Jeetu Patwari’s Ordeal : अपने चयन को सही साबित करने में जुटे जीतू पटवारी!

लोकसभा चुनाव और बड़े नेताओं में आपसी सामंजस्य पर फोकस!    

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Jeetu Patwari’s Ordeal : अपने चयन को सही साबित करने में जुटे जीतू पटवारी!

Bhopal : कांग्रेस को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आलाकमान ने जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंपी है। प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद से ही पटवारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए। विधानसभा चुनाव की परीक्षा में फेल रही कांग्रेस के सामने अब लोकसभा का कड़ा टेस्ट है।

इस टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पटवारी ने पूरी तरह कमर कस तो ली है, लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। सबसे बड़ी चुनौती नए और पुराने नेताओं में सामंजस्य बनाना, वहीं लोकसभा सीटों के लिए जिताऊ उम्मीदवार खोजना भी बड़ा चैलेंज है। प्रदेश कांग्रेस के लिए गुटबाजी सबसे बड़ी समस्या रही है।

विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की तल्खी खुलकर सामने आई थी। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी। इसके बाद प्रदेश संगठन की कमान जीतू पटवारी को सौंप दी। पटवारी की इमेज ऐसे नेता की है ,जो किसी गुट के नहीं हैं। जीतू की गिनती पार्टी के युवा नेताओं में होती है। पार्टी में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, अजय सिंह राहुल, अरुण यादव जैसे पुराने कद्दावर भी हैं। ऐसे में नए और पुराने नेताओं के बीच बैलेंस बनाना भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी।

लोकसभा में ज्यादा सीट जीतना बड़ा चैलेंज 

कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती 29 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश में सीटों की संख्या दो अंकों में ले जाने की है। पार्टी 2014 में जहां दो सीटें ही जीत सकी थी। वहीं, 2019 में महज एक सीट पर सिमट गई। कांग्रेस 2019 के चुनाव में छिंदवाड़ा सीट ही जीत सकी थी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे देखें तो कांग्रेस को 66 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी।

10 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस आगे 

विधानसभा चुनाव के नतीजों को लोकसभा सीट के लिहाज से देखें तो कांग्रेस करीब 10 लोकसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाने में सफल रही थी। अब पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव में यह बढ़त बनाए रखने की चुनौती होगी। लेकिन, सबसे अधिक मुश्किल कार्यकर्ताओं में जोश भरना माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने का चैलेंज पार्टी के सामने होगा। साथ ही ऐसे मुद्दों की तलाश भी करनी होगी जो प्रभावी सिद्ध हो सके। क्योंकि, विधानसभा चुनाव में अनपेक्षित संख्या में सीटें जीतकर भाजपा उत्साह से भरी है।