Jhabua Chaupal: सांसद को बदनाम करने की साजिश या सच!
शासकीय सेवा पूर्णकर जीवन के उत्तरार्ध मे सेवाभाव से राजनीति मे आए रतलाम संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर ने अपने कार्य, व्यवहार, कुशल नेतृत्व क्षमता से भाजपा को एक अलग मुकाम पर खडा कर दिया! इसके बावजूद असंतुष्ट, पार्टी से तिरस्कृत भाजपाई, सांसद कि साफ सुथरी छवि को धुमिल करने पर आमादा है।
सांसद विरोधी कहते है कि, जिले मे जिन संस्थाओं, नगरीय निकायों पर भाजपा का कब्जा है, उन संस्थाओं पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। सांसद के नाम से उनके गुर्गे चार पहिया वाहनों मे ईंधन भरवाते है, यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। सप्लायर उनके नाम से काम मांगने सरकारी आॅफिसों मे घुमते है।
चर्चा तो यह भी है कि सांसदजी के कार्यालय का कम्प्युटर, जिला पंचायत कार्यालय की थोपी गई भेंट है! सांसद कार्यालय मे आने वाले लोगों का काम सांसदजी के निज सहायक पूरी ईमानदारी के साथ जीएसटी जोडकर करते है! भाजपाईयों की ऐसी चर्चाओं में कितनी सच्चाई है, यह तो नहीं कहा जा सकता। इसकी जानकारी सांसदजी को है, या नहीं, यह बात अलग है!
भाजपा के केन्द्रीय-प्रदेश संगठन ने इतने ईमानदार व्यक्ति पर भरोसा किया, जनता ने चुनकर विधानसभा से संसद तक पहुंचाया। ऐसे जनप्रतिनिधि पर उंगली उठाना उचित नहीं है ! ऐसी बातें भाजपा व संगठन के निर्णय पर सवालिया निशान खडे करती है। बडे ओहदे पर रहकर, लंबे प्रशासकीय कार्यकाल के बाद, राजनीति के प्रारंभ से वर्तमान समय में भी वे अविवादित है। बेदाग छवि वाले सांसद श्री डामोर का भ्रष्टाचार से दूर, दूर तक नाता नहीं रहा। श्री डामोर की ईमानदारी के डंके देहात से लेकर प्रदेश की राजधानी तक आज भी बजते है!
रेत माफिया हैदर ओर गुल्लू में, वीडी शर्मा का जिक्र क्यो!
अलिराजपुर से लेकर झाबुआ जिले तक अवैध रेत परिवहन माफियाओं का जाल बिछा हुआ है। इनमें दो माफियाओं के विवाद और उनके बीच मध्यस्थता का वायरल ऑडियों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। ऑडियो मे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, झाबुआ के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे का नाम सामने आ रहा है।
भूपेन्द्र नामक व्यक्ति रेत परिवहन की अवैध वसूली विवाद को खत्म करने के लिए ग्राम कानाकाकड मे विशाल नामक व्यक्ति की मध्यस्थता का जिक्र कर रहा है। हैदर नामक व्यक्ति कह रहा है,-गुल्लू का सरपरस्त शैलेष दुबे है, ओर मैं उसको भी जानता हूं। विशाल चुनाव लडेगा तो, क्या वीडी शर्मा पैसे देने आएगा या शैलेष दुबे आएगा। चुनाव मे कार्यकर्ता काम आएंगे, हम बताते है कहां से, कैसे पैसे मिलेंगे! ऑडियों मे हैदर, व्यावसायिक प्रतिद्वंदी गुल्लू से हुए विवाद का जिक्र कर रहा है। विशाल ओर सुलोचना मैडम के कहे अनुसार काम करने की बात हैदर कर रहा है।
ऑडियों मे महेश पटेल, भदु पचाया ओर शंकर बामनिया का जिक्र, ओर रेत परिवहन कारोबार मे गूल्लू को हटाने की बात कही गई है। वायरल ऑडियो मे कितनी सच्चाई है, उसकी पुष्टि मीडियावाला नहीं करता। लेकिन जो चर्चा सुनाई दे रही है, उससे इनकार नहीं किया जा सकता कि, अवैध रेत परिवहन माफियाओं के तार भाजपाईयों ओर कांग्रेसियों से जुडे है। इसमें सभी के आर्थिक हित भी शामिल है। इसीलिए अवैध वसूली के विवाद मे राजनीतिक हस्तक्षेप से मध्यस्थता कर सुलह की बात सामने आ रही है!
भाजपा जिलाध्यक्ष के कार्यकाल पर ग्रहण लगेगा!
भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक को उनके कार्यकाल पूर्ण होने से पहले ही राजनीतिक विरोधी उन्हे फुरसत मे करना चाहते है। ओर वे इसका कोई मोका भी नहीं छोड रहे। ऐसी ही घटना कुछ दिनों पहले हुई। हवा की तरह एक खबर फैली की जल्द ही प्रदेश भाजपा कार्यालय से नए जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। वर्तमान जिलाध्यक्ष को आराम दिया जाएगा। इस खबर को पुख्ता करने के लिए यह भी बताया गया कि जिलाध्यक्ष के विरोधी इस समय भोपाल मे मोजूद है।
प्रदेश भाजपा कार्यालय व मुख्यमंत्री से उस पीडित महिला को मिलवाएंगे जिसने कई बार जिलाध्यक्ष पर प्रताडना का आरोप लगाया है। इसके साथ दो अन्य महिलाएं भी है, जो जिलाध्यक्ष की प्रताडना का शिकार हुई है। योजना अनुसार यह सब पर्दे के पीछे रहकर करना था। अगले दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें झाबुआ जिले की एक महिला भाजपा जिलाध्यक्ष पर प्रताडना का आरोप लगाते हुए दिखाई दी।
पीडित महिला का वीडियो भोपाल का बताया गया, जो मुख्यमंत्री व प्रदेश भाजपा कार्यालय पर न्याय की गुहार लगाने ओर जिलाध्यक्ष पर कार्यवाही की मांग को लेकर गई थी। पीडित महिला की खबर न्यूज चैनल पर चली। इसको सोशल मीडिया पर भाजपाईयों द्वारा फैलाया गया। लेकिन जिलाध्यक्ष के विरोधियों की योजना कमजोर निकली और यह तुफान एक शांत हवा के झोंके की तरह निकल गया। न तो भाजपा प्रदेश कार्यालय से जिलाध्यक्ष को हटाने की खबर आई, न ही नए जिलाध्यक्ष की घोषणा हुई।
देखना है कि जिलाध्यक्ष के विरोधी अगली कौन सी नई चाल चलेंगे। ओर लक्ष्मण सिंह नायक जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे या पूर्व के जिलाध्यक्षों की तरह उनकी विदाई हो जाएगी।
कांग्रेस वोट बैंक पर भाजपा की चोंट!
शहर मे नगर पालिका ओर जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण मुहिम चलाई। दो दिनों तक चली इस मुहिम मे नगर मे फैले अवैध अतिक्रमण को चार जेसीबी मशीन की मदद से नगर पालिका अमले ने हटा दिया। पुलिस सुरक्षा के बीच यह अभियान चलाया गया। इससे नगर मे आवागमन सुलभ हो गया और तंग गलियां, मोहल्ले, चौराहे साफ हो गए। इतना सब कुछ होने के बाद भी भाजपाई ओर कांग्रेसी मौन धारण किए है। इस मुहिम का न तो किसी ने विरोध किया, ओर न ही इसका श्रेय लेने आगे आए।
मध्यप्रदेश मे शिवराज मामा का बुलडोजर पत्थर फ़ेकने वालो पर चला तो, प्रशासन ने भी अतिक्रमण मुहिम चलाकर नगर को अतिक्रमण मुक्त कर दिया। इस मुहिम से जो प्रभावित हुए उन्होंने इसका विरोध किया ओर नुकसान होने पर अपना आक्रोश नगर पालिका पर जताया। उनके आक्रोश, विरोध ओर नाराजगी को देखते हुए कांग्रेसी सफाई देते फिर रहे है कि, इस मुहिम मे उनका कोई हाथ नहीं है। दरअसल नगर पालिका मे कांग्रेस का कब्जा है, अध्यक्ष कांग्रेसी है। इसीलिए कांग्रेस बचाव की मुद्रा मे है।
कांग्रेसियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर लोगों के घर ओर दुकानों को उजाडा जा रहा है। भाजपाईयों का कहना है कि नगर पालिका मे कांग्रेस बहुमत से अध्यक्ष है। हर काम कांग्रेस के इशारे पर होता है। नगर मे हुई इस कार्यवाही कि जिम्मेदार नगर पालिका है। अब दोनो दलों के आरोप-प्रत्यारोप ओर बचाव के बीच कई गरीब बेघर हो गए। अपने व्यवसाय से हाथ धो बैठे। अतिक्रमण मुहिम के नाम पर भाजपा ने कांग्रेस वोट बैंक पर चोंट की है। आने वाले नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम बताएंगे कि इस मुहिम का फायदा भाजपा को मिलता है या कांग्रेस को!