Jhabua Choupal: प्रत्याशी चयन में कांग्रेस पिछड़ी, बागियों को भी नहीं मना पाए!
पंचायत चुनाव के शुरूआत में ही कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी और आपसी खिंचतान सामने आ गई। जिला पंचायत सदस्य के वार्ड उम्मीदवार के नामों को अंतिम समय तक तय नहीं कर पाई! इस कारण वार्ड क्र 9 में कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं कर पाई! इस वार्ड से कई कांग्रेस समर्थितों ने नामांकन जमा किया लेकिन अंतरकलह के चलते किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन सकी!
विधायक कांतिलाल भूरिया के विधानसभा क्षेत्र में जिन्हें अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया उनकें सामनें अपनी ही पार्टी के बागी उम्म्मीदवार ताल ठोंककर चुनावी मैदान में खड़े हो गए! झाबुआ विधानसभा में ही सात बागी उम्मीदवार चुनावी मैदान में है जो कांग्रेस के लिए परेशानी का कारण बनेंगे! विधायक श्री भूरिया और युकां प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवारों से नाम वापसी नहीं करवा पाएं!
विधायक का पुत्र मोह कांग्रेस को पड़ेगा भारी!
पेटलावद विधानसभा के कांग्रेस विधायक वालसिंह मेड़ा ने अपने पुत्र विक्रम मेड़ा को वार्ड क्र 14 से पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनाकर परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया! जबकि इसी वार्ड से कलावती गेहलोत कांग्रेस से दो बार जिपं सदस्य रह चुकी है और उसी की दावेदारी इस क्षेत्र से बनती थी!
लेकिन विधायक जी ने पुत्र मोह में जीतने वाली महिला उम्मीदवार का पत्ता कट कर दिया! कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज कलावती गेहलोत ने बगावती तेवर दिखाते हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई! विधायकजी और उनके पुत्र के लिए महिला उम्मीदवार भारी पड़ सकती है! जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा!
भाजपा के विरोधी गुट ने बागियों को मनाने का मोर्चा संभाला!
भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य के लिए जिन कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी नहीं बनाया उन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन जमा कर दिया था! ऐसे में उनके नाम वापसी की बड़ी जिम्मेदारी जिलाअध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक पर तो थी ही लेकिन इसमें पूर्व जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे, शांतिलाल बिलवाल, उपाध्यक्ष प्रवीण सुराणा, पूर्व महामंत्री विजय नायर ने अपने राजनीतिक अनुभव और प्रभाव का उपयोग करते हुए भाजपा से नाराज, बागी उम्मीदवारों से चर्चा कर मनाने का काम किया! नाम वापसी के आखरी दिन बागियों से नामांकन वापस करवाया!
वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष दोनों के बीच मतभेद और खाई होने के बाद भी पार्टी हित में जिला पंचायत पर कब्जा करने के लिए एक साथ देखे गए!
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नागरसिंह के मैनेजमेंट से भाजपा को कितना फायदा होगा!
प्रदेश उपाध्यक्ष और अलीराजुपर के पूर्व भाजपा विधायक नागरसिंह चौहान ने पंचायत चुनाव के पहले ही 5 सरपंच और एक जनपद वार्ड के उम्मीदवार को निर्विरोध रूप से जीत दर्ज करवा दी! जिला व जनपद पंचायत के वार्ड में सदस्य के चयन में श्री चौहान ने महती भूमिका अदा की है!
जिला पंचायत के कुल 13 वार्डों में जहां से भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने नामांकन जमा किया था उन्हें भी भाजपा के समर्थन में नाम वापसी करवा दिया! फिर भी तीन वार्डों में भाजपा के बागी उम्मीदवार चुनावी मैदान में डटे हुए है!