भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों का सम्मेलन 14 दिसंबर को
Varanasi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सोमवार को अपने चुनाव क्षेत्र में ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। जब वे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का उद्घाटन करेंगे, उस समय 12 ज्योतिर्लिंगों और 51 सिद्ध पीठों के पुजारी वहां मौजूद होंगे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले 8 मार्च 2019 को किया गया था। अब 13 दिसंबर को इसका उद्घाटन हो रहा है। इस कॉरिडोर के जरिए गंगा घाट से सीधे काशी विश्वनाथ के दर्शन हो सकेंगे और कॉरिडोर में करीब 125 छोटे-बड़े मंदिरों की श्रृंखला (Series of 125 Small and Big Temples) है। इसके अलावा कॉरिडोर में वैदिक केंद्र तथा आधुनिक सुविधाओं का भी इंतजाम किया गया है। दो दिवसीय प्रवास पर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच रहे प्रधानमंत्री काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव (Kotwal Baba Kal Bhairav of Kashi) से अनुमति लेकर पतित पावनी गंगा का दर्शन व स्मरण करते हुए काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे।
इस आयोजन के बाद अगले दिन 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री मंदिर चौक में प्रमुख संतों और प्रबुद्धजनों से चर्चा करेंगे। मुख्य कार्यक्रम सोमवार को हो रहा है, लेकिन आयोजन की तैयारियां और काशी धाम के लोकार्पण का जश्न शुरू हो गया। पूरा काशी सजकर तैयार है। काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर वाराणसी के 7 लाख घरों में 16 लाख लड्डू बांटने की तैयारी (Preparation to Distribute 16 Lakh Laddoos) है। इसलिए कई जगह लड्डू बनाने का काम चल रहा है। लोकार्पण के दौरान काशी में देश की अलग-अलग संस्कृतियों की झलक दिखाई देगी।
लोकार्पण के दौरान तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए घाटों पर देव दीपावली (Dev Deepawali on the Ghats) की तरह दीये जलाए जाएंगे। लेजर लाइट शो के साथ वाराणसी के सभी मंदिरों और सरकारी व प्राइवेट बिल्डिंग को सजा दिया गया है। काशी विश्वनाथ के अलौकिक परिसर के स्वागत में पूरी काशी शिव दीपावली की तैयारी में है। रवियोग के अद्भुत संयोग में राजोपचार विधि से देश की सभी नदियों के जल से काशी पुराधिपति का अभिषेक कर पीएम मोदी मुख्य यजमान बनेंगे और षोडशोपचार विधि से आदि विश्वेश्वर का पूजा अनुष्ठान करेंगे।
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे में 13 दिसंबर से 14 जनवरी तक होने वाले ‘भव्य काशी दिव्य काशी’ कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिया कि 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के लोकार्पण के पश्चात 14, 15 एवं 16 दिसंबर को काशी के प्रत्येक घर में बाबा का विशेष प्रसाद और धाम के इतिहास से संबंधित कॉफी टेबल बुक हर हालत में पहुंचाई जाए।
वाराणसी के मंडलायुक्त और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह ऐतिहासिक पल है। सैकड़ों साल बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार हो रहा है। भव्य लोकार्पण की तैयारी की जा रही है, ताकि देश और विश्व भर के लोग इस पल के साक्षी बनें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को श्री काशी विश्वनाथ के जीर्णोद्धार के काम की सफलता के बारे में बता सकें। लोग सैकड़ों सालों तक इसे याद रखेंगे।
भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों का सम्मेलन 14 दिसंबर को होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महामंत्री संगठन बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग व सह प्रभारी आशीष सूद हैं। सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तीन दिन दिनांक 13, 14, 15 दिसंबर तक यहीं प्रवास करेंगे। ये होंगे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 13 दिसंबर की दोपहर तक वाराणसी पहुंच जाएंगे। इनके अलावा बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी भी इस सम्मेलन में शामिल होंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य मेजबान के रूप में पूरे कार्यक्रम में रहेंगे। काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार शाम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंच गए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करके कार्यक्रमों के बारे में जानकारी ली।
436 साल बाद मंदिर का कायाकल्प
इतिहासकारों के अनुसार पहली बार 436 साल पहले वर्ष 1558 में बनारस के व्यापारी रघुनाथ पंडित (टोडरमल) ने काशी विश्वनाथ मंदिर का कायाकल्प किया था। इसके बाद 1777 में रानी अहिल्याबाई होलकर ने विश्वनाथ धाम के तीन साल पहले के स्वरूप की परिकल्पना की थी और पूरे परिसर का जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद आठ मार्च 2019 को पीएम मोदी ने भव्य काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास किया था। आजादी के बाद सात दशक में पहली बार बने विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक जाने के लिए चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इनके नाम मुख्य मार्ग के आधार पर रखे गए हैं।
प्रमुख संतों और प्रबुद्धजनों से संवाद
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को मंदिर चौक में देशभर के प्रमुख संतों और प्रबुद्धजनों से संवाद करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मंच पर श्री श्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुल 4 हज़ार लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गई है।