J&K Govt: जम्मू-कश्मीर की अब्दुल्ला सरकार में कांग्रेस शामिल नहीं होगी, बाहर से ही समर्थन!

कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में सरकार में हिस्सेदारी पर सहमति नहीं बनी!

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J&K Govt: जम्मू-कश्मीर की अब्दुल्ला सरकार में कांग्रेस शामिल नहीं होगी, बाहर से ही समर्थन!

Srinagar : जम्मू-कश्मीर में आज उमर अब्दुल्ला सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है। 10 कैबिनेट मंत्रियों के शपथ (oath) लेने की संभावना है। इसमें कांग्रेस सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के कई बड़े नेता शामिल होंगे। लेकिन, आयोजन से पहले ही इस समारोह का माहौल बदल गया।

संभावना लगाई जा रही थी कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी इस सरकार में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन, अब कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि आज के शपथ ग्रहण आयोजन में उनकी पार्टी का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा। पार्टी बाहर से समर्थन करने पर भी विचार कर रही है।

जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रभारी भरत सिंह सोलंकी का कहना है कि फिलहाल नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है। चर्चा पूरी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बात पूरी न हो पाने के कारण आज कोई भी कांग्रेस विधायक शपथ नहीं लेगा। इस बात को लेकर भी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहेगी या फिर उसे बाहर से समर्थन करेगी।

कांग्रेस के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। माना जा रहा था कि कांग्रेस भी इस सरकार का हिस्सा रहेगी। लेकिन, आज शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस की घोषणा ने चौंका दिया। क्योंकि, कांग्रेस विधायक के शपथ न लेने का सीधा मतलब है कि फिलहाल सरकार में हिस्सेदारी को लेकर बात फाइनल नहीं हो सकी। कांग्रेस के पास बाहर से समर्थन देने का विकल्प भी है, ताकि सरकार पर दबाव बना रहे।

दोनों के गठबंधन को 48 सीटें

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की। 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 और कांग्रेस ने 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा 29 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

जम्मू-कश्मीर का नंबर गेम

जम्मू कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव हुए थे और उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों के मनोनयन को भी जोड़ लें, तो सदन की स्ट्रेंथ 95 पहुंचती है। 10% वाली कैप भी है, ऐसे में मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या 9.5 यानि अधिकतम 10 ही हो सकती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल रही कांग्रेस के 6, सीपीएम के एक विधायक हैं। चुनाव पूर्व गठबंधन से ही 49 विधायक हैं और अब पांच निर्दलीय विधायकों ने भी उमर सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया। आम आदमी पार्टी भी गिव एंड टेक के फॉर्मूले पर समर्थन ऑफर कर चुकी है।

शपथग्रहण में इन नेताओं को निमंत्रण

राहुल गांधी (नेता विपक्ष, कांग्रेस), मलिकार्जुन खड़गे (अध्यक्ष, कांग्रेस), ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल), शरद पवार (अध्यक्ष, एनसीपी (SP), सपा चीफ अखिलेश यादव (पहुंचे), लालू प्रसाद यादव (RJD), एमके स्टालिन (DMK), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), हेमंत सोरेन (JMM), महबूबा मुफ्ती (PDP), भगवंत मान (CM, पंजाब), अरविंद केजरीवाल (AAP), CPIM नेता प्रकाश करात पहुंचे।