Jansunwai : जीवन के कई दुखों का जनसुनवाई में इलाज होने लगा!
Indore : मंगलवार को कलेक्टोरेट में हुई जनसुनवाई में बेघर हुई दंपत्ति को दोबारा स्वयं का मकान दिए जाने के बैंक को निर्देश दिए गए। इसके अलावा कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने किसी को इलाज, किसी को शिक्षा और किसी को रोजगार के लिए आर्थिक मदद स्वीकृत की।
एक दंपत्ति ने बताया कि हमने बैंक से लोन लेकर पंचवटी कॉलोनी में मकान बनाया। इसके लिए लगभग 23 लाख रूपए का लोन लिया था। इसमें से हमने अधिकांश राशि 17 किस्तों में जमा कर दी। शेष राशि ब्याज सहित बकाया होने पर बैंक द्वारा हमारा मकान कुर्क कर लिया गया और ताला लगा दिया, हम बेघर हो गए। हमने जब बैंक में सम्पर्क किया तो ब्याज सहित बहुत ज्यादा बकाया राशि शेष होना बताई गई। हमने कई जगह आवेदन दिए, लेकिन निराकरण नहीं हुआ। इस बीच में बैंक ने उक्त मकान नीलाम करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। इस दौरान हम डीआरटी जबलपुर गए और आवेदन लगाया। वहां से हमें इसी वर्ष फरवरी माह में स्टे मिल गया। इसके बावजूद भी उक्त मकान का ताला खोलने की कार्रवाई और हमें कब्जा देने की प्रक्रिया नहीं की गई। ये बातें गोपाल खंडेलवाल और उनकी पत्नी सीमा अग्रवाल ने कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी से कहीं। कलेक्टर ने इनकी बातों को गंभीरता से सुना और दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद निर्देश दिए कि तत्काल ही उक्त मकान का ताला खोलकर कब्जा सौंपा जाए।
बालिका का लिवर ट्रांसप्लांट होगा
जनसुनवाई में एक दंपत्ति अपनी 4 साल की बालिका को लेकर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि इस बालिका का लिवर खराब है। लिवर ट्रांसप्लांट कराया जाना है। इसमें लगभग 17 लाख रूपए खर्च होंगे। इसका इलाज इंदौर में एक ही अस्पताल में होना है। यह अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत लिवर ट्रांसप्लांट के लिए चिन्हित नहीं है। आयुष्मान कार्ड हमारे पास है, इससे हमें पांच लाख रूपए की तो मदद मिल जाएगी, शेष राशि की व्यवस्था हम कर लेंगे। उक्त अस्पताल चिन्हित नहीं होने से लिवर ट्रांसप्लांट कराने में दिक्कत आ रही है। कलेक्टर ने तुरंत ही भोपाल चर्चा की और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अनस्पेशिफाईड पैकेज के अंतर्गत 5 लाख रूपए की राशि आयुष्मान भारत योजना से स्वीकृत करने की कार्रवाई की।
इलाज का बकाया बिल माफ
जनसुनवाई में एक वृद्ध महिला गंगा वर्मा भी पहुंची। उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मेरे बड़े पुत्र की लंबे समय से तबीयत खराब है। उसका इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है। काफी पैसा खर्च हो चुका है। हाल ही में सर्वाइकल का ऑपरेशन भी कराया। इस ऑपरेशन में लगभग साढ़े 9 लाख रूपए खर्च हो चुके। इसमें से हमारे द्वारा साढ़े 6 लाख रूपए का भुगतान कर दिया गया। शेष राशि जमा करने की व्यवस्था हमारे पास बिल्कुल भी नहीं है। आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अभी और भी इलाज होना है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकाया राशि का बिल माफ कराया जाए। अस्पताल प्रबंधक से चर्चा कर बिल माफ कराया गया।
मुफ्त इलाज का इंतजाम
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इनका इलाज अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नि:शुल्क कराया जाए। कलेक्टर को एक दिव्यांग युवक राजेश पालीवाल ने भी अपनी समस्या बताई। कलेक्टर ने समस्या को गंभीरता से सुन कर सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक को निर्देश दिए कि रोजगार कार्यालय से मिलकर इनकी नौकरी के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही निर्देश दिए गए कि ऐसे अन्य दिव्यांग युवाओं को भी नौकरी देने हेतु रोजगार मेला आयोजित किया जाए।