
टाटा स्टील के कैंसर पीड़ित मैनेजर ने पत्नी और 2 नाबालिग बेटियों के साथ लगाई फांसी !
टाटा स्टील के अधिकारी कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस आत्महत्या का कारण जानने की कोशिश कर रही है.
टाटा स्टील गम्हरिया में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत कृष्ण कुमार (40) ने अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। यह हृदयविदारक घटना जमशेदपुर के आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चित्रगुप्त नगर में सामने आई, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चारों शव घर के अंदर फांसी के फंदे से लटके हुए पाए गए। मृतकों में कृष्ण कुमार, उनकी पत्नी डोली देवी, 13 वर्षीय पुत्री पूजा और छह वर्षीय पुत्री मैया शामिल हैं। घटना की जानकारी तब हुई जब पड़ोसियों को घर से दुर्गंध आने लगी और सूचना देने पर स्थानीय लोगों ने ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया।
कैंसर से जूझ रहे थे कृष्ण कुमार, डिप्रेशन में थे
कृष्ण कुमार कुछ समय पहले मुंबई में कैंसर का इलाज कराकर लौटे थे। परिवार वालों के अनुसार, डॉक्टरों ने उन्हें कीमोथेरेपी की सलाह दी थी, जो जमशेदपुर में भी उपलब्ध है। पिता शोभिंदो तिवारी ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद उनका बेटा काफी तनाव में रहने लगा था और घर से बाहर नहीं निकलता था। न ही वह किसी से बात कर रहे थे। अनुमान है कि इसी मानसिक दबाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया।
मुंबई में हुआ था इलाज, जमशेदपुर में करानी थी कीमोथेरेपी
पिता ने बताया कि बेटे की गंभीर स्थिति को देखते हुए बहू डोली देवी ने इलाज के लिए मुंबई ले जाने की पहल की थी। वहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें नियमित कीमोथेरेपी की जरूरत है। चूंकि यह सुविधा जमशेदपुर में भी उपलब्ध थी, इसलिए वे फ्लाइट से वापस लौट आए। कृष्ण कुमार ने टाटा स्टील में इलाज के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन इसके बाद पूरा परिवार घर में सिमट कर रह गया।
पुलिस जांच में जुटी, सुसाइड नोट नहीं मिला
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभी तक घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच कर रही है।
शहर में शोक की लहर
कृष्ण कुमार की आत्महत्या की खबर से टाटा स्टील और स्थानीय क्षेत्र में शोक की लहर है। उन्हें एक ईमानदार और जिम्मेदार अफसर के रूप में जाना जाता था। पड़ोसियों के अनुसार, उनका परिवार बेहद सुलझा हुआ और सौम्य स्वभाव का था। किसी को अंदाजा नहीं था कि वे इतने गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।





