Jhuth Bole Kauva Kaate: गोबर के लपेटे में अखिलेश, हेराल्ड में सोनिया-राहुल

Jhuth Bole Kauva Kaate: गोबर के लपेटे में अखिलेश, हेराल्ड में सोनिया-राहुल;

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट भाषण के दौरान गोबर की खिल्ली उड़ाना सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भारी पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को आड़े हाथों लिया तो नेता प्रतिपक्ष से जवाब देते नहीं बना। उधर, नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड आयकर चोरी मामले में फैसले के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड सांसद को पूछताछ के लिए पहली बार तलब कर लिया है। इसी स्तंभ में मैंने संकेत दिया था कि आने वाला साल इन दोनों पर भारी बीतने की आशंका है।

Jhuth Bole Kauva Kaate: गोबर के लपेटे में अखिलेश, हेराल्ड में सोनिया-राहुल

पहले बात, उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की। जब अखिलेश यादव प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा की हालत पर बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष के सदस्य ने उनके (अखिलेश यादव) आस्ट्रेलिया में पढ़े होने पर टिप्पणी कर दी। इस टिप्पणी से अखिलेश यादव भड़क गए। उन्होंने कहा कि हम वहां पढ़े हैं इसलिए जो अच्छा देखा वो इम्पलीमेंट किया। आप लोग गोबर देख रहे हो तो वही इम्पलीमेंट कर रहे हो। अखिलेश यादव ने योगी को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें कन्नौज में गोबर प्लांट नहीं चाहिए। वह आप गोरखपुर ले जाइए। हमें हमारा परफ्यूम पार्क दे दीजिए। सरकार के कन्नौज में गोबर प्लांट लगाने की घोषणा पर अखिलेश ने कहा कि कन्नौज की पहचान इत्र से है, गोबर से नहीं। इसलिए गोबर प्लांट लगाना है तो गोरखपुर में प्लांट लगाएं।

उस समय तो सीएम योगी अखिलेश की बातों पर मुस्कुराते रहे, लेकिन जब वह बजट के पक्ष में बोलने के लिए खड़े हुए तो अखिलेश को गोबर पर खूब लपेटा और उन्हें गोबर ज्ञान दिया। योगी ने कहा कि अखिलेश के भाषण में भैंस के दूध का असर ज्यादा दिखाई दे रहा था। गाय का कम था। ठहाकों के बीच योगी ने कहा कि बहुत से लोग फैट कंटेंट के नाते भैंस का दूध ज्यादा पसंद करते हैं। उन्हें तो जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर काम करना है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एक तरफ किसान की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू नजर आ रही है। हमारे यहां गाय का गोबर बड़ा पवित्र माना गया है। तंज कसते हुए सीएम ने आगे कहा कि अखिलेश ने हमसे न सही, चाचा शिवपाल से ही सीखा होता तो पता चल जाता कि पूजा कैसे होती है।

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योगी ने कहा कि भारत की कृषि प्रधान व्यवस्था बिना गाय और गोबर के नहीं हो सकती। नेचुरल फार्मिंग बगैर गोमाता के संभव ही नहीं है लेकिन आपको (अखिलेश को) गाय के गोबर में बदबू आती है लेकिन बात आप किसान की करते हैं। “अगर आपने पूजा की होती और गाय के गोबर को लक्ष्मी के रूप में रखा होता तो पता होता कि भारत की समृद्धि का प्रतीक तो यहीं से प्रारंभ होता है। आज तो गोबर से धूप-अगरबत्ती भी बन रही है। मुझे लगता है पूजा करते तो जरूर जलाते। वैसे जलाना चाहिए, अच्छी बात है। आपने गौ को गौ-माता कहा मुझे अच्छा लगा।”

गोबर की दूसरी खूबी बताते हुए योगी ने कहा, “गाय का गोबर लक्ष्मी का प्रतीक होता है। भारत की समृद्धि का प्रतीक है गाय का गोबर। अगर आपको ये बात पता होती तो आपको गोबर से बदबू नहीं आती। घरों में जब पूजा होती है तो हर घर में मूर्तियां नहीं होती। लोग गोबर की लक्ष्मी बना कर उसे पूजते हैं। तब अखिलेश ने कहा, “गोवर्धन पूजा।” योगी ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, “देखा चाचा के साथ रहने का असर है।”

तीसरा फायदा बताते हुए योगी ने कहा, “हम नेचुरल फार्मिंग का नया प्रोग्राम ला रहे हैं। ये प्रोग्राम गाय के गोबर के बिना पूरा नहीं हो सकता। हमारे बहुत सारे प्रगतिशील किसानों ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। गाय के गोबर की खाद से किसान ऑर्गेनिक प्रोडक्शन कर रहे हैं। अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।” भारत कृषि प्रधान देश है और गाय के गोबर के बिना कृषि बेहतर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, किसानों की ट्रेनिंग के कार्यक्रम भी चल रहे हैं। बुंदेलखंड को तो बजट में इसके लिए स्पेशल तौर पर चयनित किया है। धनराशि की भी व्यवस्था की है। गंगा से सटे 5 किलोमीटर के इलाकों में भी ये योजना शुरू की जा चुकी है। नेचुरल फार्मिंग से किसान और जमीन पेस्टिसाइड्स, फर्टिलाइजर्स और केमिकल खेती की सभी समस्याओं से मुक्त हो जाएंगे।


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योगी ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कन्नौज की चिंता जरूर की, लेकिन इनके इत्र वाले मित्र तो बहुत कुछ गुल खिला रहे थे, परंतु इत्र उद्योग के लिए भाजपा सरकार ने ईमानदारी से काम किया है। वर्तमान में अकेले कन्नौज से इत्र का 800 करोड़ का व्यापार हो रहा है। एक जिला-एक उत्पाद योजना से कन्नौज जुड़ा है। पिछले पांच साल में 55 नई इकाइयां लगी हैं। यद्यपि पहले से भी वहां इकाइयां थीं। 375 इकाइयां वहां काम कर रही हैं।

झूठ बोले कौआ काटेः सत्य है, गोबर की महत्ता से इनकार नहीं किया जा सकता है। गोबर में लक्ष्मी का वास माना गया है। इसलिए जब भी पूजन या हवन जैसा कोई धार्मिक कार्य किया जाता है तो उस जगह को गाय के गोबर से लीपा जाता है। प्राचीन काल में गोमूत्र और गाय के गोबर को पवित्र मानते हुए इसका उपयोग दवाओं से लेकर घरों की शुद्धता के लिए करते रहे हैं।

अब तो, गोबर से बिजली, बैटरियां, दीये, मोमबत्तियां, धूप, अगरबत्तियां, शुभ-लाभ, स्वास्तिक, समरानी, हार्ड बोर्ड, वाल पीस, पेपर वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमा, चप्पल, ब्रीफकेस, गुलाल, इको फ्रेंडली गमले और पेपर जिस पर आप डिजिटल प्रिंटिंग भी कर सकते हैं, बनाए जा रहे हैं। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गाय के गोबर से पेंट और डिस्टेंपर बनाने की तैयारी है। यह पेंट पर्यावरण के बिल्कुल अनुकूल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, सामान्य पेंट के मुकाबले सस्ता और गंधरहित रहेगा। इससे दीवार के अलावा लोहे के रॉड को भी पेंट किया जा सकेगा।

और तो और, कन्नौज में गोमूत्र और गोबर से सुगंधित उत्पाद बनाने की योजना पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की पहल पर सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) पहले ही पहल कर चुकी है। इन उत्पादों में अलग-अलग फूलों की प्राकृतिक सुगंध मिलेगी। गुलाब, गेंदा, जूही, चमेली, बेला के साथ तुलसी व चंदन की महक वाले उत्पाद बनाए जाएंगे। साथ में फाइन परफ्यूमरी के तहत कई तरह के स्प्रे निर्माण पर फोकस होगा। कार व रूम फ्रेशनर के दर्जनों उत्पाद तैयार होंगे।

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योगी आदित्यनाथ और प्रदेश सरकार को घेरने के चक्कर में बेचारे अखिलेश यादव स्वयं घिर गए।
यंग इंडिया केस आफ्टर इफेक्टः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े धन शोधन और हेराफेरी मामले में कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी कर पेश होने को कहा है। ईडी ने राहुल गांधी को 2 जून को बुलाया था लेकिन विदेश में होने के कारण वे पेश नहीं हो सके।

संभवतः उन्होंने आगे की कोई तिथि मांगी है क्योंकि उनके भारत लौटने की संभावना 5 जून को है। दूसरी ओर, ईडी ने सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले 12 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता पवन बंसल से पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे वित्तीय लेन-देन सहित कई पहलुओं को लेकर सवाल किए गए थे।

दरअसल, यह केस एक इक्विटी लेनदेन से संबंधित है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर एसोसिएटेड जर्नल्स की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का कथित रूप से केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके हेराफेरी करने का आरोप है। इस मामले की बुनियाद तब पड़ी जब 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी को लेकर घपलेबाजी की गई है।

उन्होंने सोनिया और राहुल के खिलाफ टैक्स चोरी और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी का आरोप है कि नेशनल हेराल्ड की कर्ताधर्ता कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति को गैर क़ानूनी रूप से यंग इंडिया लिमिटेड में शामिल कर दिया गया जबकि यंग इंडिया लिमिटेड कोई जर्नल या न्यूज़ पेपर नहीं हैं। पिछले दिनों यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड आयकर चोरी केस को आयकर अपीलीय अधिकरण द्वारा सही ठहराया गया था।

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पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों का आरोप है कि जब यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का ‘अधिग्रहण’ किया था, तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था और उनके पिताओं द्वारा रखे गए शेयरों को 2010 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को स्थानांतरित कर दिया गया था, वो भी बिना उनकी सहमति के।

झूठ बोले कौआ काटेः इसे कहते हैं आयकर अपीलीय अधिकरण के फैसले का ऑफ्टर इफेक्ट! गांधी परिवार से न उगलते बन रहा, न निगलते। ईडी की पूछताछ में गांधी परिवार के पास सफाई में नया कहने को कुछ नहीं। आरोपों से बचने के लिए यंग इंडिया ब्याज के साथ कर और जुर्माने की राशि जमा करने से बचेगा।

ऐसी स्थिति में आय़कर विभाग आईटी एक्ट की धारा 276-सी के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही शुरु करेगा। कानून के जानकार अधिकरण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील से भी कोई बहुत लाभ नहीं देखते हैं क्योंकि, अधिकरण के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई मामले के तथ्यों को लेकर नहीं होगी। केवल कर के आकलन और जुर्माने की राशि को लेकर होगी। तो फिर, अंजामे गुलिश्तां क्या होगा?

और ये भी गजबः बिहार के मोतिहारी में एक महिला ने ऐसे बच्चे को जन्म दिया है, जिसके पेट के अंदर भी एक शिशु यानी भ्रूण मिला है। मेडिकल इतिहास के अंदर इस मामले को अब तक का सबसे दुर्लभ केस माना जा रहा है। 40 दिन के नवजात शिशु की तबीयत खराब होने पर उसे रहमानिया मेडिकल सेंटर में इलाज के लिए लाया गया। बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि बच्चे का पेट फूला रहता है और पेट फूलने की वजह से बच्चा ठीक से सूसू नहीं कर पाता है। ये सब जानने के बाद डॉक्टर बच्चे की बीमारी को जानने की कोशिश में जुट गए। रहमानिया मेडिकल सेंटर के डॉक्टर तबरेज अजीज ने बच्चे के सीटी स्कैन समेत कुछ जरूरी टेस्ट करवाए।

Jhuth Bole Kauva Kaate: गोबर के लपेटे में अखिलेश, हेराल्ड में सोनिया-राहुल

और फिर, जैसे ही जांच रिपोर्ट सबके सामने आई, उसने सभी को सदमे में डाल दिया। इस दुर्लभ घटना को लेकर डॉक्टर तबरेज ने कहा कि मेडिकल लेंग्वेज में इसे ‘भ्रूण में भ्रूण’ यानी ‘बच्चे के पेट में बच्चा’ के नाम से जाना जाता है। डॉक्टर तबरेज के मुताबिक यह एक दुर्लभ मामला है, जो पांच लाख मरीजों में से किसी एक में होता है। रहमानिया मेडिकल सेंटर के अनुसार बच्चे की सर्जरी हो गई है, जिसके बाद अब बच्चा बिल्कुल ठीक है, और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।