कर्नाटक ओवर, अब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान पर नजर…

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कर्नाटक ओवर, अब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान पर नजर…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद अब सभी राजनैतिक दल के नेता चिंतामुक्त हो गए हैं। किसकी सरकार बनेगी और‌ कौन किंगमेकर होगा, यह सब आने वाले समय में तस्वीर साफ हो जाएगी। एग्जिट पोल्स में अलग-अलग राय तीन दिन यानि 13 मई 2023 को परिणाम आने तक सभी दलों को खुश रहने का पूरा हक दे रही है। तीन दिन बाद जब परिणाम सबके सामने होंगे, तब की स्थितियां यह तस्वीर साफ कर ही देंगी कि कौन सरकार बनाता है और कौन विपक्ष की भूमिका में रहता है।‌ जेडीएस के लिए किंगमेकर की भूमिका जैसी परिस्थितियां बन भी पाती हैं या नहीं। कर्नाटक पहुंचकर जनता की राय जानने वालों की मानें तो सरकार कांग्रेस की बनने की संभावना ज्यादा है। एग्जिट पोल्स की राय  में भिन्नता है। ज्यादातर का झुकाव कांग्रेस की तरफ है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जहरीला सांप, विषकन्या, राम, रावण, सज्जन, असुर, बजरंगबली सहित नई-नई शब्दावली का रोचक वर्णन हुआ है। पूरे देश और दुनिया में कम से कम भारतीय लोगों ने कर्नाटक चुनाव में हुई बयानबाजी को पूरे गौर से सुना होगा। और दलों के प्रति अपनी-अपनी राय भी बनाई होगी। अब जब मतदान हो चुका है, तब वही राय सामने आने वाली है। परिणाम यह बता देगा कि बजरंग दल पर बैन और बजरंगबली से प्यार और घृणा,‌ राम और असुर जैसी बातों ने मतदाताओं के मन पर किस हद तक असर डाला।
एग्जिट पोल्स के अनुमान कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों में बहुमत का जादुई आंकड़ा 113 है। राज्य में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस के बीच मुख्य मुकाबला है। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा एकतरफ जहां फिर बहुमत के साथ चुनाव जीतने का दावा किया है। वहीं, कांग्रेस ने भी प्रचार अभियान के दौरान एड़ी चोटी का जोर लगाया है। राजनीति में अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षरत कांग्रेस को पांच साल बाद एक बार फिर सत्ता में वापसी का भरोसा है। ज्यादातर एग्जिट पोल्स कांग्रेस की पीठ थपथपाकर इस भरोसे पर मुहर लगा रहे हैं। पर सही स्थिति तीन दिन बाद खुद-ब-खुद सामने आ रही है।
अब कर्नाटक का एपिसोड ओवर हो चुका है। अब राजनीतिक दलों खासकर भाजपा कांग्रेस का पूरा ध्यान राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर सिमटने वाला है। पिछली बार तीनों राज्यों से भाजपा को बेदखल कर कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस सरकारों का सफर जारी है, तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार पंद्रह माह ही चल पाई थी। अब मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है।  मध्यप्रदेश में पिछली बार कांटे की लड़ाई में जीतकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने आपसी कलह के चलते सवा साल में ही अपनी सत्ता गंवा दी थी। तीनों राज्यों में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अवैध खनन, अस्थिरता और कानून व्यवस्था बड़े मुद्दे हैं, तो अलग-अलग राज्यों में स्थानीय मुद्दे भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। राजस्थान में अनुभव और उम्र के धनी अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं। वहीं मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक एपिसोड ओवर होने के बाद मोदी-शाह और राहुल-प्रियंका तीनों राज्यों में अपने दल की सरकार बनाने की पूरी कवायद करते नजर आएंगे। यदि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो कांग्रेस का ऊंचा मनोबल इन राज्यों में चुनाव में विजय के प्रति आशान्वित रहेगा। पर भाजपा का मनोबल तो हमेशा ही बढ़ा हुआ है। सो तीनों राज्यों में चुनाव बहुत रोचक होंगे। तीन राज्यों के अलावा मिजोरम और तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव हैं। कर्नाटक से फुर्सत के बाद अब सभी की निगाहें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर खास तौर पर हैं…।‌