Jewelry Missing from Bank Locker : पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला के लॉकर से एक करोड़ के गहने गायब

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Gwalior : कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला और उनकी पत्नी पुष्पा शुक्ला का ग्वालियर की भारतीय स्टेट बैंक की चेतक पुरी शाखा में लॉकर है।

बैंक लॉकर से एक करोड़ रुपए से ज्यादा के जेवरात चोरी हो गए। ये चोरी ग्वालियर में लॉकडाउन के दौरान हुई। बैंक वालों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया, इसलिए अब शुक्ला कानूनी लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। बालेंदु शुक्ला के लॉकर में चोरों ने सेंध लगा दी। ये लॉकर उनके, उनकी पत्नी पुष्पा और बेटी के साझा नाम से है। पूर्व मंत्री ने 26 फरवरी 2020 को जब बैंक लॉकर ऑपरेट किया, तब उसमें गहने थे। लेकिन 25 जून 2021 को बैंक लॉकर खोला तो उनमें रखे गहने गायब थे। लॉकर से गहने चोरी होने के इस मामले की पूर्व मंत्री ने कुछ दिन पहले शिकायत की है।

भारतीय स्टेट बैंक की चेतक पुरी शाखा के लॉकर में पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी ने अपने पुश्तैनी गहने और नई ज्वेलरी लॉकर को सुरक्षित समझकर रखे थे। इन जेवरातों की कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा है। पुष्पा शुक्ला ने आखिरी बार 26 फरवरी 2020 को जब लॉकर खोला, तब जेवरात आदि सारा सामान सुरक्षित था। 25 जून 2021 को अगली बार बैंक जाकर लॉकर खोला, तो लॉकर पूरी तरह खाली था।

उसमें रखे जेवरात गायब थे। बैंक अधिकारियों ने पुष्पा को बताया कि लॉकर में मौजूद सामान की पूरी जिम्मेदारी लॉकर मालिक की है। लिहाज़ा बैंक ने भी अपनी तरफ से पुलिस को जानकारी नहीं दी और न पूर्वमंत्री ने इस मामले में शिकायत की। उनके वकील आशीष चतुर्वेदी के मुताबिक, इन गहनों में कई ज्वेलरी स्व माधवराव सिंधिया के परिवार ने बालेंदु शुक्ला की पत्नी को भेंट की थी, जो एंटीक ज्वेलरी थी। इसके अलावा बालेंदु शुक्ला के दादा के समय की ज्वेलरी भी उसमें थी। ऐसी ज्वेलरी की कीमत का सही अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है।

अब कानूनी लड़ाई का फैसला
बालेंदु शुक्ला ने बताया कि लॉकर के सारे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लॉकर मालिक की होती है। ऐसे में उस दौरान उन्होंने मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन, कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री शुक्ला ने झारखंड में ऐसे ही एक केस के बारे में सुना, जिसमे बैंक लॉकर से सामान चोरी होने के बाद पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि लॉकर से सामान की चोरी मैनेजर ने ही की थी। पुलिस ने उनमे मामला दर्ज कर सामान दिलवाया था। झारखंड के इस मामले को सुनने के बाद ग्वालियर में बालेंदु शुक्ला ने पुलिस से शिकायत कर FIR दर्ज करने की मांग की।

पार्टियां बदलते रहे
एक समय बालेंदु शुक्ला कांग्रेस के बड़े नेता थे। वे माधवराव सिंधिया के बचपन के दोस्त रहे हैं। माधवराव से दोस्ती के कारण बालेंदु शुक्ला ने मध्यप्रदेश कांग्रेस में लंबी पारी खेली। वे ग्वालियर से कांग्रेस के विधायक बने। अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा और दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार में 13 साल तक मंत्री रहे। माधवराव की मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य से बालेंदु की दूरियां बढ़ती चली गईं।

2008 में कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने 2008 में कांग्रेस छोड़ बसपा का दामन थाम लिया और बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2009 में बालेंदु बसपा से किनारा कर भाजपा में चले गए। लेकिन, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य भाजपा में आए तो जून 2020 में बालेंदु ने भाजपा छोड़ कमलनाथ के सामने कांग्रेस में घर वापसी कर ली।