Jumma Holiday : बिहार के किशनगंज में रविवार की जगह शुक्रवार को जुमा-अवकाश!

सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया, अफसरों ने खुद ही तय कर लिया

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Jumma Holiday : बिहार के किशनगंज में रविवार की जगह शुक्रवार को जुमा-अवकाश!

Patna : बिहार के किशनगंज (Kishanganj) में 37 स्कूलों में छुट्टी अब रविवार के बजाए शुक्रवार यानी जुमे के दिन होगी। जबकि, झारखंड में पहले से ऐसा हो रहा है! शिक्षा विभाग के मुताबिक, ऐसा 5 ब्लॉक के 37 स्कूलों में काफी वक्त से हो रहा है। डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर सुभाष कुमार गुप्ता के मुताबिक, 1990 से पहले किशनगंज पूर्णिया जिले का सब डिवीजन था। शुक्रवार को स्कूल बंद रखने का ऑर्डर तब पूर्णिया जिले के एक अधिकारी ने दिया था।

किशनगंज जिले में 68% आबादी मुस्लिम है। जिन सरकारी स्कूलों में 60% बच्चे मुस्लिम हैं, वहां शुक्रवार को छुट्टी होती है। ये स्कूल रविवार को खुले रहते हैं। सरकार पता कर रही है कि किसके आदेश से ऐसा हो रहा है। रविवार की जगह कर दी शुक्रवार की छुट्टी, सरकार से भी नहीं ली कोई अनुमति

इन स्कूल के स्थापना काल से ही यह परंपरा यहां चली आ रही है। यहां इन शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर छुट्टी दी जाती है। जबकि, इसे लेकर कोई सरकारी आदेश भी नहीं दिया गया। वहीं रविवार को इन स्कूलों में पढ़ाई होती है।
झारखंड के बाद बिहार के भी कुछ स्कूलों पर मनमाने नियम लागू किए जा रहे हैं। किशनगंज जिले में स्थानीय लोगों ने सरकारी नियमों को तोड़ते हुए स्कूलों पर मनमाने नियम थोप दिए। इस जिले में 19 स्कूल ऐसे हैं जहां की मुस्लिम आबादी ज्यादा होने की वजह से साप्ताहिक छुट्टी रविवार से बदलकर शुक्रवार कर दी गई है और ‘जुमा अवकाश’ बना दिया गया है। वहीं रविवार को इन स्कूलों में पढ़ाई होती है।

शिक्षा विभाग का मानना है कि मुस्लिम बहुल इलाका होने और स्कूलों में अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने की वजह से ऐसी परंपरा शुरू से चली आ रही है। मगर इस संबंध में कहीं से कोई आदेश नहीं दिया गया है। अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने के कारण इन स्कूलों में शुक्रवार को नमाज पढ़ने की छुट्टी दी जा रही है। जबकि ये स्कूल उर्दू स्कूल भी नहीं है।
एक स्कूल के प्रिंसिपल के अनुसार, यह स्कूल हिंदी स्कूल है और यहां मुस्लिम स्टूडेंट्स की संख्या 80% से ज्यादा है। प्रिंसिपल ने आगे कहा कि स्कूल के स्थापना काल से ही इन स्कूलों में शुक्रवार को नमाज अदा करने के नाम पर अवकाश रहता है और रविवार को पढ़ाई होती है। जिले के अल्पसंख्यक इलाके के स्कूलों में पुरानी परंपरा के अनुसार यह नियम लागू कर दिया गया है। इन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को पढ़ाई कराई जा रही है। जबकि इस संबंध में कोई सरकारी आदेश भी नहीं दिए गए है।