JP Nadda’s Term Extended : पार्टी का फैसला, एक साल और अध्यक्ष बने रहेंगे नड्डा!

देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने कार्यकाल बढ़ाया!

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JP Nadda’s Term Extended : पार्टी का फैसला, एक साल और अध्यक्ष बने रहेंगे नड्डा!

  New Delhi : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया है। अब वे अगले साल जनवरी तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे। जेपी नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होने वाला है। पहले से चर्चा थी कि जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया जा सकता है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस पर मुहर लगने की जानकारी बाहर आई। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा किसी नए अध्यक्ष को लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपने के बजाए जेपी नड्डा के कार्यकाल को ही विस्तार दिया है। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना हैं।
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल का होता है। जेपी नड्डा का 3 साल का कार्यकाल 20 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है। इसके पहले वे जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। उसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली। भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगातार तीन साल के लिए दो कार्यकाल दिए जाने का प्रावधान भी है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी और विश्वासपात्र माना जाता है। 2019 से लेकर वर्तमान समय तक जेपी नड्डा के नेतृत्व में जिस प्रकार से बीजेपी के संगठन में कार्य किया और बीजेपी जिस प्रकार से राज्यों में परचम लहराने में कामयाब रही है। नड्डा के कार्यकाल में पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को छोड़ दें, तो बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी को जबरदस्त जीत मिली।
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता ने एनडीए सरकार को चुना था। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) को बीजेपी से अलग कर लिया और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बना ली।

नड्डा को अभी नहीं हटाने का मूल कारण
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। 2023 में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है। इनमें से दो राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है। मध्यप्रदेश में भी पिछला चुनाव कांग्रेस ने ही जीता था, पर सिंधिया की कांग्रेस से बगावत के बाद भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही थी। पार्टी की कोशिश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने के साथ मध्यप्रदेश में बड़े अंतर से चुनाव जीतने की है।