Kamala Harris: दुनिया के 50 से ज़्यादा देशों में भारतीय मूल के व्यक्ति मंत्री, सांसद, विधायक ,मेयर- क्या अमेरिका का व्हाइट हाउस भी इस सूची में जुड़ने जा रहा है ?
राजीव शर्मा की खास रिपोर्ट
सिंगापुर ,ब्रिटेन ,सूरीनाम ,पुर्तगाल ,मारीशस,आयरलैंड में क्या समानता है ? भारतीय मूल के व्यक्ति यहाँ राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हैं या रह चुके हैं.अब से ठीक पचहत्तर दिन बाद क्या अमेरिका भी इस सूची में जुड़ने जा रहा है ? उत्तर तो अमेरिकी मतदाताओं के पास है पर संभावनायें उज्जवल हैं.
दुनिया के पचास से ज़्यादा देशों में भारतीय मूल के व्यक्ति सांसद और विधायक ,मेयर आदि हैं.पुतिन की पार्टी में एक बिहारी बंधु निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं तो कनाडा में भारतीय मूल के तीन मंत्री चौंकाते नहीं हैं.
श्यामला गोपालन की बेटी कमला हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति होने के बाद व्हाइट हाउस की ओर चल पड़ी है .उत्साह से उछलते युवा डेमोक्रेट और उनके पीछे चुनाव अभियान की बागडोर थामे ओबामा दंपत्ति ट्रम्प का जायका ख़राब कर चुके हैं।
न्यूयार्क टाइम्स ,द इकोनॉमिस्ट जैसे अख़बार पत्रिकायें और चैनलों का सुर ट्रम्प के सुर से मेल नहीं खा रहा पर उजली संभावना का अंतिम फ़ैसला तो उन बहुसंख्यक श्वेत मतदाताओं के हाथ है जो पहले दो बार ओबामा को चुन चुके हैं.
हम भारतीय अन्य देशों में भारत वंशियों की विजय गाथाओ पर गर्वोन्नत होते हैं जो सहज है पर याद रखने लायक़ तथ्य यह है कि उन्हें जो मतदाता जिता रहे हैं उनकी प्रतिबद्धता उनके स्थानीय और राष्ट्रीय हितों के प्रति है .