Karwa Chauth 2025: 1100 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना विश्व का एकमात्र करवा चौथ माता का मंदिर !

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Karwa Chauth 2025: 1100 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना विश्व का एकमात्र करवा चौथ माता का मंदिर !

विश्व का एकमात्र करवा चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर में है।1100 फीट ऊपर स्थित मंदिर तक पहुंचने में 700 सीढ़ियां चढ़ना पड़ती है। बरवाड़ा के इस मंदिर में करवा चौथ पर हजारों की तादाद में महिलाएं अपने पति के लंबे जीवन की कामना करने के लिए पहुंचती हैं। हाड़ौती के लोग अपना हर शुभ कार्य इस मंदिर से शुरू करते हैं।

चौथ माता का मंदिर (Chauth Mata Temple), जो कि सवाईमाधोपुर जिले के एक छोटे से कस्बे चौथ का बरवाड़ा में स्थित है। करवा चौथ (Karwa Chauth 2025) के दिन महिला श्रद्धालु यहां व्रत खोलने और पति की लंबी आयु की कामना करने के लिए आती हैं।श्रद्धालु करवा चौथ के दिन पूजा करने के लिए आते हैं? ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में की गई पूजा से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की प्राप्ति होती है. आइए जानते है इस मंदिर की खासियत.

Chauth Mata Mandir

1100 फीट ऊंची पहाड़ी पर मंदिर

चौथ माता हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी मानी जाती हैं, जो स्वयं माता पार्वती का ही एक रूप हैं। यह भव्य मंदिर शहर के शक्तिगिरी पर्वत पर बना हुआ है। यहां माता के दर्शन के लिए भक्तों को 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, क्योंकि यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला की चोटी पर करीब 1100 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना है। इस मंदिर में भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां भी हैं। सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना माता का मंदिर परंपरागत राजपूताना शैली को दर्शाता है.

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मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर में करवा चौथ माता की मूर्ति के साथ-साथ भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां भी विराजमान हैं। इस मंदिर में करवा चौथ, भाद्रपद चौथ, माघ चौथ और लक्खी मेला भी लगता है, जिसका हिस्सा बनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। साथ ही नवरात्र के दौरान भी यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं। इस मौकों पर मंदिर की सुंदरता और भव्यता देखते ही बनती है।

मंदिर की इतिहास

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सन 1451 में महाराजा भीम सिंह चौहान ने करवाया था, जो माता के परम भक्त थे। 1452 में मंदिर का जीर्णोद्घार किया गया। वहीं, मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी और तालाब का निर्माण सन 1463 में कराया गया था। इस मंदिर में राजपूताना शैली की एक अद्भुत झलक देखने को मिलती है। करवा माता का मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है।

ऐसी मान्यता है कि करवा माता मंदिर में देवी मां सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा पूरी करती हैं। इसके साथ ही यहां दर्शन और पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है। करवा चौथ के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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