बिपरजॉय‌ में जॉय छिपा है…

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Biparjoy's Havoc : बिपरजॉय गुजरात के तट के नजदीक, तूफान से तबाही दिखाई देने लगी!

बिपरजॉय‌ में जॉय छिपा है…

चक्रवाती तूफान के नाम बड़े ही विचित्र तरह के होते हैं। इसके नाम अलग-अलग देश रखते हैं। इस चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का नाम बांग्लादेश ने दिया है। बांग्ला में बिपरजॉय का अर्थ विनाशक होता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सदस्य देश चक्रवाती तूफान का नाम देते हैं। संयुक्त राष्ट्र के इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक  पैनल के 13 सदस्य देश नार्थ हिंद महासागर में उठाने वाले तूफानों के नाम तय करते है। 13 देशों के पैनल में भारत, पाकिस्तान, ओमान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन शामिल हैं। इस बार तूफान का नाम देने की जिम्मेदारी बांग्लादेश की थी। तो बांग्लादेश ने सटीक नाम दिया है और बिपरजॉय विनाश कर अपने नाम को सार्थक कर रहा है। हमारे हिस्से में बस एक ही विकल्प है कि जितना कम विनाश हो, हम उतना ज्यादा एंजॉय करें। क्योंकि अंततः हमारे हिस्से में विनाश तो आना ही है। इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता। इस सत्य की वजह कई मायनों में हम इंसान यानि बुद्धिमान मानव ही हैं। तो फिर विनाश की हिस्सेदारी में अफसोस कैसा, हर तरह के बिपरजॉय को भी एंजॉय करने की आदत डालनी ही पड़ेगी।

पहले हम इस बात को समझ लें कि चक्रवाती तूफान कैसे आता है? समुद्री जल का तापमान बढ़ने पर इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म हो जाती है। यह हवा ऊपर की ओर उठने लगती है तो उस जगह कम दबाव का क्षेत्र बनने लगता है। इसे भरने के लिए पास की ठंडी हवा कम दवाब वाले जगह की ओर बढ़ने लगती है। गर्म और ठंडी हवाओं के मिलने से तूफान का जन्म होता है। यही तूफान तेज हवाओं के साथ बारिश भी लाता है। चक्रवाती तूफान को हवा की रफ्तार के अनुसार, पांच श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में तूफान की रफ्तार 119 किमी से 153 किमी होती है। दूसरी श्रेणी में 154 से 177 किमी प्रति घंटे होती है। तीसरे श्रेणी में 178 से 208 किमी की रफ्तार वाले चक्रवाती तूफान को रखा गया है। 209 से 251 प्रति घंटे की रफ्तार वाले साइक्लोन को चौथी श्रेणी और 252 किमी प्रति घंटा या उससे ज्यादा की रफ्तार वाले को तूफान को पांचवी श्रेणी में बांटा गया है।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने पहले ही पूर्वानुमान लगाया था कि चक्रवात बिपरजॉय धीरे-धीरे 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की दिशा में आगे बढ़ रहा है और 14 जून के बाद इसकी दिशा बदलेगी। 15 जून की दोपहर तक 125-135 किमी/घंटा की रफ्तार से एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तट से टकराएगा। 14-15 जून को सौराष्ट्र, कच्छ में तेज बारिश होगी। तो एंजॉय करने की वजह यही है कि बिपरजॉय‌ सबसे कमजोर श्रेणी का चक्रवाती तूफान है। वरना सुनामी जैसे कहर का दंश और समुद्री तटों पर विनाश का तांडव हमारी आंखों को आज भी डरा देता है। उस समय‌ हम खुद ईटीवी में कार्यरत थे और तांडव का एक-एक दृश्य हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्म सिटी में ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ की न्यूज डेस्क पर बतौर कॉपी एडीटर/रिपोर्टर देख रहे थे। और उस समय मैंने सुनामी से मेरे मन में उपजा दर्द एक कविता में बयां किया था, जिसका जिक्र मैं फिर कभी करुंगा।

गनीमत है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के 15 जून को तबाही मचाने की आशंका के बीच 8 राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। नेवी, एयरफोर्स, सेना, एनडीआरएफ समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद हैं। 74 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का कच्छ में लैंडफॉल शुरू हो गया है। इस दौरान 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इस वक्त सौराष्ट्र के सभी इलाकों में भारी बारिश हुई। मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहने का पूर्वानुमान भी मौसम विभाग ने जारी किया था। और राहत की बात भी बताई थी कि इसके बाद तूफान कमजोर होकर राजस्थान की ओर मुड़ जाएगा। हालांकि, उससे पहले कच्छ, जामनगर और द्वारका में तेज हवाओं के चलते इलेक्ट्रिक पोल्स और पेड़ों के गिरने की तस्वीरें सामने आईं। इन इलाकों की बिजली भी काट दी गई। पर एंजॉय करने की बात यही है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सब अलर्ट पर हैं। गुजरात में एनडीआरएफ की 17 टीमें और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात कर दी गईं थी। वहीं, नौसेना के 4 जहाज भी स्टैंडबाय में रखे गए थे। तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। मौसम विभाग ने बता दिया था कि गुजरात और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों पर महातूफान का असर है। ये 9 राज्य लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और राजस्थान (पश्चिमी) हैं। तो बिपरजॉय‌ तुम उसी तरह आकर वापस लौट‌ जाना कि काफी तकलीफों के बाद भी जनहानि न हो और पीड़ित भी इस कठिन समय में संघर्ष करने के बाद भी बाद में एंजॉय कर सकें कि जान बची सो लाखों उपाय। 26 दिसंबर 2004 के दिन इंडोनेशिया में रिक्टर पैमाने पर 9.1 तीव्रता के भूकंप के बाद समुद्र के भीतर सुनामी की लहरें उठीं। जिसने भारत सहित 14 देशों में भारी तबाही मचाई थी। इस भीषण तबाही में 2 लाख 25 हजार से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। प्रकृति का वीभत्स रूप देखकर और अपनों को खोकर जिंदा बचे लोगों ने भी अपना मानसिक संतुलन खो दिया था। इसलिए बिपरजॉय बेहतर है, इसमें जॉय‌ छिपा है।