Kamalnath Gets Relief From HC: हनी ट्रैप मामले में कमलनाथ को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानिए आरोप, जांच और कोर्ट का फैसला

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Kamalnath Gets Relief From HC: हनी ट्रैप मामले में कमलनाथ को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानिए आरोप, जांच और कोर्ट का फैसला

 

भोपाल: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका सबूतों के अभाव में खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा कि मीडिया रिपोर्ट या अफवाहों के आधार पर किसी के खिलाफ जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता, जब तक ठोस प्रमाण न हों।

 

*क्या है हनी ट्रैप मामला?*  

सितंबर 2019 में इंदौर और भोपाल में पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, यह संगठित गिरोह था जो युवतियों के जरिए राजनेताओं, अफसरों और कारोबारियों को फंसाकर, उनकी आपत्तिजनक वीडियो, फोटो और सोशल मीडिया चैट के जरिए ब्लैकमेल करता था। गिरोह के पास स्पाई कैमरा, मोबाइल, कैश और महंगी SUV जैसी चीजें भी बरामद हुईं। मामला तब सामने आया जब इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत की। पुलिस ने जाल बिछाकर दो महिलाओं और उनके ड्राइवर को रंगे हाथ पकड़ा, फिर पूछताछ में बाकी आरोपियों का भी खुलासा हुआ।

 

*कमलनाथ पर क्या था आरोप?*  

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि कमलनाथ और उनके मंत्री रहे गोविंद सिंह के पास इस हनी ट्रैप कांड की सीडी/पेन ड्राइव और वीडियो क्लिप्स हैं। दावा था कि वे इनका इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए कर सकते हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता कोई ठोस सबूत या शपथपत्र कोर्ट में पेश नहीं कर सका। सिर्फ मीडिया रिपोर्ट और नेताओं के पुराने बयानों का हवाला दिया गया।

 

*कोर्ट का फैसला*  

जस्टिस विवेक रूसिया और बिनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने कहा—

1. इस मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और ट्रायल चल रहा है।

2. याचिकाकर्ता ने सिर्फ अखबारों में छपी खबरों के आधार पर याचिका दाखिल की, कोई व्यक्तिगत जानकारी या हलफनामा पेश नहीं किया।

3. कानूनन, कोर्ट सिर्फ मीडिया रिपोर्ट या अफवाहों के आधार पर संज्ञान नहीं ले सकता।

4. इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

*जांच और राजनीति*  

हनी ट्रैप केस के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था। SIT बनाई गई, कई बार जांच अधिकारी बदले गए। बीजेपी ने कमलनाथ पर आरोप लगाए कि वे सबूत छुपा रहे हैं, जबकि कमलनाथ ने कहा कि वे शालीन राजनीति में विश्वास रखते हैं और किसी के खिलाफ वीडियो या पेन ड्राइव का गलत इस्तेमाल नहीं करेंगे।

*निष्कर्ष* 

कोर्ट के फैसले के बाद कमलनाथ और गोविंद सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच का रास्ता बंद हो गया है। फिलहाल हनी ट्रैप केस में ट्रायल जारी है, और सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला न सिर्फ ब्लैकमेलिंग और संगठित अपराध का उदाहरण है, बल्कि राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भी हलचल मचा चुका है।