Kailash Kher : मेरे घर में TV नहीं, मैंने अपने गाये गीतों वाली फ़िल्में नहीं देखी!

इंदौर पर फिल्मों व इल्मो का काफी प्रभाव, इस शहर की स्वच्छता देश के लिए प्रेरणा

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Kailash Kher : मेरे घर में TV नहीं, मैंने अपने गाये गीतों वाली फ़िल्में नहीं देखी!

Indore : जाने-माने सूफी गायक कैलाश खेर उज्जैन के महाकाल लोक के लोकार्पण अवसर पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए आज इंदौर पहुंचे। प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने बताया कि महाकाल लोक के लोकार्पण आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वे सवा माह में तैयार बाबा महाकाल के लिए गाए गीत का भी विमोचन करेंगे, जो खासकर महाकाल की नगरी और महाकाल लोक पर आधारित है।
प्रेस वार्ता में कैलाश खेर बाबा महाकाल की भक्ति का जिक्र करते नजर आए और कहते रहे मैं महाकाल का बेटा हूं। मुंबई और अपने घर के बारे में उन्होंने कहा कि उनका चार मंजिला घर है। लेकिन टीवी भी उनके घर में नहीं है। उन्होंने कई फिल्मों के गाने गाए, लेकिन आज भी वह उनकी ही गाई हुई फिल्मों को नहीं देख पाए। हालांकि, उन्होंने इस दौरान बाहुबली फिल्म की तारीफ की और कहा कि वह फिल्म उन्होंने 10 बार देखी है। उन्होंने कहा कि जब किसी को फिल्म देखने को लेकर मैं सजेस्ट करता हूं तो बाहुबली फिल्म के बारे में ही कहता हूं।

गायों को गोद लिया जाए
गायक कैलाश खेर ने इस दौरान धर्म और अध्यात्म को बढ़ावा देने की बात कहते हुए गायों को गोद लेने की भी बात कही, सूफी गायक कैलाश खेर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बीच-बीच में कई बेहतरीन शायरियों के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने उज्जैन में लोकार्पित होने वाले अपने गीत के बारे में कहा कि ये 108 संगीत वादकों और नाथ संप्रदाय के लोगों के सहयोग से तैयार किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि मोदी के जीने का उद्देश्य भगवान के मंदिरों और धर्म स्थलों को बचाना है। वे बोले कि आप महसूस कर रहे हैं कि मेरा भारत अब जाग रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गाय को बचाना जरूरी है। वक्त बदल रहा है कलाकार और गायक संसद तक पहुंच रहे हैं।

इंदौर का ट्रैफिक काफी सुधार हुआ
कैलाश खेर ने इंदौर का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्मों का प्रभाव और इल्मो का प्रभाव इंदौर पर काफी दिख रहा है। इंदौर शहर में ट्रैफिक का भी सुधार हुआ है। एक सवाल के जवाब में कैलाश खेर ने अपने जीवन के बारे में बताया कि वे 20-21 साल की उम्र में घर छोड़कर दूर चले गए थे। इस दौरान काफी संघर्ष के बाद मिली हार के बाद उन्होंने गंगा नदी में कूदकर जान देने की कोशिश की। लेकिन किसी ने उन्हें बचा लिया। कैलाश खेर ने आगे बताया कि करीब 30-31 साल की उम्र में वे मुंबई पहुंचे और अपने नए जीवन की शुरुआत करते हुए महाकाल की भक्ति में करीब 20 गाने लिखे और गाए। उन्होंने कहा कि 20 गानों में एक भी विचार रिपीट नहीं हुए हैं।

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द्वादश ज्योतिर्लिंग पर शोध
राजनीति में आने के सवाल पर कैलाश खेर ने इच्छा जाहिर की, लेकिन गोलमोल जवाब दे दिया। फिर कहा कि वे द्वादश ज्योतिर्लिंग पर वह एक शोध कर रहे हैं। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की भी तारीफ की और कहा कि यहां शंकराचार्य की मूर्ति भी स्थापित हो रही है। हमारा कर्म ही हमारा धर्म है। कैलाश खेर ने इंदौर की स्वच्छता का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर एक दिन पूरे देश को स्वच्छता को लेकर बहुत बड़ी प्रेरणा देगा। अपनी चिर परिचित शैली और अंदाज में कैलाश खेर ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी सूफियाना आवाज में कुछ गानों के बोल सुनाएं तो उन्होंने गाकर सभी को मंत्रमुग्ध होने पर मजबूर कर दिया।