Alirajpur : जोबट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अब बारी जनता की थी। सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को सुनने के बाद क्षेत्र के मतदाताओं ने शनिवार को अपना विधायक चुनने के लिए मतदान किया। सुबह सात बजे मतदान आरंभ हो गया था। गुलाबी सर्दी के बीच फिलहाल कम ही मतदाता वोट करने निकले। सुबह आठ बजे से मतदान में तेजी आने लगी। दोपहर करीब एक बजे तक 35% मतदान दर्ज किया गया। शाम 6 बजे तक 50.90 मतगणना होने मिली है। पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 52.56 और महिला मतदान 49.24% रहा। मतदान केंद्रों पर कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन भी कराया गया।
चुनाव क्षेत्र के 417 मतदान केंद्र पर शनिवार सुबह 7 बजे से मतदान प्रारंभ हो गया था। इस बार महिलाओं की भूमिका अहम होगी। क्योंकि, जिला निर्वाचन अधिकारी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाते हुए 10 पिंक मतदान केंद्र भी बनवाए थे। इन 10 मतदान केंद्रों में पीठासीन अधिकारी से लेकर सुरक्षा अधिकारी तक सभी महिलाएं ही बनाई गई।
जोबट में भाजपा की सुलोचना रावत और कांग्रेस के महेश पटेल के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। इस मुकाबले में दोनों ने ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपना वोट डालने के बाद दोनों ही प्रत्याशी क्षेत्र के मतदान केंद्रों का दौरा करने निकल पड़े। मतदान को लेकर आज स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था।
चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं की खामोशी ने यहां राजनीति के जानकारों को भी अब तक मौन कर रखा है। जोबट आदिवासी सीट है और दोनों दलों को रोजगार के लिए पलायन कर बाहर गए मतदाताओं की चिंता रही। इस कारण परिणामों पर असर भी पड़ सकता है। जनता का मत किसके पक्ष में जाएगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है। दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने यहां जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। आज EVM में 6 प्रत्याशियों की किस्मत बंद हो गई।
यह दूसरा मौका है जब इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है। इससे पहले 1996 में अजमेर सिंह रावत के निधन के बाद उपचुनाव हुआ था। जबकि, इस बार कलावती भूरिया के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। इसे जीतने के लिए 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। इसे जीतने से शिवराज सरकार ने कोई असर नहीं छोड़ी और न कांग्रेस ने अपना दम लगाने में कमी दिखाई। दोनों ही पार्टियां के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का मामला है। इस क्षेत्र में में करीब एक लाख युवा वोटर हैं, जिनकी इस चुनाव में अहम भूमिका है।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस सहित सभी दलों के नेताओं ने एक-दूसरे दलों पर जमकर हमला बोला। इससे चुनाव का माहौल अच्छा ख़ासा गरमा गया। लेकिन, मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों की चिंता बढ़ा दी।