New Delhi : कोरोना संक्रमण के केस कम होने के बाद अब आर्थिक गतिविधियों में सुधार दिखाई दे रहा है। साथ ही जॉब मार्केट में भी रंगत है। कई कंपनियों ने अपनी हायरिंग में बढ़ा दी।
मार्च महीने में साल-दर-साल के हिसाब से नौकरी देने की दर में 6% का इजाफा हुआ। 13 शहरों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स (MEI) ने 13 शहरों में कंपनियों द्वारा की गई भर्ती के आंकड़ों को जांचा और अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में ऑनलाइन भर्ती गतिविधियों को ट्रैक किया गया और एक साल पहले के स्तर से तुलना करने पर इसमें 6% की वृद्धि दर्ज की गई। इन 13 शहरों में शामिल सभी महानगरों ने वार्षिक आधार पर नौकरी देने की दर में दोहरे अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सबसे ज्यादा रोजगार मुंबई में
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में होने वाली भर्तियों के मामले में मुंबई पहले स्थान पर है। मार्च में यहां हायरिंग की दर 21% से ज्यादा रही। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई सबसे बड़ा रोजगार बाजार बनकर उभरा। इसके बाद कोयंबटूर 20% वृद्धि के साथ दूसरे और चेन्नई व हैदराबाद 16% बढ़ोतरी के साथ तीसरे नंबर पर आता है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ोतरी
बेंगलुरु में ऑनलाइन भर्ती गतिविधियां 15% ज्सादा दर्ज की गईं। वहीं कोलकाता और दिल्ली-एनसीआर में ये बढ़ोतरी 13%-13% रही। इसके बाद पुणे का नंबर आता है, जहां 12% की बढ़ोतरी देखने को मिली। इसके अलावा दूसरे बड़े शहरों में भी कंपनियों के द्वारा भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई गई है।
कहां कितनी बढोतरी
मार्च 2022 के आंकड़ों के अनुसार, भर्ती की ज्यादा मांग बैंकिंग/वित्तीय सेवाओं और बीमा कंपनियों में देखने को मिली। इनमें भर्ती की दर 37% से ज्यादा दर्ज की गई। इसके बाद टेलीकॉम/आईएसपी में 17% का सुधार आया और मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन के क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों में भर्ती गतिविधियां 16% की दर से बढ़ीं।
हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में सुधार
कोरोना की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर में भी लंबे समय के बाद सुधार आया। इस क्षेत्र में लोगों को नौकरियां मिलनी फिर से शुरू हो गई है। ऑनलाइन भर्ती के आंकड़ों के आधार पर इस क्षेत्र में मार्च महीने में सालाना आधार पर 11% सुधार हुआ। दूसरी और इंजीनियरिंग, निर्माण, और लौह/इस्पात से जुड़ी कंपनियों में भर्तियां 20% कम हो गई।
महामारी के अब राहत के हालात
मॉन्स्टर डॉट कॉम के सीईओ शेखर गरिसा ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच बीते दो साल बेहद खराब रहे, लेकिन अब यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2020 की तुलना में चुनौतियों से पार पाते हुए इस साल सुधार दर्ज किया है। रोजगार देने की दर में भी इजाफा हुआ है। बैंकिंग और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों ने निस्संदेह देश में रोजगार सृजन के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। टियर- II शहरों में व्यावसायिक गतिविधि में पर्याप्त वृद्धि देखने को मिली।