
Jyoti’s Life & Family : गद्दारी करने वाली ज्योति मल्होत्रा का घर उसकी लक्जरी लाइफ से मेल नहीं खाता!
Hisar : यहां के न्यू अग्रसेन कॉलोनी की तंग गलियों के मकान आपस में इस तरह से सटे हैं कि पडोसी के घर की कोई बात नजदीक में रहने वालों से नहीं छुपती। यहीं रहती है ज्योति मल्होत्रा, जिस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप लगा है। गरीब परिवार की ज्योति आज सुर्खियों में है। यहां रहने वाले जो लोग अभी तक ज्योति मल्होत्रा से अनजान थे, वे भी उसका घर जानने लगे। लेकिन, कोई उसके बारे में बताते कुछ नहीं। पड़ोस के लोग ज्यादा कुछ तो नहीं जानते, लेकिन जितना जानते हैं वह बोलने के लिए तैयार नहीं। उनके मन में एक अज्ञात भय है कि देश के खिलाफ साजिश रचने के आरोप के छींटे कहीं उनके ऊपर न आ जाएं।

लगभग 50 गज का ज्योति का मकान सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरों से बिल्कुल मेल नहीं खाता। ज्योति के पिता हरीश कुमार ने बताया कि वे पहले फर्नीचर पॉलिश का काम करते थे, जो बहुत दिनों से छोड़ दिया है। इसके अलावा इस मकान में ज्योति के ताऊ कुशल सिंह रहते हैं जो बिजली बोर्ड में काम करते थे। वह मानसिक रूप से बीमार हैं। ज्योति की गिरफ्तारी के बाद इस मकान में सिर्फ ज्योति के पिता हरीश कुमार और उसके ताऊ कुशल सिंह ही हैं। उन्होंने बताया कि कुशल की पेंशन से घर का खर्च चलता है।

मां तीन साल की उम्र में ज्योति को छोड़ गई
हरीश ने बताया कि ज्योति जब लगभग 3 साल की रही होगी, तभी उसकी मां से उनका तलाक हो गया। इसके बाद उसकी दादी ने उसका पालन-पोषण किया। लगभग वह 8वीं कक्षा में रही होगी, तभी उसकी दादी की तबीयत खराब हुई और उनकी मृत्यु हो गई। कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली गई थी। लेकिन, कोविड के दौरान वापस चली आई। उसके पिता ने पूछने पर बताया कि हमें नहीं पता कि वह कितनी बार पाकिस्तान गई है। घर से वह जब भी बाहर जाती थी तो बताती थी कि मैं दिल्ली जा रही हूं। वे कहते हैं कि अगर पाकिस्तान गई भी होगी तो वैध तरीके से गई होगी।
जिंदगी का रास्ता गुनाहों की ओर मुड़ा
ज्योति मल्होत्रा साल 2018 को अपना पासपोर्ट बनवाया था। इसके बाद तीन बार पाकिस्तान यात्रा कर चुकी है। वहां लाहौर समेत कई स्थानों की यात्रा की। वहां से जुड़े ट्रैवल ब्लॉग और विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाले हैं। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई मल्होत्रा बहुत ही तंगहाल घर की लड़की है। लेकिन लग्जरी लाइफ जीने के शौक ने उसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया। सोशल मीडिया की तस्वीरों और लैविश लाइफ का स्टेटस उसके घर के हालात देखकर मेल नहीं खाता है।
उनके एक करीबी दोस्त ने बताया कि ज्योति ने करीब 14 साल पहले एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉइन किया था। रिसेप्शनिस्ट की नौकरी छोड़ने के बाद हिसार से 20 किमी दूर एक निजी स्कूल में पढ़ाने लगी। वहां भी कुछ ही समय काम किया और फिर एक प्राइवेट ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम शुरू कर दिया। उनके पिता का कहना है बेटी पढ़ाई के कुछ समय बाद ही नौकरी करने लगी थी। वह ज्यादा वक्त दिल्ली में रहती है और हिसार कम आती थी।





