Joint Family Impact : दादा काका के संस्कारों से शिक्षा के क्षेत्र में छाजेड़ परिवार के नौनिहालों ने लहराया परचम!
Ratlam : माणाजी डाढमजी छाजेड़ यह नाम शहर के सराफा बाजार में ग्राहकों के लिए जाना पहचाना नाम है। सब जानते है कि यह फर्म ग्राहकों के लिए सम्मानजनक और विश्वसनीयता की परिचायक है।
एक सदी से भी पहले से स्थापित इस फर्म के मुखियाओं ने अपने विश्वास की डोर को इतनी प्रमाणिकता से साझा किया कि ग्राहक दशकों से इस प्रतिष्ठान के मुरीद हैं।
यह तो हुई बात माणाजी डाढमजी छाजेड़ फर्म की, हां अब हम बात करें इसी परिवार की नई पीढ़ी के नौनिहालों की तो इस परिवार के नौनिहालों ने अपने दादा-काका और परिवार का नाम प्रदेश भर में रोशन किया।
आपको बता दें कि छाजेड़ परिवार के वटवृक्ष की खिली हुई शाखाओं ने यानी परिवार की तीसरी पीढ़ी ने अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद आशातीत सफलता प्राप्त की और परिवार की ख्याति में चार चांद लगा दिए।
सबसे बड़ी बात है कि परिवार का एकजुट होकर रहना। 20 सदस्यों का यह कुनबा शहर की सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। वैसे तो शहर में और भी इस तरह एकजुट होकर परिवार रहते होंगे लेकिन इस कुनबे में एक छत के नीचे पले बढ़े हुए बच्चों पर परिवार के बुजुर्गों के संस्कारों की ऐसी छाप छोड़ी की नई पीढ़ी ने शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल कायम कर दी।
सराफा व्यवसाई छाजेड़ परिवार में जाने पहचाने नाम हैं। बाबूलाल, कांतिलाल, विमल, शैलेन्द्र जो सराफा व्यवसाई हैं और ज्वेलर्स पर सदैव तत्पर रहते हुए अपने कार्य में व्यस्त रहते हैं। हम बात करें छाजेड़ परिवार के सदस्य आलोक की बिटिया कृति की, जिसने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की, इसके साथ ही कृति के भाई भव्य ने 12th की परीक्षा में 96.2% प्राप्त किए। परिवार के सदस्य सौरभ की बिटिया निर्वी ने 10th की परीक्षा में 93.2% अंक प्राप्त किए। इसके साथ ही सुरेश छाजेड़ के पोते दर्शील पिता आशीष छाजेड़ ने 10th की परीक्षा में 95.6% अंक प्राप्त कर दादा-काका के नाम को रोशन किया।