जरूरत हमेशा रहेगी, इसलिए योजना अगली सरकार में भी बंद नहीं होगी। मामा का यही लाड़ अब भांजे-भांजियों को बेहतर भविष्य के लिए ‘मित्रता’ की दुहाई देने को मजबूर कर रहा है…।