
Justice Surya Kant ने ली भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
New Delhi:भारत की न्यायपालिका में आज एक महत्वपूर्ण पड़ाव दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली।
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

▪️समारोह में प्रमुख हस्तियां मौजूद
▫️शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश, सॉलिसिटर जनरल, अटॉर्नी जनरल, सांसद तथा कई वरिष्ठ विधि विशेषज्ञ मौजूद रहे।
राष्ट्रपति भवन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और कार्यक्रम का लाइव प्रसारण राष्ट्रीय चैनलों व न्यायपालिका की डिजिटल प्रणाली के माध्यम से भी किया गया।
▪️जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल
▫️नए CJI के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 15 महीनों का होगा। वे 9 फरवरी 2027 तक भारत की न्यायपालिका का नेतृत्व करेंगे। उनके कार्यकाल को न्यायिक सुधार, लंबित मामलों में कमी, डिजिटल अदालतों के विस्तार और जिला न्यायालयों में रिक्त पदों की तेज भरपाई के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

▪️कानूनी यात्रा और पृष्ठभूमि
▫️हरियाणा के निवासी जस्टिस सूर्यकांत ने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जज बने। वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद वे कई संवैधानिक, पर्यावरण, अपराध न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक मामलों की महत्वपूर्ण बेंचों का हिस्सा रहे। उनकी कानूनी शैली सरल, स्पष्ट और न्यायिक प्रशासन को पारदर्शी बनाने पर केंद्रित मानी जाती है।

▪️क्या रहेगा उनका फोकस
▫️मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत न्यायपालिका में कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने जा रहे हैं।
•वे लंबित मामलों की संख्या कम करने
•ई-कोर्ट और डिजिटल न्याय प्रणाली का विस्तार
•हाई कोर्ट और निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति को तेज करने
•न्यायिक प्रक्रिया को आम जनता के लिए सरल बनाने पर अपने कार्यकाल में जोर देंगे।
▪️नेताओं और विधि समुदाय की प्रतिक्रिया
▫️प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देते हुए कहा कि उनका अनुभव न्यायपालिका को नई दिशा देगा। उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री ने भी उन्हें शुभकामनाएं देते हुए न्यायिक सुधारों के प्रति उनके दृष्टिकोण की सराहना की। देशभर के वरिष्ठ वकीलों, बार एसोसिएशनों और कानूनी विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि उनका कार्यकाल न्यायपालिका में एक सक्रिय और सुधारात्मक काल साबित होगा।
▪️विधि जगत को नई दिशा देने वाली नियुक्ति
▫️जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति को आधुनिक न्याय व्यवस्था के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। उनके प्रशासनिक अनुभव और स्पष्ट दृष्टिकोण से सुप्रीम कोर्ट और देश की पूरी न्याय व्यवस्था में गति आने की उम्मीद बन गई है।





