कचरा पॉलिटिक्स’ ने उकेरी ‘मोहन’ की ‘जनहितैषी छवि’…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश में नए साल में यूनियन कार्बाइड ‘कचरा पॉलिटिक्स’ से कोहराम मच गया था। कचरे की आग पीथमपुर से दिल्ली तक फैल गई थी। पहले लग रहा था कि कांग्रेस ही पीथमपुर की जनता को भड़काने में मुख्य गुनहगार है। पर धीरे-धीरे सामने आया कि भाजपा की स्थानीय विधायक भी जनता के साथ खड़ी हैं। कोई अग्निदाह को तैयार है, तो कोई विरोध की पराकाष्ठा तक जाने की जिद पर अड़ा है। सरकार ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को पीथमपुर संकट से निजात पाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पर अंतत: बात नहीं बनी। तब अंत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपातकालीन बैठक बुलाई और समाधान भी दे दिया। एक ही बात कही कि ‘जनहित सर्वोपरि’। इन दो शब्दों में पूरी भावनाएं सिमट गईं। मोहन ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण, जनहित और जनभावनाओं का आदर करती है। पीथमपुरवासियों से अपील कर कहा कि सही तथ्य जाने बिना भ्रमित न हों।आपातकालीन बैठक कर वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ विधि वेत्ताओं से विचार-विमर्श किया और फैसला सुना दिया। आखिरकार नए साल में यूनियन कार्बाइड ‘कचरा पॉलिटिक्स’ के इस पूरे घटनाक्रम में ‘वेट एंड वॉच’ के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक समय तक शांत नजर आए, पर जब पीथमपुर के नागरिकों का धैर्य टूटते देखा तो फैसला लेने में देर नहीं की। और पीथमपुर के नागरिकों संग खड़े सीएम मोहन की जनहितैषी छवि ने सबका दिल जीत लिया। फिलहाल पहले साल की सभी उपलब्धियों पर सीएम मोहन यादव का यह फैसला भारी नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार जनता के साथ दृढ़ता से खड़ी है। जनता का किसी भी प्रकार अहित हो, यह हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। माननीय न्यायालय के सामने विषय लाएंगे और न्यायालय के आदेश के परिपालन में ही किसी कार्यवाही पर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से अपील की, कि झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें। हम सब जनता के साथ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करने वाली सरकार है। जनता से अपील है कि किसी भ्रम में न आएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 3 जनवरी 2025 को देर रात मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन एवं पीथमपुर के निकट निष्पादन किए जाने के संबंध में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ ही विधिवेत्ताओं से विचार-विमर्श किया था। इनमें उप मुख्यमंत्रीद्वय जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ सांसद और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, प्रमुख सचिव विधि सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सबकी उपस्थिति में यूनियन कार्बाइड के कचरे के विनिष्टीकरण किए जाने संबंधित कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई थी।
निष्कर्षत: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार है। हम सदैव जनता के हित को लेकर आगे बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिपालन में यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंचाने का परिपालन किया गया है। हमने न्यायालय की याचिकाओं और आदेशों के तारतम्य में सुरक्षा मापदंडों का परिपालन करते हुए केवल परिवहन किया है। माननीय न्यायालय ने इस कार्य के लिए डेडलाइन दी थी कि 4 जनवरी के पहले-पहले कचरा निर्धारित स्थान पर पहुंचना चाहिए। न्यायालय को 6 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट अपेक्षित थी। इसी परिप्रेक्ष्य में आदेश के परिपालन में यह निर्दिष्ट स्थान पर, जो उनके द्वारा बताया गया था, परिवहन आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया था।
पर मोहन की सोच का प्रकटीकरण इससे आगे था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगे कहा कि उनके ध्यान में यह बात आयी कि जनभावनाओं के लिए ऐसी परिस्थितियों में जनता तक यह विषय पहुंचना चाहिए। सुरक्षा के मापदंडों पर किसी प्रकार से कोई खतरा या कोई डर का भाव जनता के बीच आया तो राज्य सरकार यह प्रयास करेगी कि माननीय न्यायालय के समक्ष यह विषय प्रस्तुत हो। इसके बाद ही आगामी किसी प्रकार की कार्यवाही की जाए। माननीय न्यायालय जैसा आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तत्पर रहेंगे। तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे, जब तक न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं करता।
3 दिसंबर 2024 को यूनियन कार्बाइड हादसे की 40वीं बरसी पर किसी ने सोचा नहीं होगा कि एक माह बाद पीथमपुर में इसके कचरे से जनभावनाओं का विस्फोट होगा। पर यह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जनहितैषी चेहरा ही था, जिसने झुलस रहे पीथमपुर को पलक झपकते ही शांत कर दिया। नए साल में डॉ. मोहन यादव को इस विषमतम परिस्थिति ने यह अद्वितीय तोहफा दिया है। इससे परीक्षा के कड़े दौर से गुजर रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सौ फीसदी अंक हासिल कर जनहितैषी चेहरा बनकर उत्तीर्ण हुए हैं। कचरे के निष्पादन के विरोध में प्राण देने पर उतारू पीथमपुर की जनता को डॉ. मोहन यादव ने आश्वस्त किया है कि उनके सीएम रहते वह ऐसी नौबत कभी नहीं आने देंगे। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ हो गई है कि ‘कचरा पॉलिटिक्स’ ने ‘मोहन’ की ‘जनहितैषी छवि’ उकेरी है। उनके राजनैतिक जीवन में यह छवि मील का पत्थर साबित होगी…।