
Jhalkari Bai’s Birth Anniversary: क्रांतिकारी वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर “सम्यक बलिदान स्वराज स्वतंत्र भारत “परिकल्पना पर केन्द्रित काव्य गोष्ठी !
भोपाल :मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति एवं महिला शक्ति प्रकोष्ठ केसंयुक्त तत्वाधान में विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हुए क्रांतिकारी वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के अवसर पर महिला शक्ति प्रकोष्ठ द्वारा हिंदी भवन मे सम्यक बलिदान स्वराज स्वतंत्र भारत परिकल्पना पर आधारित कार्यक्रम संपन्न हुआ |इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्वत्रन्त्रता संग्राम ने झलकारी बाई के बलिदान पर केन्द्रित रचनात्मक प्रस्तुति में तीन महिलाओं डॉ. साधना शुक्ला, डॉ. रेणु श्रीवास्तव और सुषमा पटेल ने वीरांगना झलकारी बाई पर एकल प्रस्तुति देते हुए वीरांगना बनकर उसी जोश से नाट्य प्रस्तुत करके झलकारी बाई के जीवन के दृश्य अभिनीत किये एवं “सम्यक बलिदान स्वराज स्वतंत्र भारत ” कविता पाठ किया |कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ.प्रभा वर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ .स्वाति तिवारी ने की .सारस्वत अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्री मुकेश वर्मा उपस्थित थे .कार्यक्रम हिंदी भवन में आयोजित किया गया .

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. स्वाति तिवारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा – वीरांगना झलकारी बाई वीरता की और दोस्ती की अद्भुत मिसाल हैं,झलकारी बाई की विरासत एक साहसी, निडर और देशभक्त वीरांगना की है।आज का दिन उनके पूण्य स्मरण ,उनके अदम्य साहस और निडरता को याद करने का है . झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना में वे महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं, इस कारण शत्रु को धोखा देने के लिए वे रानी के वेश में भी युद्ध करती थीं। झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में सुनी जाती हैं ,वे लोक नायिका थी स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा . झलकारी बाई के इस कार्यक्रम में आज महिला शक्ति प्रकोष्ठ ने उनको जीवंत कर दिया है.

मुख्य अतिथि डॉ. प्रभा वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा -देश की हर वीरांगना माँ दुर्गा का रूप है. आज सभी ने झलकारी बाई को याद करने के साथ-साथ भारत की समस्त वीरांगनाओं को याद कर लिया है | उन्होंने अपनी कविता का पाठ किया .
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कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि मुकेश वर्मा जी ने शहर में होने वाले विश्व रंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि झलकारी बाई के ऊपर जो साहित्य लिखा गया है उसे जरुर पढ़ना चाहिए .झलकारी बाई वीरांगना तो थी ही लेकिन हमें उनके चरित्र में दोस्ती और विश्वास की जो पराकाष्ठा दिखाई देती है उसे भी सीखना होगा.

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत महिला शक्ति प्रकोष्ठ के संयोजक अनीता सक्सेना ने किया .सरस्वती वंदना चित्रा चतुर्वेदी ने, सफल संचालन सुधा दुबे ने, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कुंकुम गुप्ता ने किया.
काव्य गोष्ठी में निम्नलिखित लेखिकाओं ने काव्य पाठ किया – निरुपमा खरे,उषा सोनी, वंदना त्रिपाठी, सविता बांगड, मनोरमा श्रीवास्तव, ऊषा चतुर्वेदी, डॉ प्रभा वर्मा, डॉ.अल्पना वर्मा, डॉ.मालती बसंत, डॉ. रेणु श्रीवास्तव, सीमा स्वरागिनी खरे, मंजू गुप्ता, संध्या पुरी, डॉ प्रतिभा द्विवेदी, सुषमा पटेल, विभूति कश्यप, डॉ. नीलू समीर, नमिता सेन गुप्ता, श्यामा गुप्ता ‘दर्शना’ ।





