विन विन ऑटो मोबाइल्स शो रूम पर पत्रकार से हुई बड़ी ठगी, 29 लाख 35 हजार की नई महिंद्रा एसयूवी 700 का पेमेंट ले, थमा दी सैकेंड हैंड कार

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विन विन ऑटो मोबाइल्स शो रूम पर पत्रकार से हुई बड़ी ठगी, 29 लाख 35 हजार की नई महिंद्रा एसयूवी 700 का पेमेंट ले, थमा दी सैकेंड हैंड कार

*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खास रिपोर्ट*

इटारसी। कोई भी अपनी पसंद की नई कार लेने अपनी मेहनत की कमाई की 29 लाख जितनी बड़ी रकम पेमेंट कर देवे और बाद में जब उसे पता चले कि उक्त कार नई न हो कर उसके साथ धोखाधड़ी अथवा ठगी कर उसे डीलर द्वारा सैकेंड हैंड कार थमा दी गई है, तो इतने बड़े फ्राड के बाद उसकी मानसिक हालत क्या होगी,यह सहज ही समझा जा सकता है। वहीं डीलर द्वारा की गई धोखाधड़ी से कार निर्माता कंपनी की कार्यशैली आदि की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिह्न सहज ही लग जाते हैं।

आज ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसमें महेंद्रा कंपनी के डीलर भोपाल के विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इटारसी के एक वरिष्ठ पत्रकार से नई महिंद्रा एसयूवी 700 के पैसे तो पूरे ले लिए लेकिन पूर्व में फाइनेंस कराई गई और बिना लोन चुकाए वाली एक सेकेंड हैड महिंद्रा एसयूवी 700 थमा दी गई। यह मामला इटारसी के पत्रकार और व्यापारी अनिल मिहानी का है, जिसका खुलासा गुरुवार की शाम अनिल मिहानी द्वारा एक पत्रकार वार्ता में किया गया। इसके पूर्व श्री मिहानी ने शोरूम संचालक द्वारा उनके साथ हुई ठगी और धोखाधड़ी के मामले में सिटी थाना में एक आवदेन भी दिया। जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि ऐसे ठगी, धोखाधड़ी करने वाले विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल पर सख्त कार्रवाई करते हुए नई गाड़ी के लिए उनके द्वारा चुकाई गई कीमत एवं फाइनेंस कंपनी को ब्याज दर, फॉर क्लोजर पर लगने वाले अतिरिक ब्याज सहित पूरी राशि

उनको वापस दिलाई जाए।

पत्रकार वार्ता में अनिल मिहानी ने बताया कि विगत 10 अक्टूबर 2023 को विन चिन ऑटो मोवाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल से नई महिंद्रा एक्सयूची 700 खरीदने के लिए उन्होंने कोटेशन नंबर 58 प्राप्त किया था। जिसमें गाड़ी की कीमत 29 लाख 35 हजार 200 रुपए ऑन रोड बताई गई थी।

 

*पहले से चल रहा था महिंद्रा फाइनेंस कंपनी का लोन*

 

श्री मिहानी ने बताया कि जब उन्होंने अपने साथ हुई ठगी और धोखाधड़ी की जानकारी एकत्र की तो पता चला कि विन दिन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा जो एसयूवी 700 गाड़ी उनको दी गई है वह पुरानी है। उक्त गाड़ी पर विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा महिंद्रा फाइनेंस कंपनी से 28 जून 2023 को 10 लाख 58 हजार 489 रुपए का लोन लिया गया है जो 30 जनवरी 2024 तक भी बाकी है। अर्थात इसका भुगतान भी विन विन ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा महिंदा फाइनेंस को नहीं किया गया है जो महिंदा फाइनेंस के साथ भी की गई एक बड़ी धोखाधड़ी है। यही गाड़ी महिंद्रा फाइनेंस द्वारा विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को भी फाइनेंस की गई । श्री मिहानी ने बताया कि शोरूम संचालक द्वारा मुझसे नए वाहन का पूरा पैसा प्राप्त करने के बाद भी धोखाधड़ी करते हुए पुराना वाहन बेचा गया है। इतना ही नहीं मेरी महिंद्रा एक्सयूवी 700 का नंबर एवं नंबर प्लेट एमपी 04 जेपी 6731 शो रूम द्वारा दिया गया है वह आरटीओ की अधिकृत वेबसाइट पर भी साढ़े तीन माह बाद भी अब तक नहीं दिखा रहा है। इसमें भी कोई फर्जीवाड़ा हो सकता है,जिसकी जांच हेतु मैं आरटीओ को भी शिकायत करूंगा।

 

श्री मिहानी ने बताया कि शोरूम संचालक वीरेंद्र सिंह के कहने से मैने शो रूम के ही एक कर्मचारी देव साचले को ढाई लाख रुपए नगद राशि दी और मुझसे कहा गया कि आपकी महिंद्रा एक्सयूची 700 गाड़ी बुक करा दी गई है। इस दौरान मुझे कोई भी रसीद प्रदान की गई अलबत्ता उन्होंने मौखिक रूप से 15 दिन के अंदर उक्त बुक की गई गाड़ी की डिलेवरी देने की बात जरूर कही । जिसके बाद मैने फिर 12 अक्टूबर को 1 लाख रुपए नेफ्ट के माध्यम से विन पिन ऑटो मोवाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को अपने बैंक अकाउंट से ट्रांसफर कर दिए थे। अगले ही दिन शोरूम से फोन करके मुझे एक-दो दिन में ही गाड़ी की डिलेवरी देने की बात कही गई और बकाया राशि के भुगतान का भी अनुरोध किया गया।

 

शोरूम के प्रवेंद्र एवं विवेक शर्मा के बताए अनुसार महिंद्रा फाइनेंस से फाइनेंस प्रक्रिया कराई जा रही थी। उसी दौरान पता चला कि उक्त गाड़ी पहले से ही दिन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल के नाम से फाइनेंस है। जब इसकी चर्चा मेरे द्वारा प्रवेंद्र एवं विवेक शर्मा से की गई तो उन्होंने कहा कि दूसरी कंपनी से फाइनेंस करा देते हैं।

 

*जीएसटी का भी नहीं मिला लाभ*

 

श्री मिहानी ने बताया कि उक्त गाड़ी महिंद्रा एक्सयूवी 700 क्रय करते समय मेरे द्वारा अपना जीएसटी नंबर भी प्रदान किया था। जो विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा मुझे प्रदान किया गया, उसमें अंकित भी है। बावजूद इसके मुझे जीएसटी का लाभ प्रदान नहीं किया गया। अर्थात उक्त डीलर द्वारा जीएसटी जमा ही नहीं की गई।

 

मेरे द्वारा एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड से 17 अक्टूबर 2023 को कोटेशन एवं फाइनेंस संबंधी अन्य दस्तावेज देने के बाद मुझे 5 वर्ष के लिए 49 हजार 250 रुपए प्रति माह की किश्त पर 23 लाख 11 हजार 200 रुपए फाइनेंस कर राशि विन विन ऑटो मोवाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को प्रदान करने को स्वीकृति दे दी गई। जिसके बाद गाड़ी मुझे डिलेवर कर दी गई।

 

मैने जब 17 अक्टूबर 2023 को गाड़ी रिसीव करने के बाद उसे स्टार्ट किया तो वह स्टार्ट नही हुई। तब डिलेवरी देने वाले स्टाफ के प्रवेंद्र एवं विवेक शर्मा ने कहा कि टेस्ट ड्राइव के कारण डिस्चार्ज हो गई होगी,बैटरी चार्ज करा देते हैं। जब बैटरी को बाहर निकाला गया तब बैटरी के हालात देखकर ऐसा लग रहा था जैसे बैटरी बहुत पुरानी ही। मेरे द्वारा जब आपत्ति ली गई तब डिलेवरी देने वाले स्टाफ ने तत्काल दूसरी गाड़ी की बैटरी निकालकर मेरी गाड़ी में लगा दी,पर वह बैटरी भी पुरानी थी। जब मैंने दोबारा आपत्ति ली तब स्टाफ ने कहा कि आज पंचमी का दिन है, शोरूम पर बहुत भीड़ है और बहुत सी गाड़ी की डिलेवरी देनी है। आप दशहरा के बाद आकर कभी भी शोरूम से नई बैटरी प्राप्त कर लेना।

 

 

श्री मिहानी ने सवाल उठाया कि शोरूम संचालक द्वारा जब किसी अन्य व्यक्ति के नाम पहले से ही गाड़ी बिल काट दिया हो तब वह उसी गाड़ी का बिल दोबारा नहीं काट सकता। इसी प्रकार यदि गाड़ी पर पहले से फाइनेंस है तो उस व्यक्ति को पहले संबंधित फाइनेंस कंपनी का हिसाब क्लियर कर नो ड्यूज प्राप्त करना होगा। इसके बाद यह गाड़ी सैकेंड हैंड के रूप में अनुबंध के माध्यम से बेची जा सकती है। परंतु इस प्रकरण में ऐसा कुछ नहीं हुआ। जो सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला बनता है।

*डिलेवरी लेते ही सामने आ गई थीं कई खामियां*

श्री मिहानी ने बताया कि 17 अक्टूबर को ही बैटरी बदलने हेतु जब गाड़ी का बोनट खोला गया था तो गाड़ी का इंजन, बैटरी इत्यादि पर भारी धूल जमा थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यह गाड़ी पुरानी है। परंतु शोरूम पर मौजूद लोगों ने मुझे हर बात के लिए तर्क देकर समझा दिया। पर जब मैं गाड़ी शोरूम से लेकर निकला तो उसमें इटारसी पहुंचते पहुंचते कई अन्य शिकायतें भी देखने को मिली। जो पुरानी गाड़ी होने का स्पष्ट संकेत दे रही थी। गाड़ी आगे से धड़-धड़ कर रही थी अर्थात व्हील इलाइमेंट, व्हील बैलेसिंग आदि की समस्या थी। पीछे की डिक्की लॉक नहीं हो रही थी। गाड़ी के नीचे से कई नट बोल्ट गायब थे। यह नई गाड़ी अन्य गाड़ियों की अपेक्षा ज्यादा वाइब्रेशन कर रही थी जो कई शंकाओं को जन्म देती थी। जब इसकी शिकायत मैंने वाट्सऐप के माध्यम से विन विन ऑटो मोवाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल के जी एम विवेक शर्मा से की तो उन्होंने अगली बार आने पर समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दे दिया। लेकिन जब समस्याओं का समाधान होता दिखाई नहीं दिया तब मैने जानकारी एकत्र की तो पता चला कि विन विन ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल शोरूम संचालक द्वारा मुझे सेकेंड हैड गाड़ी बेची गई है। श्री मिहानी ने बताया कि खास बात यह है कि उक्त गाड़ी संभवतः पीछे से एक्सीडेंटल भी है जो विशेष जानकार गाड़ी देखकर ही बता देंगे कि गाड़ी एक्सीडेंटल है।

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*हमने लोन चुकता करने के बाद ही गाड़ी बेची है। हमारे ऊपर उक्त गाड़ी का कोई भी रुपए महिंद्रा फाइनेंस का बकाया नहीं है।*

*वीरेंद्र सिंह, डायरेक्टर विन विन ऑटो मोवाइल्स भोपाल।*