बच गए कलेक्टर सोमेश मिश्रा!
अप्रैल माह में भोपाल में हुई कलेक्टर-कमिश्नर काॅन्फेंस में भ्रष्टाचार को लेकर जिस तरह झाबुआ कलेक्टर के प्रति सीएम ने नाराजगी जाहिर की थी उसके बाद पूरे समय यही चर्चा रही कि कलेक्टर आज गए, कल गए! झाबुआ कलेक्टर, भ्रष्टाचार के इतने बडे आरोप के बाद सीएम की समीक्षा बैठक में आखिर कैसे बच गए!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह माना जा रहा है अगली बैठक मे रिव्यू करने के बाद अधिकारियों जिनमें कई कलेक्टर और SP का तबादला संभावित है, अब एक साथ ही लिस्ट निकलेगी।
पता चला है कि 14 मई को सीएम अमेरिका जा रहे है, ओर उसके पहले ये माना जा रहा है कि, 10 मई के आस-पास कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस हो सकती है। सीएम ने एक मौका सब को दिया है, ओर इस कॉन्फ्रेंस मे जिसका परफाॅरमेंस खराब होगा वे, तबादला सूची मे आएंगे! जिस कलेक्टर का परफाॅरमेंस अच्छा होगा वे बच जाएंगे। इस बार कलेक्टर कमिश्रनर- कॉन्फ्रेंस मे अगर झाबुआ कलेक्टर के खिलाफ फिर से कोई मामला निकला तो, उनको कोई बचा नहीं पाएगा। अभी तो वे फिलहाल बचे हुए है! प्रशासनिक गलियारों में चल रही चर्चा अनुसार अगली समीक्षा बैठक के बाद ही ट्रांसफर होंगे। एक तरह से देखा जाए तो कलेक्टर को अपने काम को सुधारने ओर बताने का एक माह का मौका ओर मिल गया है!
इसलिए सीएम ने सांसद को हड़काया!
जिले के बहुचर्चित खेल सामग्री घोटाले की गूंज अब भोपाल तक पहुंच गई है। सियासी और प्रशासनिक गलियारों में अब इसको लेकर भोपाल से झाबुआ तक पूछताछ जारी है।
सूत्रों से मिली जानकारी पर अगर भरोसा किया जाए तो इस घोटाले में सांसद गुमान सिंह डामोर के पारिवारिक सदस्य का शामिल होना चर्चा में है। शायद यही वजह है कि डामोर अंदर ही अंदर इस मामले को दबाना चाहते हैं। बताया गया है कि डामोर ने इस संबंध में अपने स्तर पर मामले को दबाने की कोशिश भी की लेकिन जब इस बात का पता मुख्यमंत्री को लगा तो उन्होंने डामोर के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में डामोर को हड़काया भी है। इस घोटाले के उजागर होने से सांसद डामोर की झाबुआ से लेकर भोपाल और दिल्ली तक किरकिरी भी हुई है और राजनीतिक रूप से उनके नंबरों में कमी आई है!
विक्रांत के बयान से नहीं भरेंगे जख्म!
शहर की नपा पर कांग्रेस का कब्जा है। अतिक्रमण मुहिम से प्रभावित हुए लोगों के दुख दर्द पर प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. विक्राम भूरिया ने अपने बयान से मरहम लगाने कि कोशिश की, ओर प्रदेश की भाजपा सरकार को इस मुहिम के लिए जिम्मेदार ठहराया! अतिक्रमण से प्रभावित लोगों की सुध, न तो कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने ली, न विक्रांत भूरिया मूहिम के समय लोंगों के पक्ष मे बचाव करते हुए आगे आए!
विक्रांत भूरिया ने मीडिया में बयान जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली! आईटी सेल के पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए लिखा-आम जनता को ज्ञात हो की अतिक्रमण की कार्यवाही केवल शिवराज सरकार के निर्देश पर हो रही है, नगर पालिका का कोई रोल नहीं है! इन बयानों से तो साफ जाहिर है कि, कांग्रेस को नपा की कुर्सी की चिंता है लेकिन, अतिक्रमण से परेशान लोगों से कोई सरोकार नहीं है!
भाजपा के भानु पर कांग्रेसी कायल!
भाजपा जिला उपाध्यक्ष भानु भूरिया ने कांग्रेस की दिवंगत विधायक कलावती भूरिया को प्रथम पुण्यतिथी पर याद किया, सोशल मीडिया पर स्व. कलावती भूरिया का फोटो शेयर करते हुए भानु ने लिखा-आपको और आपके इस अंदाज को कभी भूल नहीं सकते, पुण्यतिथी पर सादर नमन! इस पोस्ट के बाद कलावती समर्थकों ने भी श्रृद्वांजलि देते हुए कई पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की। भानु भूरिया के इस संवेदनशील व सदाशयता कि कांग्रेसियों ने भी खुलकर तारीफ की।
भाजपा ने कलसिंह का कद बढाया!
भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केन्द्रीय गृह एवं सहकारी मंत्री अमित शाह तेंदूपत्ता संग्राहकों के कार्यक्रम मे भोपाल आए। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर को मंच पर स्थान देकर जिले की राजनीति मे इसे श्री भाबर के बढे हुए कद से तुलना कि जा रही है।
साथ ही भाजपा मे किए जाने वाले बदलाव के संकेत के रूप मे देखा जा रहा है! कलसिंह भाबर के आमंत्रण को स्वीकार कर मुख्यमंत्री सपत्नीक भगोरिया के पारंपरिक पर्व मे थांदला भी आए थे। संघ की पृष्ठ भूमि से जुडे श्री भाबर को सीएम द्वारा इतनी तवज्जों देना कई भाजपाइ्रयों को नागवांर लग रहा है! चर्चा तो यह भी हो रही है कि 2024 के चुनाव के लिए कलसिंह भाबर भाजपा का चेहरा हो सकते है।
श्याम त्रिवेदी
श्याम त्रिवेदी प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए दो दशकों से कार्य कर रहे हैं! इनमें नईदुनिया समाचार पत्र और ईटीवी न्यूज चैनल प्रमुख रूप से शामिल है! समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के लगातार 15 वर्षो से स्ट्रिंगर होकर मध्यप्रदेश शासन के जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है! राजनीति और प्रशासनिक विषय पर गहरी पकड रखते हैं! मीडियावाला के झाबुआ-आलीराजुपर के ब्यूरों चीफ है!