Kangana Again Interrupted : कंगना बोली ‘नेता राजनीति नहीं करेगा, तो क्या वो गोलगप्पे बेचेगा!’
शंकराचार्य ने एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी की, बीच में कंगना रनौत बोली!
New Delhi : अभिनेत्री से सांसद बनी कंगना रनौत अपनी बीच में बोलने की बीमारी से परेशान है। फिल्म इंडस्ट्री में भी वे दूसरे की बातों में बोलकर विवादों में पड़ चुकी है। अब राजनीति में भी उनकी यही आदत बरक़रार है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ऐसा बयान दिया, जो सुर्खियों में आ गया। कोई और नेता नहीं बोला पर कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी कि नेता राजनीति में राजनीति नहीं करेगा, तो क्या वो गोलगप्पे बेचेगा!
शंकराचार्य ने बयान में कहा कि उद्धव ठाकरे ‘विश्वासघात के शिकार’ हुए। उनके इस बयान पर राजनीति गरमा गई। अब भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आ गई। उन्होंने शंकराचार्य पर कटाक्ष करते हुए कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एकनाथ शिंदे को ‘देशद्रोही’ और ‘विश्वासघाती’ कहकर ‘सबकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’
एकनाथ शिंदे पर क्या बोले शंकराचार्य
शिंदे पर कटाक्ष करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि हिंदू धर्म के सिद्धांतों में विश्वासघात को सबसे बड़े पापों में से एक माना जाता है। जो विश्वासघात करते हैं वे हिंदू नहीं हो सकते। वे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिराने का जिक्र कर रहे थे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम हिंदू हैं और सनातन धर्म के अनुयायी हैं, जो ‘पुण्य’ और ‘पाप’ में विश्वास करते हैं, जिसमें ‘विश्वासघात’ सबसे बड़े पापों में से एक कहा जाता है। महाराष्ट्र में भी यही हुआ। स्वामी हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निमंत्रण पर मुंबई में थे।
विश्वासघात से दुखी हैं शंकराचार्य
शंकराचार्य ने कहा कि हमने ठाकरे को बताया कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हम कितने दुखी हैं। जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, तब तक हमारा दर्द खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग भी उस ‘विश्वासघात’ से व्यथित हैं। यह राज्य में हाल ही में हुए (लोकसभा) चुनावों के नतीजों से साबित हो गया। शंकराचार्य ने कहा कि विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कार्यकाल के बीच में सरकार को गिराना और जनादेश का अपमान करना स्वीकार्य नहीं है। हमें राजनीति से कोई सरोकार नहीं। लेकिन, हिंदू धर्म इस तरह के विश्वासघात को स्वीकार नहीं करता।
शिंदे के समर्थन में बोलीं कंगना
हालांकि, रनौत ने शिंदे का समर्थन करते हुए कहा कि अगर कोई नेता राजनीति में राजनीति नहीं करेगा, तो क्या वह गोलगप्पे बेचेगा! रनौत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजनीति में गठबंधन, संधि और पार्टी का विभाजन होना बहुत सामान्य और संवैधानिक है। कांग्रेस पार्टी 1907 में विभाजित हुई और फिर 1971 में फिर विभाजित हुई। शंकराचार्य जी ने अपने शब्दों और अपने प्रभाव और धार्मिक शिक्षा का दुरुपयोग किया है। धर्म भी यही कहता है कि अगर राजा खुद अपनी प्रजा का शोषण करने लगे तो राजद्रोह ही परम धर्म है। नवनिर्वाचित भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि शंकराचार्य ने एकनाथ शिंदे पर ‘देशद्रोही और विश्वासघाती’ होने का आरोप लगाकर कहा कि हम सभी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जी ऐसी तुच्छ और ओछी बातें कहकर हिंदू धर्म की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल थी। जून 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद गिर गई, जो भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।