

Judge’s Comment on Widow Lawyer : विधवा वकील पर जज की टिप्पणी पर वकीलों का विरोध, जज से माफी की मांग!
Ernakulam : केरल उच्च न्यायालय में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। वकीलों के एक वर्ग ने कोर्ट रूम के बाहर न्यायमूर्ति बदरुद्दीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों की मांग है कि जज ने एक वकील की विधवा के खिलाफ जो सख्त टिप्पणी की, उसे लेकर जज माफी मांगें। यह विरोध प्रदर्शन केरल हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन (केएचसीएए) के बैनर तले हुआ।
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जज और वकील एलेक्स एम स्कारिया की विधवा के बीच हुई बातचीत से हुई। जज ने कथित तौर पर उस पर परेशान करने वाली टिप्पणी की, जब उसने अनुरोध किया कि एक मामला, जो उसके मृत पति के नाम पर था, उसके नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाए। न्यायमूर्ति बदरुद्दीन की प्रतिक्रिया ने कथित तौर पर वकील को मानसिक रूप से परेशान किया। केएचसीएए ने आरोप लगाया कि जज की टिप्पणी अपमानजनक थी। जब महिला ने अपने पति की मृत्यु के बाद मामले को आगे बढ़ाने के लिए समय मांगा तो वह रोने लगी।
असामान्य घटनाक्रम के बाद जस्टिस बदरुद्दीन की अदालती कार्यवाही रद्द कर दी गई। अधिवक्ता संघ की आम सभा ने सोमवार को भी विरोध जारी रखने का फैसला किया है। आरोप है कि जज ने पहले भी कई अधिवक्ताओं से बदतमीजी की है। विरोध प्रदर्शन तेज होने पर मुख्य न्यायाधीश ने हस्तक्षेप किया और मामले की जांच के लिए समय मांगा। मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया है।
हंगामा बढ़ने पर जज ने अपने चैंबर में महिला वकील से माफी मांगने की पेशकश की। लेकिन, वकीलों की मांग है कि जज अदालत में सभी के सामने माफी मांगें। मामला बढ़ने पर अब केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने एसोसिएशन के नेताओं के साथ बैठक बुलाई है।
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